भोपाल। मध्य प्रदेश का लगभग हर श्मशान घाट, लाशों की ढेर से पटा पड़ा है. एक-एक श्मशान घाट पर एक साथ कई लाशों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. भोपाल के सिर्फ एक विश्राम घाट की बात करें तो आंकड़े चौकाने वाले हैं.
24 घंटे में 58 मौत, अंतिम संस्कार के लिए जगह पड़ी कम
भदभदा विश्राम घाट में 24 घंटे के अंदर 58 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. जिसमें से 47 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई. वहीं 11 लोगों की मौत सामान्य तौर पर हुई. लेकिन सरकारी आंकड़ों की बात करें, तो आंकड़ा इन तस्वीरों को गलत बताता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में 24 घंटे के अंदर सिर्फ 40 लोगों की मौत हुई है.
गिनती खत्म नहीं होती, अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं
राजधानी भोपाल में कोरोना महामारी के चलते मौत के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. यही कारण है कि श्मशान घाटों पर शव लाने के लिए जगह कम पड़ती जा रही है. भदभदा श्मशान घाट पर रोज 40 से ज्यादा शव अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक शव गृह के पास पड़े सपाट मैदान में शवों का अंतिम संस्कार किया गया जाता है. हालत ये हैं कि अंतिम संस्कार के लिए अब विश्राम गृह में जगह तक नहीं बची है.
छिंदवाड़ा में 37 शवों का अंतिम संस्कार, सरकारी आंकड़ों में सिर्फ दो की मौत
जोर शोर से हो रहा 30 नई चिता स्थल बनाने का काम
यहां युद्ध स्तर पर अंतिम संस्कार के लिए 30 नई चिता स्थल तैयार किए जा रहे हैं. समतल मैदान पर जेसीबी मशीन चल रही है. एक ओर नया चिता स्थल बनाया जाएगा. दूसरी तरफ शोक सभा के लिए टीन शेड तैयार किया जा रहा है. लोगों को बैठने के लिए भी एक अलग से शेड तैयार किया जा रहा है. एक तरफ यह मजदूर लोहे का सरिया काटकर 30 नई चिता के स्टैंड तैयार करने में लगे हैं. ये सब इसलिए हो रहा है कि मौजूदा समय में कोरोना का कहर जारी है. राजधानी भोपाल में लगातार 30 से 40 मौत रोज हो रही है.
चिता जलाने के लिए कम पड़ी जगह
भोपाल भदभदा विश्राम गृह के प्रबंधक अजीत चौधरी और सचिव ममता शर्मा का कहना है, कि वे दिन-रात व्यवस्था में लगे हैं. पहले लकड़ी की कमी थी, अब उसे दुरुस्त किया जा रहा है. निजी वेंडरों से लकड़ियां मंगाई जा रही हैं. इलेक्ट्रिक शवदाह गृह भी शुरू कर दिया है. इसके साथ ही विकल्प के तौर पर बुधवार को शवों की संख्या अधिक होने के कारण समतल स्थान पर अंतिम संस्कार किया गया था. आज भी ऐसी स्थिति है.
चिरायु हाॅस्पिटल के CMD ने मौत के आंकड़ों पर उठाए सवाल
एमपी में कोरोना से मौत के आंकड़ों को लेकर शिवराज सरकार घिरती जा रही है. चिरायु हाॅस्पिटल के CMD डाॅ. अजय गोयनका ने सरकार की ओर से बताए जा रही मौत की कम संख्या पर सवाल खड़े किए हैं. डॉ गोयनका ने कहा कि यहां हर दिन 12 से 15 मौतें हो रही हैं.जबकि सरकारी आंकड़ों में कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश 2 से लेकर 37 मौतें ही बताई जा रही हैं.
हेल्थ बुलेटिन और असल आंकड़े अलग-अलग ?
सोशल मीडिया पर एक खबर आई कि भोपाल के सबसे बड़े कोविड हाॅस्पिटल चिरायु में देर रात ऑक्सीजन की कमी से करीब 34 मरीजों की मौत हो गई. हालांकि कुछ मिनट बाद ही इस मैसेज को डिलीट कर दिया गया. मैसेज के बाद हाॅस्पिटल का एक वीडियो भी वायरल हुआ. जिसमें सुबह बहुत जल्दबाजी में ऑक्सीजन टैंकर पहुंचा. खबर को लेकर जब चिरायु हाॅस्पिटल के संचालक डाॅ. अजय गोयनका से पूछा तो उन्होंने बताया कि तमाम कोशिशों के बाद भी यहां पिछले एक सप्ताह में रोजाना 12 से 15 कोरोना मरीजों की मौत हो रही है. ऐसी ही स्थिति दूसरे अस्पतालों की भी है. डाॅ. गोयनका के इस बयान से कोरोना से मौतों के सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े हो गए हैं.
सरकार के आंकड़े
राज्य सरकार हर रोज कोरोना से जुड़ी जानकारी के लिए हेल्थ बुलेटिन जारी करती है. हेल्थ बुलेटिन की मानें तो मध्यप्रदेश में मंगलवार को 8,998 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, संक्रमितों की संख्या 3,53,632 हो गई है. मंगलवार को कोरोना संक्रमित 40 मरीज की मौत हुई है, मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 4,261 हो गया है. और 4070 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. अब तक प्रदेश में 3,05,832 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 43,539 मरीज एक्टिव हैं. यानी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे के अंदर 48 मरीजों की मौत हुई है. जबकि भदभदा विश्राम घाट पर ही 47 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ. जिनकी कोरोना संक्रमण से मौत हुई.
मंगलवार को चिरायु में हुई 18 कोरोना मरीजों की मौत
चिरायु में ऑक्सीजन की कमी से 34 लोगों की मौत की खबर को हाॅस्पिटल प्रबंधन ने भले ही इसे सिरे से नकार दिया है. लेकिन चिरायु में आज 18 कोरोना मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इनका भदभदा विश्राम गृह में अंतिम संस्कार किया गया.
नरसिंहपुर में 24 घंटे के अंदर 14 की मौत
कोरोना संक्रमण अब हंसते खेलते परिवारों में ग्रहण की तरह लग रहा है और उन्हें उम्र भर याद दिलाने वाले जख्म भी दे रहा है. बीते एक सप्ताह की बात करें, तो जिला अस्पताल में पांच से 6 मौतें आम हो चलीं थीं. मामता तब और गंभीर हो गया जब मंगलवार के दिन मौतों का ऐसा जलजला आया कि मृतक के परिवार के साथ-साथ मायूस नजर आए. जिला अस्पताल में सोमवार-मंगलवार को कोरोना से अब तक की सर्वाधिक मौतें दर्ज की गईं. यहां 24 घंटे के अंतराल में संक्रमितों और संदिग्धों को मिलाकर कुल 14 मौतें हुईं हैं.
झूठी है शिवराज सरकार ! छिपा रही कोरोना से मौत का आंकड़ा, चिरायु अस्पताल का दावा
कोरोना से होने वाली मौत की संख्या ने पकड़ी रफ्तार
सोमवार शाम से लेकर मंगलवार शाम तक जिला अस्पताल में संक्रमित और संदिग्ध 14 मरीजों की मौत दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि इनमें से दो मरीजों ने तो मंगलवार शाम एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाते ही दम तोड़ दिया. मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. हालांकि इसके पूर्व भी पिछले एक हफ्ते से चार-पांच मौतें यहां हो रहीं थीं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों की दम तोड़ना अपने आप में चिंता का एक गंभीर विषय है.
आंकड़े छुपाने से हमें कोई अवॉर्ड नहीं मिलने वाला- विश्वास सारंग
मध्य प्रदेश में कोरोना से हो रही मौतों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सरकार कोई आंकड़े नहीं छिपा रही है. सारंग ने कहा कि सरकार की कोई मंशा नहीं है कि मृत्यु के आंकड़े को छिपाए, ऐसा करके उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिलने वाला है.