भोपाल। हॉकी के बाद अब खेल विभाग का सपना बॉक्सिंग को बेहतर बनाने का है. इसके लिए भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में बॉक्सिंग की इंटरनेशनल रिंग लगाई गई है, जहां खिलाड़ी ओलंपिक के लिए तैयारी कर रहे हैं. रियो ओलंपिक से पहले मध्य प्रदेश के खेल विभाग ने ग्वालियर हॉकी अकादमी में हॉकी टर्फ बदलकर खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की टर्फ मुहैया कराई थी. जिसके बाद भारतीय हॉकी टीम में शामिल हुई और कई खिलाडियो ने प्रदेश का नाम रोशन किया. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश का खेल विभाग अब बॉक्सिंग के खिलाड़ियों को भी तैयार करने में लग गया है.
रिंग के अंदर प्रैक्टिस करने से खिलाड़ी का बढ़ेगा आत्मविश्वास: खेल विभाग की बॉक्सिंग अकादमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की बॉक्सिंग रिंग खिलाड़ियों के लिए लाई गई है. यह बॉक्सिंग रिंग इंटरनेशनल नॉर्म्स के अनुसार है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय खेल संघों से मान्यता प्राप्त है. अकादमी के इंटरनेशनल कोच रोशन लाल कहते हैं कि, इस रिंग के लग जाने के बाद बॉक्सिंग के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में अपना लोहा मनवा सकते हैं. रोशन के अनुसार जिस तरह से क्रिकेट में अगर ग्राउंड के पिच पर प्रैक्टिस की जाए और नॉर्मल सड़क पर प्रैक्टिस की जाए, वैसा ही अंतर इस रिंग में होता है. इस रिंग के अंदर प्रैक्टिस करने से खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिंग में खेलने की फीलिंग आती है साथ ही इसकी क्वालिटी भी उसी स्तर की है.
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अंतरराष्ट्रीय स्तर की रिंग से ओलंपिक में मिलेगी मदद: कई इंटरनेशनल मैच खेल चुके बॉक्सिंग के खिलाड़ी हिमांशु श्रीवास कहते हैं कि, अभी हाल ही में उन्होंने खेलो इंडिया गेम्स में बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया है. वहां भी इसी तरह की अंतरराष्ट्रीय स्तर की रिंग थी, अब हिमांशु का सपना ओलंपिक का है. वह कहते हैं कि इस रिंग के आने से ओलंपिक के लिए काफी मदद मिलेगी. वहीं अन्य खिलाड़ी दिव्या पवार मानती हैं कि इंटरनेशनल स्तर के बॉक्सिंग रिंग में प्रैक्टिस करने से उन्हें मेडल लाने में आसानी होगी.
हॉकी को बढ़ावा देने के लिए लगेंगी दो और नई टर्फ, जल्द बनकर तैयार होगा मिनी खेल मैदान
जल्द ही दो और सिंथेटिक टर्फ की सौगात: रियो ओलंपिक में हॉकी में पुरुषों ने तीसरा स्थान प्राप्त कर 44 साल बाद रिकॉर्ड बनाया था. इसके बाद देश और प्रदेश में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. भोपाल को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है, ऐसे में भोपाल को जल्द ही दो और सिंथेटिक टर्फ की सौगात मिलने जा रही है. स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित हो रहे बिसनखेड़ी-गौरागांव क्षेत्र में साई सेंटर, घुड़सवारी और शूटिंग अकादमी के बाद लगभग 15 से 20 करोड़ रुपए की लागत से पुरुष हॉकी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. खेल मंत्री यशोधरा राजे ने कहा कि बिसनखेड़ी-गौरागांव क्षेत्र में शूटिंग अकादमी के सामने अंतरराष्ट्रीय स्तर मापदंड के अनुसार सुविधाएं जुटाई जाएंगी. ऐशबाग स्टेडियम में भी नई टर्फ बिछेगी.
खिलाड़ियों के लिए बनेगा एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड: संभागीय मुख्यालय होने के कारण मध्यप्रदेश सरकार के खेल एवं युवक कल्याण विभाग (Sports and Youth Welfare Department) में सागर में हॉकी का फीडर सेंटर (Hockey Feeder Center) तो स्थापित किया गया था. यहां कोई भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैदान नहीं था. लेकिन अब कुछ ही दिनों में सागर के हॉकी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड की सुविधा मिलने वाली है. सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड सागर संभागीय खेल परिसर में हॉकी का एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड तैयार कर रही है.