भोपाल। चीन के वूहान शहर से शुरु हुआ कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में कहर वरपा रहा है, कोरोना संक्रमण से भारत भी तेजी से प्रभावित हुआ, जिसके चलते दुनियाभर के लोगों के जहन में केवल एक ही सवाल चल रहा है कि आखिर कोरोना खत्म कब होगा. क्योंकि कई रिपोर्ट ऐसे भी आई है जो निगेटिव आने के बाद दोबारा जांच कराने पर पॉजिटिव आई. जिससे लोगों में जहन में कोरोना का डर बैठा है.
उत्तराखंड में IFS के कुछ ट्रेनी जवानों को कोरोना के संदिग्ध होने के चलते देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनमें से एक जवान की पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन जब दोबारा से उसकी कोरोना वायरस की जांच कराई गई तो वह पॉजिटिव आई. इसी तरह के कई और मामले भी सामने आए. जो पहले निगेटिव और बाद में पॉजिटिव आए.
सही जांच न हो पाना बड़ा कारण
सवाल यह है कि आखिर कोरोना वायरस की शुरुआती रिपोर्ट निगटिव आने के बाद पॉजिटिव क्यों आ जाती है. मामले में जब एम्स के प्रोफेसर डॉ. रविकांत से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर कोरोना की जांच शुरुआत के दो से तीन घंटों के बीच में की जाती है तो वह अक्सर निगेटिव आती है. डॉ. रविकांत ने बताया कि अगर कोविड-19 तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसकी जांच के साधन उतनी आसानी से नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में अगर सही जांच नहीं हो पाती तो वह निगेटिव आती है, कई बार तो दो-दो बार जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद पॉजिटिव आती है.
हालांकि उन्होंने मरीजों से सावधानी बरतने की अपील की है. क्योंकि कोविड-19 संक्रमण के बाद वायरस के ख़िलाफ़ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, ऐसे में सावधानी से ही इस रोग से बचा जा सकता है. जिससे लड़ने के लिए हम सबकों को तैयार रहना होगा.