भोपाल। केंद्र की नई वाहन स्क्रैप पालिसी का असर राज्य में फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है. सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिलने की वजह से प्रदेश में अभी भी 20 साल पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं. इससे राज्य की फिजा जहरीली होती जा रही है. नई स्क्रैप पालिसी के तहत पुराने निजी वाहन और 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को कबाड़ घोषित किया जाना है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश आम बजट में नई वाहन स्कैप पालिसी लाने की घोषणा की थी.
चार महानगरों में साढ़े तीन लाख पुराने वाहन
शहरों में बढ़ते प्रदूषण की समस्या के मद्देनजर पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए केंद्र सरकार ने ये योजना शुरु की है. जानकारी के मुताबिक राज्य के भोपाल,इंदौर,जबलपुर,ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में ही इस तरह के करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा वाहन हैं. नई पालिसी के मुताबिक अब पुराने वाहनों को सड़कों पर चलाने से पहले फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा.
पुराने वाहनों पर लगे तुरंत रोक
पर्यावरण विद सुभाष सी पांडे का मानना है, कि पुराने वाहन वायु प्रदूषण के मुख्य सोर्स हैं. इनको जल्द ही डिस्पोज कबाड़ घोषित कर दिया जाना चाहिए. सड़कों पर इनके चलने पर तुरंत रोक लगाई जाना चाहिए. देश की राजधानी दिल्ली में 10 साल पुराने वाहनों को हटाने का काम शुरु हो गया है. लेकिन मध्यप्रदेश में अभी भी पुरानी गाड़ियां धड़ल्ले से चल रही हैं. पुराने वाहनों से फैलते वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) में याचिका भी लगाई गई है.
जागरूकता अभियान का अभाव
नई स्क्रैप पालिसी को देश भर में अगले साल अप्रैल महीने से लागू किया जाना है. राजधानी भोपाल में पुराने वाहनों को कंडम घोषित किए जाने को लेकर जागरूकता अभियान फिलहाल शुरु तक नहीं हुआ है. जानकारी के मुताबिक राजधानी में बड़ी संख्या में पुराने वाहनों को रंग रोगन करके सड़कों पर उतारने का काम किया जाता है. इनमें प्रदूषण मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता है. जुगाड़ वाहन बनाने वालों को जागरूक किए जाने की जरूरत है.
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अभी कोई निर्देश नहीं
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के मुताबिक स्क्रैप पालिसी को लेकर अभी तक विभाग को कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. जब नोटिफिकेशन आएगा है तो हम आगे का काम शुरु करेंगे.