भोपाल। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मध्य प्रदेश में मिला जुला असर देखने को मिला. बैंक, बीमा सेवाएं हड़ताल की वजह से प्रभावित रही. बैंक कर्मचारियों ने प्रदेश के कई शहरों में रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया. देशव्यापी इस हड़ताल में बैंक, बीमा, डाक घर, आयकर सहित कई केंद्रीय विभागों और औद्योगिक, निजी, ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों के असंगठित मजदूर शामिल हुए.
आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं कर रही, वेतनमानों में सुधार नहीं किया जा रहा, बैंकों का विलय कर रोजगार के अवसर कम किए जा रहे हैं, उद्योगपतियों को दिए गए कर्ज की वसूली न करके उन्हें इससे मुक्त किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में हड़ताल से लगभग पांच हजार बैंक शाखाओं के कामकाज प्रभावित हुए हैं. लेन-देन पूरी तरह बंद है, बैंक शाखाओं के बाहर ताले लटके हुए हैं. राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर सहित अन्य स्थानों पर रैलियां निकाली गई, हालांकि इस हड़ताल का असर प्रदेश के परिवहन सेवा पर नजर नहीं आया.
इंदौर में बैंकों के कर्मचारियों-अधिकारियों ने सांठा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया के पास प्रदर्शन किया. इसके बाद रैली बजाजखाना चौक पहुंची, जहां सभा आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने केंद्र की नीतियों का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की. हड़ताल में मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारी भी शामिल हैं. मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ के संयोजक वीकेएस परिहार ने बताया कि बिजली कर्मचारी एक दिनी हड़ताल पर हैं, और जहां भी बिजली फॉल्ट होगा, वह 24 घंटे बाद ही सुधारी जाएगी.