इंदौर। हनी ट्रैप मामला लगातार सुर्खियों में बना है. इस मामले का आरोपी अभिषेक ठाकुर ने अपने वकील के माध्यम से कई बात कही. साथ ही आरोपी सरकारी गवाह बनना चाहता है. हनी ट्रेप मामले में आरोपी अभिषेक ठाकुर पिछले दिनों जेल से रिहा हुआ था. इसके बाद सरकारी गवाह बनने की इच्छा रख रहा है. इसी के चलते हैं वह इंदौर की जिला कोर्ट में भी पहुंचा था. यहां पर उसने अपने वकील धर्मेंद्र गुर्जर से मुलाकात की और सरकारी गवाह बनने की इच्छा व्यक्त की.
15 से 20% की कमीशन की हुई थी बात: धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि आने वाले दिनों में अभिषेक यदि सरकारी गवाह बनता है तो वह कोर्ट के साथ ही पुलिस को कई तरह की जानकारी दे सकता है. अभिषेक ठाकुर ने एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर को बताया कि, उसकी मुलाकात श्वेता पति विजय जैन से सन 2016 में हुई थी. वह एक एनजीओ के सिलसिले में श्वेता जैन से मिला था. इसके बाद श्वेता जैन ने उसे आश्वासन दिया था कि, वह किसी सरकारी विभाग से उसे एनजीओ खुलवाने का काम दिलवा देगी. श्वेता जैन ने 15 से 20% की कमीशन की भी बात कही थी.
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यह हनी ट्रैप मामला नहीं ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह है. आरोपी महिलाओं को यह पूरी जानकारी थी कि अभिषेक उन्हें इस पूरे मामले में फंसा सकता है. इसीलिए उन्होंने मेरा नाम लेकर मुझे फंसा दिया है. आरोपी का कहना है यदि कोर्ट मुझे सरकारी गवाह बनाती है तो श्वेता के पास आने वाले कई अधिकारियों और सफेदपोश लोगों का राज खोल सकता हूं. - आरोपी अभिषेक ठाकुर
स्वेता के जरिए हुई थी आरती दयाल से मुलाकात: कुछ ही दिनों बाद श्वेता ने उसकी बागरोदा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित थर्मल प्रोजेक्ट फैक्ट्री का मैनेजमेंट देखने का जॉब ऑफर किया. इसके बाद श्वेता ने आरोपी अभिषेक ठाकुर को आरती दयाल से मिलवाया और एमएसएमई में लोन दिलवाने की बात कही थी. वह श्वेता की कंपनी में काम करता रहा. आरोपी अभिषेक ठाकुर का कहना है कि, वह आरती दयाल को नहीं जानता था, स्वेता के माध्यम से आरती दयाल से मुलाकात हुई थी. फिलहाल जिस तरह से आरोपी दावे कर रहा है उसके क्या क्या मायने निकाले जा सकते हैं यह आने वाले समय में देखा जाएगा.