ETV Bharat / city

जानिए भारत के पहले प्राइवेट रेलवे स्टेशन हबीबगंज को, क्या है खासियत, 15 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

भोपाल के हबीबगंज में देश का पहला विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला स्टेशन उद्घाटन के लिए तैयार है. एनवॉरनमेंट फ्रेंडली बिल्डिंग के साथ यहां सेफ्टी और सिक्योरिटी के ऐसे इंतजाम किए गए हैं जो देश में किसी अन्य स्टेशन पर मौजूद नहीं हैं. इसके साथ यहां यात्रियों की सुविधाओं के लिए भी तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं.

author img

By

Published : Nov 7, 2021, 4:23 PM IST

Updated : Nov 7, 2021, 10:37 PM IST

habibganj station
नाम की सियासत

भोपाल।हबीबगंज रेलवे स्टेशन री-डेवलपमेंट के बाद एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के साथ तैयार हो गया है. एक साथ 1100 यात्रियों के बैठने के साथ ही कई तरह की सुविधाओं पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इसकी लागत करीब 450 करोड़ रुपए है. पीएम नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को इसका उद्घाटन करेंगे.

habibganj railway station
सुविधाओं के मामले में एयरपोर्ट से कम नहीं हबीबगंज रेलवे स्टेशन

साध्वी प्रज्ञा ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से विवादों में रहीं. नाथूराम गोडसे को देशभक्त देने के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह प्रज्ञा सिंह को कभी माफ नहीं करेंगे. लेकिन अब चुनाव भी गुजर चुके हैं. इस बात को लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा भी गर्म हो गई है कि क्या देश के प्रधानमंत्री ने साध्वी प्रज्ञा को माफ कर दिया है. क्या उनकी मांग को प्रधानमंत्री स्वीकार कर लेंगे.

habibganj railway station
स्टेशन पर पहुंचकर आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आप किसी एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं
फिलहाल नाम बदलने का विचार नहीं

लेकिन अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अभी फिलहाल नाम बदलने को लेकर कोई सरकारी कार्यवाही नहीं हुई है. अधिकारी कहते हैं कि ये तो उसी दिन पता चलेगा कि प्रधानमंत्री स्टेशन का नाम बदलने की घोषणा करते हैं या नहीं .नाम बदलने को लेकर अभी बीजेपी कुछ भी बोलने से बच रही है. बीजेपी सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि 15 तारीख को नरेंद्र मोदी हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन करेंगे लेकिन नाम बदलने की बात का जवाब नहीं दिया.

पहले भी बीजेपी के लोग हबीबगंज का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं

1999 -2000 में जब कांग्रेस महापौर विभा पटेल थी तब बीजेपी ने नगर निगम में हबीबगंज का नाम राजा भोज किए जाने का प्रस्ताव नगर निगम में पास किया था . बीजेपी के पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान ने भी स्टेशन का नाम बदलकर राजा भोज करने की मांग की थी. प्रभात झा, जो कि राज्यसभा सदस्य रहे उन्होंने हबीबगंज का नाम अटल बिहारी वाजपेई के नाम से करने की मांग की थी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की फेहरिस्त में कूद पड़ी. उन्होंने अपना दावा बतौर सांसद तो किया ही लेकिन साथ ही वे रेलवे संसदीय स्थाई समिति की सदस्य भी हैं.

हबीबगंज का मतबल प्यारा शहर

habibganj station
वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी से लैस है हबीबगंज रेलवे स्टेशन

भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम मुगल काल में शाहजहां की बेगम ने दिया था. भोपाल बेगम ने सुंदरता हरियाली और झीलों को देखकर हबीबगंज नाम दिया था. यह फारसी शब्द है , जिसका मतलब होता है प्यारा शहर. पुराने तरीके से पटिया की सीट वाले और फिर रेगजीन सीट वाले रेलवे के डिब्बों को मॉडल रैक कोच का आइडिया भी हबीबगंज स्टेशन के खाते में है.

habibganj station
स्टेशन के बाहर की तरफ अस्पताल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाएं हैं

साफ सफाई के लिए जाना जाता है हबीबगंज स्टेशन

इस स्टेशन को 1979 में बनाया गया. स्टेशन अपने साफ सफाई के लिए शुरू से ही जाना जाता रहा है. यह भारत का पहला ISO 9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान ए भोपाल एक्सप्रेस का हेड क्वार्टर है. पर्यटन मंत्रालय ने पश्चिम मध्य रेलवे की हबीबगंज स्टेशन को भारत का बेस्ट टूरिस्ट फ्रेंडली स्टेशन घोषित किया है.

habibganj station
देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन

हबीबगंज के नाम एक रिकॉर्ड

हबीबगंज से डबल डेकर ट्रेन शुरू की गई थी. यह ट्रेन इंदौर हबीबगंज के बीच चलने वाली डबल डेकर ट्रेन देश की सबसे छोटी ट्रेन थी. इस ट्रेन में इंजन के अलावा सवारियों में सिर्फ दो AC डिब्बे थे. 1 साल तक यह ट्रेन चली उसके बाद घाटे के चलते बंद कर दी गई.

habibganj station
पीएम मोदी 15 नवंबर को करेंगे हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन

हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन क्यों कहा जा रहा है

रेलवे स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग के अनुसार डिजाइन किया गया है. इसमें प्राकृतिक रोशनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमामल होगा. बेहतर वेंटीलेशन री-साईकिल योग्य सामग्री का उपयोग, सौर ऊर्जा का दोहन, वाटर हार्वेस्टिंग और पर्यावरण के अनुकूल होना इसकी खासियत है. इसमें स्टेशन के दोनों तरफ टर्मिनल भवन, कॉर्नशेयर, सबवे और प्लेटफार्म खास हैं. रेलवे स्टेशन की कुल बिजली की मांग 950 किलोवाट है. रेलवे स्टेशन के लिए सोलर प्लांट से 660 किलोवाट बिजली मिलेगी.

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी

habibganj station
प्रवेश करने और ट्रेनों से उतरकर बाहर निकलने वाले यात्री एक-दूसरे से नहीं टकराएंगे

री डेवलपमेंट के बाद इस स्टेशन पर ऐसी सुविधा मिलेंगी जो मौजूदा समय में भारत के किसी भी स्टेशन पर नहीं है. शॉपिंग कॉम्पेल्कस, अस्पताल, मॉल ,स्मार्ट पार्किंग हाई सिक्योरिटी समेत कई वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी.

सुरक्षा की गारंटी!

habibganj station
24 घंटे प्राकृतिक रोशन से जगमगाएगा स्टेशन

प्रवेश करने और ट्रेन से उतरकर बाहर निकलने वाले यात्री एक दूसरे से टकराएंगे नहीं . सुरक्षा के लिहाज से 162 हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे स्टेशन पर नजर रखी जा सकती है. बड़ा सर्वर डेढ़ सौ टेराबाइट का है. ये एक महीने तक का डाटा स्टोर रखेगा.

भोपाल।हबीबगंज रेलवे स्टेशन री-डेवलपमेंट के बाद एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के साथ तैयार हो गया है. एक साथ 1100 यात्रियों के बैठने के साथ ही कई तरह की सुविधाओं पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इसकी लागत करीब 450 करोड़ रुपए है. पीएम नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को इसका उद्घाटन करेंगे.

habibganj railway station
सुविधाओं के मामले में एयरपोर्ट से कम नहीं हबीबगंज रेलवे स्टेशन

साध्वी प्रज्ञा ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से विवादों में रहीं. नाथूराम गोडसे को देशभक्त देने के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह प्रज्ञा सिंह को कभी माफ नहीं करेंगे. लेकिन अब चुनाव भी गुजर चुके हैं. इस बात को लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा भी गर्म हो गई है कि क्या देश के प्रधानमंत्री ने साध्वी प्रज्ञा को माफ कर दिया है. क्या उनकी मांग को प्रधानमंत्री स्वीकार कर लेंगे.

habibganj railway station
स्टेशन पर पहुंचकर आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आप किसी एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं
फिलहाल नाम बदलने का विचार नहीं

लेकिन अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अभी फिलहाल नाम बदलने को लेकर कोई सरकारी कार्यवाही नहीं हुई है. अधिकारी कहते हैं कि ये तो उसी दिन पता चलेगा कि प्रधानमंत्री स्टेशन का नाम बदलने की घोषणा करते हैं या नहीं .नाम बदलने को लेकर अभी बीजेपी कुछ भी बोलने से बच रही है. बीजेपी सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि 15 तारीख को नरेंद्र मोदी हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन करेंगे लेकिन नाम बदलने की बात का जवाब नहीं दिया.

पहले भी बीजेपी के लोग हबीबगंज का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं

1999 -2000 में जब कांग्रेस महापौर विभा पटेल थी तब बीजेपी ने नगर निगम में हबीबगंज का नाम राजा भोज किए जाने का प्रस्ताव नगर निगम में पास किया था . बीजेपी के पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान ने भी स्टेशन का नाम बदलकर राजा भोज करने की मांग की थी. प्रभात झा, जो कि राज्यसभा सदस्य रहे उन्होंने हबीबगंज का नाम अटल बिहारी वाजपेई के नाम से करने की मांग की थी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की फेहरिस्त में कूद पड़ी. उन्होंने अपना दावा बतौर सांसद तो किया ही लेकिन साथ ही वे रेलवे संसदीय स्थाई समिति की सदस्य भी हैं.

हबीबगंज का मतबल प्यारा शहर

habibganj station
वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी से लैस है हबीबगंज रेलवे स्टेशन

भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम मुगल काल में शाहजहां की बेगम ने दिया था. भोपाल बेगम ने सुंदरता हरियाली और झीलों को देखकर हबीबगंज नाम दिया था. यह फारसी शब्द है , जिसका मतलब होता है प्यारा शहर. पुराने तरीके से पटिया की सीट वाले और फिर रेगजीन सीट वाले रेलवे के डिब्बों को मॉडल रैक कोच का आइडिया भी हबीबगंज स्टेशन के खाते में है.

habibganj station
स्टेशन के बाहर की तरफ अस्पताल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाएं हैं

साफ सफाई के लिए जाना जाता है हबीबगंज स्टेशन

इस स्टेशन को 1979 में बनाया गया. स्टेशन अपने साफ सफाई के लिए शुरू से ही जाना जाता रहा है. यह भारत का पहला ISO 9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान ए भोपाल एक्सप्रेस का हेड क्वार्टर है. पर्यटन मंत्रालय ने पश्चिम मध्य रेलवे की हबीबगंज स्टेशन को भारत का बेस्ट टूरिस्ट फ्रेंडली स्टेशन घोषित किया है.

habibganj station
देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन

हबीबगंज के नाम एक रिकॉर्ड

हबीबगंज से डबल डेकर ट्रेन शुरू की गई थी. यह ट्रेन इंदौर हबीबगंज के बीच चलने वाली डबल डेकर ट्रेन देश की सबसे छोटी ट्रेन थी. इस ट्रेन में इंजन के अलावा सवारियों में सिर्फ दो AC डिब्बे थे. 1 साल तक यह ट्रेन चली उसके बाद घाटे के चलते बंद कर दी गई.

habibganj station
पीएम मोदी 15 नवंबर को करेंगे हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन

हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन क्यों कहा जा रहा है

रेलवे स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग के अनुसार डिजाइन किया गया है. इसमें प्राकृतिक रोशनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमामल होगा. बेहतर वेंटीलेशन री-साईकिल योग्य सामग्री का उपयोग, सौर ऊर्जा का दोहन, वाटर हार्वेस्टिंग और पर्यावरण के अनुकूल होना इसकी खासियत है. इसमें स्टेशन के दोनों तरफ टर्मिनल भवन, कॉर्नशेयर, सबवे और प्लेटफार्म खास हैं. रेलवे स्टेशन की कुल बिजली की मांग 950 किलोवाट है. रेलवे स्टेशन के लिए सोलर प्लांट से 660 किलोवाट बिजली मिलेगी.

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी

habibganj station
प्रवेश करने और ट्रेनों से उतरकर बाहर निकलने वाले यात्री एक-दूसरे से नहीं टकराएंगे

री डेवलपमेंट के बाद इस स्टेशन पर ऐसी सुविधा मिलेंगी जो मौजूदा समय में भारत के किसी भी स्टेशन पर नहीं है. शॉपिंग कॉम्पेल्कस, अस्पताल, मॉल ,स्मार्ट पार्किंग हाई सिक्योरिटी समेत कई वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी.

सुरक्षा की गारंटी!

habibganj station
24 घंटे प्राकृतिक रोशन से जगमगाएगा स्टेशन

प्रवेश करने और ट्रेन से उतरकर बाहर निकलने वाले यात्री एक दूसरे से टकराएंगे नहीं . सुरक्षा के लिहाज से 162 हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे स्टेशन पर नजर रखी जा सकती है. बड़ा सर्वर डेढ़ सौ टेराबाइट का है. ये एक महीने तक का डाटा स्टोर रखेगा.

Last Updated : Nov 7, 2021, 10:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.