भोपाल। मध्यप्रदेश में घटित हो रही घटनाओं पर मानव अधिकार आयोग ने सख्त रूख इख्तियार कर लिया है. प्रदेश के गुना जिले के एक सरकारी स्कूल में छात्राओं द्वारा शौचालय साफ करने के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और जिला शिक्षा अधिकारी से इस पूरे मामले में जवाब तलब किया है. दोनों अधिकारियों को एक माह के अंदर तथ्यात्मक जवाब आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना है.
स्कूल में छात्राएं टॉयलेट करती हैं साफ: मध्य प्रदेश के गुना के ब्लॉक के चकदेवपुर प्राथमिक विद्यालय में छात्राओं को खुद शौचालय की सफाई करनी पड़ती है. गुरुवार को बच्चियों द्वारा स्कूल के शौचालय की सफाई करते फोटो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. दरअसल ये पूरा मामला सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया और जैसे ही जिले के कलेक्टर को मामले की जानकारी हुई उन्होंने तत्काल इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब कर ली.
बेटी पढ़ाओ अभियान की खुली पोल: स्कूल की यूनिफॉर्म में छात्राएं टॉयलेट की सफाई कर रही हैं. तस्वीरों में 6 छात्राएं हैंडपंप से बाल्टी में पानी भरकर लाती दिखाई दे रही हैं और टॉयलेट की सफाई कर रही हैं. सीएम शिवराज की लाड़लियां मजबूर हैं गंदगी से भरे जर्जर शौचालयों को साफ करने के लिए. तस्वीरों के वायरल होते ही कांग्रेस भी प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि, तस्वीरें बेहद आपत्तिजनक हैं. मामाजी की सरकार में स्कूल में भांजियों से शौचालय साफ कराया जा रहा है. ये है बेटी पढ़ाओ अभियान की हकीकत. जैसे ही छात्राओं द्वारा शौचालय सफाई का मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल में जांच के लिए भेजा गया. राजधानी में इस पूरे मामले में मानव अधिकार आयोग ने तत्काल संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
(School girls cleaning toilets in Guna) (Human Rights Commission issued Notice) (Notice to education department) (Picture Exposing Beti Bachao Beti Padhao campaign)