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शासकीय शिक्षकों को नहीं मिलती 1 तारीख में तनख्वाह, मांग पूरी ना होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

शिक्षकों की केवल एक मांग है कि जो वेतन उन्हें महीने की 5 या 10 तारीख को मिलती थी, वह वेतन 1 तारीख को मिले.

शासकीय शिक्षकों की मांग
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Published : May 5, 2019, 8:55 PM IST

भोपाल। राजधानी के सरकारी शिक्षकों को 1 तारीख को वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है, जिसको लेकर शिक्षकों में खासी नाराजगी है. शिक्षकों की केवल एक मांग है कि जो वेतन उन्हें महीने की 5 या 10 तारीख को मिलती थी, वह वेतन 1 तारीख को मिले.

शासकीय शिक्षकों की मांग

सरदार वल्लभभाई स्कूल के प्रधानाध्यापक सुभाष सक्सेना ने बताया कि शिक्षक दिन और रात मेहनत करते हैं. शिक्षकों के ऊपर कई सारे लोन भी हैं, बच्चों का एजुकेशन लोन, होम लोन सहित अन्य लोन उन्होंने ले रखे हैं, लेकिन वेतन कभी भी 1 तारीख को नहीं आता है. जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मामले को लेकर शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को भी पत्र लिखा है. उच्च शिक्षा मंत्री को भी आवेदन दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है. एक तरह से शिक्षकों का खून चूसने का काम कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि 23 मार्च तक अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो 24 मार्च को शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे.

उनका कहना है कि इतनी भीषण गर्मीयों में जहां पर किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं है, इसके बावजूद शिक्षक अपना अध्यापन निर्वाचन कार्य और सैकड़ों गैर शिक्षक कार्य में दिन-रात पूरी जिम्मेदारी से लगा हुआ है.

भोपाल। राजधानी के सरकारी शिक्षकों को 1 तारीख को वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है, जिसको लेकर शिक्षकों में खासी नाराजगी है. शिक्षकों की केवल एक मांग है कि जो वेतन उन्हें महीने की 5 या 10 तारीख को मिलती थी, वह वेतन 1 तारीख को मिले.

शासकीय शिक्षकों की मांग

सरदार वल्लभभाई स्कूल के प्रधानाध्यापक सुभाष सक्सेना ने बताया कि शिक्षक दिन और रात मेहनत करते हैं. शिक्षकों के ऊपर कई सारे लोन भी हैं, बच्चों का एजुकेशन लोन, होम लोन सहित अन्य लोन उन्होंने ले रखे हैं, लेकिन वेतन कभी भी 1 तारीख को नहीं आता है. जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मामले को लेकर शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को भी पत्र लिखा है. उच्च शिक्षा मंत्री को भी आवेदन दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है. एक तरह से शिक्षकों का खून चूसने का काम कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि 23 मार्च तक अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो 24 मार्च को शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे.

उनका कहना है कि इतनी भीषण गर्मीयों में जहां पर किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं है, इसके बावजूद शिक्षक अपना अध्यापन निर्वाचन कार्य और सैकड़ों गैर शिक्षक कार्य में दिन-रात पूरी जिम्मेदारी से लगा हुआ है.

Intro:मध्य प्रदेश की राजधानी के शिक्षकों को कभी भी 1 तारीख को वेतन का भुगतान नहीं होता है पूरे भोपाल के संकुल ओं की यही हालत है इतनी भीषण गर्मी यों में जहां पर किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं है इसके बावजूद बेचारा शिक्षक अपना अध्यापन निर्वाचन कार्य और सैकड़ों गैर शैक्षणिक कार्य में दिन रात पूरी जिम्मेदारी से लगा रहता है उस शिक्षक को 1 तारीख को तनखा पानी का भी हक नहीं है ऐसा कहना है शासकीय स्कूलों के शिक्षकों का जो हर माह की 1 तारीख को चमकाना मिलने से त्रस्त है


Body:राजधानी के सरकारी शिक्षकों को हर माह की 1 तारीख को कभी भी वेतन नहीं मिलता है जिसको लेकर शिक्षकों में खासा नाराजगी है सरदार वल्लभभाई स्कूल के प्रधानाध्यापक सुभाष सक्सेना ने बताया कि हम शिक्षक दिन और रात मेहनत करते हैं क्योंकि हम सरकारी नौकरी में हैं तो हमारे ऊपर कई सारे लोग भी रहते हैं बच्चों का एजुकेशन लोन होम लोन सहित अन्य लोन हमने ले रखे हैं लेकिन हमारा वेतन कभी भी 1 तारीख को नहीं आता है जिसकी वजह से हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसके लिए हमने स्कूल शिक्षा मंत्री को भी पत्र लिखा है उच्च शिक्षा मंत्री को भी आवेदन दिया है लेकिन इसके बावजूद हमारी किन्ही भी शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है या एक तरह से हम शिक्षकों का खून चूसने का काम कर रहे हैं हमने भी इनको अब 23 तारीख की डेट दे दी है 23 तारीख को अगर हमारी बातें नहीं मानी जाती हैं तो फिर 24 तारीख हमारी होगी और मध्यप्रदेश के सभी शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे सरकार के खिलाफ हमारी सरकार से बस एक ही मांग है कि जो वेतन हमें माह की 5 या 10 तारीख को आता है वह वेतन हमें माह की 1 तारीख को आए हम सरकारी कर्मचारियों का यह हक है और मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारियों को 1 तारीख को वेतन मिलता है तो फिर हम शिक्षक इससे क्यों वंचित है..
उनका कहना है इतनी भीषण गर्मी यों में जहां पर किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं है इसके बावजूद बेचारा शिक्षक अपना अध्यापन निर्वाचन कार्य और सैकड़ों गैर शिक्षक कार्य में दिन रात पूरी जिम्मेदारी से लगा हुआ है संकुल में बैठे बाबू लोग दिनभर ऐसी कूलर ओं की हवा में बैठ कर उन कार्यों को करते हैं जिनमें मिलता है इन लोगों को शिक्षकों की कोई परवाह नहीं है लगभग 90% शिक्षकों के कार्य बैंकों से लोन आदि से चलते हैं... शिक्षा कौन है आप यहां ठान लिया है कि आचार संहिता के बाद अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है मां का वेतन 1 तारीख को नहीं आता है तो यह शिक्षक आंदोलन करेंगे और अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन करेंगे यह सरकार को एक चुनौती है

बाइट सुभाष सक्सेना प्रधानाध्यापक सरदार वल्लभभाई स्कूल


Conclusion:राजधानी के शिक्षकों को मां के 1 तारीख को वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री उच्च शिक्षा मंत्री को दिया आवेदन शिक्षकों की सरकार को खुली चुनौती 23 तारीख आपकी है तो 24 तारीख हमारी होगी आचार संहिता के बाद अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम शिक्षक उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे
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