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ना बीमार-ना इलाज, खाते में आए 15 हजार: CM स्वेच्छानुदान में फर्जीवाड़ा - bhopal

सीएम स्वेच्छानुदान के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. बिना बीमार और बिना इलाज करवाए एक स्वस्थ व्यक्ति को 15 हजार रुपए दे दिए गए.

fraud in voluntary grant scheme
ना बीमार-ना इलाज, खाते में आए 15 हजार
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Published : Mar 24, 2021, 5:05 PM IST

भोपाल। इलाज के लिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि पाने के लिए ज्यादातर लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैैं. लेकिन राजधानी भोपाल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें ना तो कोई बीमार हुआ, ना ही हॉस्पिटल में इलाज चला. इसके बाद भी सीएम स्वेच्छा अनुदान के नाम पर 15 हजार रुपए की राशि आवंटित हो गई. मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर शाहपुरा थाने में FIR दर्ज हुई. आरोपी डॉक्टर अब तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं.

इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर के नाम से निकली राशि

मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के नाम पर फर्जी तरीके से राशि इंडियन ऑयल कारपोरेशन के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर दिनेश चंद्र जोशी के नाम से निकाली गई है. दिनेश चंद्र जोशी के मुताबिक वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. पिछले कई महीनों से वे ना तो बीमार पड़े हैं और ना ही वे हॉस्पिटल में एडमिट हुए हैं. इसके बाद भी डॉक्टर रजनी मालवीय, डॉ आशीष आनंद राव और डॉक्टर सुरेश उइके ने परवलिया रोड पर स्थित सफलता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में उन्हें एडमिट दिखा दिया. साथ ही 96 हजार रुपए का एस्टीमेट बनाकर सहायता राशि के लिए आवेदन कलेक्टर कार्यालय में जमा कराया.

अच्छे भले आदमी के पैर में दिखा दिया फ्रैक्चर

बाद में उनके नाम से 15 हजार रुपए मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के रूप में आवंटित कर दी गई. दिनेश चंद्र जोशी कहते हैं कि रिपोर्ट में उनके पैर में फ्रैक्चर दिखाया गया है. मामले की भनक लगने पर दिनेश चंद्र जोशी ने इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय और फिर मुख्यमंत्री सचिवालय में की. मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR कराने के निर्देश दिए. हालांकि मामला दर्ज कराने के दो महीने बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

योजनाओं के नाम पर महिलाओं से लाखों की ठगी, पीड़ितों ने लगाई एसपी से गुहार

रिटायर्ड अधिकारी का डॉक्टरों से लेन-देन पर विवाद

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से रिटायर्ड अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी का डॉक्टर रजनी मालवीय से 20 लाख रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद भी चल रहा है. दिनेश चंद्र जोशी के मुताबिक डॉक्टर ने पहले पढ़ाई के नाम पर और फिर हॉस्पिटल खोलने के नाम पर टुकड़ों में कुल 20 लाख रुपए का उधार लिया था. पूरा लेनदेन चेक के माध्यम से हुआ. बाद में वे पैसा देने में आनाकानी करने लगीं. आरोप है कि डॉक्टर ने उनके बैग से साइन किए हुए चेक चुरा लिए. बाद में बैंक में चेक बाउंस दिखाकर उन्हें नोटिस भेज दिया. मामले को लेकर थाने में भी मामला दर्ज कराया गया है.

भोपाल। इलाज के लिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि पाने के लिए ज्यादातर लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैैं. लेकिन राजधानी भोपाल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें ना तो कोई बीमार हुआ, ना ही हॉस्पिटल में इलाज चला. इसके बाद भी सीएम स्वेच्छा अनुदान के नाम पर 15 हजार रुपए की राशि आवंटित हो गई. मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर शाहपुरा थाने में FIR दर्ज हुई. आरोपी डॉक्टर अब तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं.

इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर के नाम से निकली राशि

मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के नाम पर फर्जी तरीके से राशि इंडियन ऑयल कारपोरेशन के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर दिनेश चंद्र जोशी के नाम से निकाली गई है. दिनेश चंद्र जोशी के मुताबिक वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. पिछले कई महीनों से वे ना तो बीमार पड़े हैं और ना ही वे हॉस्पिटल में एडमिट हुए हैं. इसके बाद भी डॉक्टर रजनी मालवीय, डॉ आशीष आनंद राव और डॉक्टर सुरेश उइके ने परवलिया रोड पर स्थित सफलता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में उन्हें एडमिट दिखा दिया. साथ ही 96 हजार रुपए का एस्टीमेट बनाकर सहायता राशि के लिए आवेदन कलेक्टर कार्यालय में जमा कराया.

अच्छे भले आदमी के पैर में दिखा दिया फ्रैक्चर

बाद में उनके नाम से 15 हजार रुपए मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के रूप में आवंटित कर दी गई. दिनेश चंद्र जोशी कहते हैं कि रिपोर्ट में उनके पैर में फ्रैक्चर दिखाया गया है. मामले की भनक लगने पर दिनेश चंद्र जोशी ने इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय और फिर मुख्यमंत्री सचिवालय में की. मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR कराने के निर्देश दिए. हालांकि मामला दर्ज कराने के दो महीने बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

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रिटायर्ड अधिकारी का डॉक्टरों से लेन-देन पर विवाद

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से रिटायर्ड अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी का डॉक्टर रजनी मालवीय से 20 लाख रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद भी चल रहा है. दिनेश चंद्र जोशी के मुताबिक डॉक्टर ने पहले पढ़ाई के नाम पर और फिर हॉस्पिटल खोलने के नाम पर टुकड़ों में कुल 20 लाख रुपए का उधार लिया था. पूरा लेनदेन चेक के माध्यम से हुआ. बाद में वे पैसा देने में आनाकानी करने लगीं. आरोप है कि डॉक्टर ने उनके बैग से साइन किए हुए चेक चुरा लिए. बाद में बैंक में चेक बाउंस दिखाकर उन्हें नोटिस भेज दिया. मामले को लेकर थाने में भी मामला दर्ज कराया गया है.

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