भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को महज 15 महीनों में सत्ता से बाहर कर फिर से प्रदेश में सरकार बना ली. चौथी बार सीएम बनते ही शिवराज सिंह चौहान ने बहुमत भी आसानी से साबित कर दिया. लेकिन खुद शिवराज भी यह बात जानते हैं कि इस बार उन्होंने चुनौतियों से भरा ताज पहना है. जिसमें सबसे पहली चुनौती मंत्रिमंडल गठन की है.
शिवराज सिंह चौहान के लिए इस बार कैबिनेट का गठन करना आसान नहीं है. क्योंकि कांग्रेस ने अपने असंतुष्ठ विधायकों को नहीं साध पाई. जिसके चलते कमलनाथ सरकार गिर गई. कुछ ऐसी ही परिस्थितियां शिवराज सिंह चौहान के सामने भी हैं. सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया के दम पर बनी हैं. लिहाजा मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को जगह देना बीजेपी की पहली प्राथमिकता है. तो बीजेपी में भी मंत्री बनने के लिए दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है.
मध्य प्रदेश में बन सकते हैं 35 मंत्री
मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा में कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं. शिवराज के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्षेत्रीय, समाजिक और जातिगत समीकरण साधने की होगी. सियासी जानकारों की माने तो बीजेपी के कुछ प्रमुख दावेदारों में नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ला, अरविंद भदौरिया, संजय पाठक, विश्वास सारंग ये वो नाम हैं जिनकी कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका रही. ऐसे में इनका मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. तो कमल पटेल, विजय शाह, रामपाल सिंह, गौरीशंकर बिसेन, अजय विश्रोई, हरिशंकर खटीक, जगदीश देवड़ा, केदारनाथ शुक्ला, नागेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, गायत्री राजे पवार ये वो नाम हैं जो मंत्रिमंडल में जगह बनाने के दावेदारों में शामिल हैं.
सिंधिया सर्मथकों को भी बनाया जाएगा मंत्री
बात अगर सिंधिया समर्थकों की हो तो 22 विधायकों में से तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर और महेंद्र सिंह सिसोदिया कमलनाथ सरकार में भी मंत्री थे. इनका मंत्री बनना भी तय माना जा रहा है. तो बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और हरदीप सिंह डंग को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. वही निर्दलीय विधायकों ने भी शिवराज सरकार का समर्थन कर दिया जो फिर से मंत्री बनने की कर रहे हैं.
बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी में ऐसे विधायकों की फेहरिस्त भी लंबी हैं जो तीसरी या चौथी बार विधायक बने हैं. जिनकों साथ लेकर चलना सीएम शिवराज के लिए बड़ी चुनौती है. सूत्रों की माने तो बीजेपी सारे समीकरणों को साधकर ही मंत्रिमंडल का गठन कर सकती है. चर्चा तो यहां तक है कि प्रदेश सरकार में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे. यानि शिवराज सिंह चौहान के लिए मंत्रिमंडल का गठन करना बड़ी चुनौती मानी जा रही है.