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वीडियो में देखें अरविंद भदौरिया का कैसे कुर्ता खींच रहे नरोत्तम मिश्रा, क्या सीएम शिवराज का सम्मान नहीं चाहते गृहमंत्री ? कांग्रेस ने ट्वीट कर ली चुटकी - भोपाल लेटेस्ट न्यूज

राजधानी भोपाल में हुए वन समिति सम्मेलन के दौरान शिवराज सरकार की सियासी खींचतान का वीडियो सामने आया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सम्मान में खड़े होने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अरविंद भदौरिया को कुर्ता खींचकर बैठा दिया. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि भाजपा की अंतर्कलह की सच्चाई सामने आ गई है. (Narottam Mishra pulls off Arvind Bhadauria kurta)

forest committee conference in bhopal
भाजपा की आपसी खींचतान उजागर
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Published : Apr 23, 2022, 9:13 AM IST

भोपाल। राजधानी के जंबूरी मैदान में शुक्रवार को वन समिति सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस मौके पर भाजपा की आपसी खींचतान उजागर हो गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब मंच पर बोलने गए तो उनके सम्मान में सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे खड़े हो गए, लेकिन प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अरविंद भदौरिया का कुर्ता खींचकर उन्हें बैठा दिया. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस पर चुटकी ली है.

वन समिति सम्मेलन में दिखी भाजपा की आपसी खींचतान

कांग्रेस ने किया ट्वीटः नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja Congress) ने ट्वीट कर लिखा कि- यह है भाजपा की अंतर्कलह की सच्चाई. कितनी नफरत है एक-दूसरे से. मामाजी के सम्मान में सहकारिता मंत्री खड़े हुए तो गृह मंत्री ने कुर्ता खींचकर बैठा दिया. न खुद खड़े हुए और न किसी को खड़े होने देंगे. खेला जारी है. सलूजा बोले कि आखिर नरोत्तम मिश्रा ने अरविंद भदौरिया का कुर्ता क्यों खींचा ?

विजयवर्गीय को शिवराज का इशारा: वन समिति सम्मेलन में देश के गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. उनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार के मंत्री भी मौजूद थे. मंच के दौरान एक और सियासी खींचतान का दौर देखने को मिला. वन समितियों को चैक वितरण के दौरान जब अमित शाह खड़े हुए तो सीएम शिवराज भी खड़े हो गए. जब बैठने लगे तो शिवराज ने देखा कि उनकी कुर्सी पर कैलाश विजयवर्गीय बैठने वाले हैं. उन्होंने विजयवर्गीय को इशारा किया. ये देखकर कैलाश ने बगल वाली कुर्सी ली. ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे वाली कुर्सी पर बैठने की गुजारिश की. इस वीडियो को भी कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए चुटकी ली है.

मामाजी की जादूगरी, एक तीर से दो निशाने: कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा मामाजी की जादूगरी देखिये. अपनी कुर्सी पर निगाहे जमाये खड़े कैलाश विजयवर्गीय को पहले धक्का देकर आगे किया और फिर उन्हें एक कुर्सी और आगे खसका दिया. एक तीर से दो निशाने. अब सवाल उठता है कि मंच का कोई प्रोटोकॉल तय हुआ था या शिवराज कैबिनेट की यह आपसी खींचतान ही है.

2023 में जीत के लिए झोंकी पूरी ताकत: मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने इस आयोजन को मेगा इवेंट बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भोपाल के जंबूरी मैदान में हुए तेंदुपत्ता संग्राहकों के बोनस वितरण कार्यक्रम के जरिए पार्टी आदिवासी समुदाय में अपना वोट बैंक मजबूत बनाने की कोशिशें में तेजी लाती दिखाई दी. हाल ही में हुए उपचुनावों में कांग्रेस से कई आदिवासी बहुल सीटों को छीनने में सफल भी हुई है. यही वजह है कि पार्टी आदिवासी बहुल 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर फोकस करते हुए ऐसे आयोजनों और योजनाओं पर फोकस कर रही है जो आदिवासियों के हित में हों.

अमित शाह के मेगा शो के जरिए भाजपा ने आदिवासी वोट बैंक को साधा, बोनस वितरण के साथ की कई अहम घोषणाएं

यही वजह है प्रदेश बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे कार्यक्रमों को भव्य बना रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आदिवासी सम्मेलन में शिरकत कर चुके हैं. टंट्या भील की जयंती कार्यक्रम को भी बीजेपी ने भव्य तरीके से मनाया और उनके नाम पर रेलवे स्टेशन का नामकरण भी किया गया. इससे साफ है कि पिछली बार सत्ता से कुछ दूर रह गई बीजेपी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. (Tribal mega event in Bhopal) (forest committee conference in bhopal)

भोपाल। राजधानी के जंबूरी मैदान में शुक्रवार को वन समिति सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस मौके पर भाजपा की आपसी खींचतान उजागर हो गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब मंच पर बोलने गए तो उनके सम्मान में सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे खड़े हो गए, लेकिन प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अरविंद भदौरिया का कुर्ता खींचकर उन्हें बैठा दिया. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस पर चुटकी ली है.

वन समिति सम्मेलन में दिखी भाजपा की आपसी खींचतान

कांग्रेस ने किया ट्वीटः नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja Congress) ने ट्वीट कर लिखा कि- यह है भाजपा की अंतर्कलह की सच्चाई. कितनी नफरत है एक-दूसरे से. मामाजी के सम्मान में सहकारिता मंत्री खड़े हुए तो गृह मंत्री ने कुर्ता खींचकर बैठा दिया. न खुद खड़े हुए और न किसी को खड़े होने देंगे. खेला जारी है. सलूजा बोले कि आखिर नरोत्तम मिश्रा ने अरविंद भदौरिया का कुर्ता क्यों खींचा ?

विजयवर्गीय को शिवराज का इशारा: वन समिति सम्मेलन में देश के गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. उनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार के मंत्री भी मौजूद थे. मंच के दौरान एक और सियासी खींचतान का दौर देखने को मिला. वन समितियों को चैक वितरण के दौरान जब अमित शाह खड़े हुए तो सीएम शिवराज भी खड़े हो गए. जब बैठने लगे तो शिवराज ने देखा कि उनकी कुर्सी पर कैलाश विजयवर्गीय बैठने वाले हैं. उन्होंने विजयवर्गीय को इशारा किया. ये देखकर कैलाश ने बगल वाली कुर्सी ली. ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे वाली कुर्सी पर बैठने की गुजारिश की. इस वीडियो को भी कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए चुटकी ली है.

मामाजी की जादूगरी, एक तीर से दो निशाने: कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा मामाजी की जादूगरी देखिये. अपनी कुर्सी पर निगाहे जमाये खड़े कैलाश विजयवर्गीय को पहले धक्का देकर आगे किया और फिर उन्हें एक कुर्सी और आगे खसका दिया. एक तीर से दो निशाने. अब सवाल उठता है कि मंच का कोई प्रोटोकॉल तय हुआ था या शिवराज कैबिनेट की यह आपसी खींचतान ही है.

2023 में जीत के लिए झोंकी पूरी ताकत: मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने इस आयोजन को मेगा इवेंट बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भोपाल के जंबूरी मैदान में हुए तेंदुपत्ता संग्राहकों के बोनस वितरण कार्यक्रम के जरिए पार्टी आदिवासी समुदाय में अपना वोट बैंक मजबूत बनाने की कोशिशें में तेजी लाती दिखाई दी. हाल ही में हुए उपचुनावों में कांग्रेस से कई आदिवासी बहुल सीटों को छीनने में सफल भी हुई है. यही वजह है कि पार्टी आदिवासी बहुल 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर फोकस करते हुए ऐसे आयोजनों और योजनाओं पर फोकस कर रही है जो आदिवासियों के हित में हों.

अमित शाह के मेगा शो के जरिए भाजपा ने आदिवासी वोट बैंक को साधा, बोनस वितरण के साथ की कई अहम घोषणाएं

यही वजह है प्रदेश बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे कार्यक्रमों को भव्य बना रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आदिवासी सम्मेलन में शिरकत कर चुके हैं. टंट्या भील की जयंती कार्यक्रम को भी बीजेपी ने भव्य तरीके से मनाया और उनके नाम पर रेलवे स्टेशन का नामकरण भी किया गया. इससे साफ है कि पिछली बार सत्ता से कुछ दूर रह गई बीजेपी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. (Tribal mega event in Bhopal) (forest committee conference in bhopal)

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