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लॉकडाउन बढ़ने से बढ़ी किसानों की परेशानी, फेंकनी पड़ रही हैं सब्जियां

देश में लॉकडाउन बढ़ने से किसानों की समस्याएं भी बढ़ने लगी हैं. किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान सब्जी की फसल में हुआ है. लॉकडाउन की वजह से न तो सब्जी थोक भाव में बिक पा रही है और न ही फुटकर. जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.

BHOPAL
किसानों की बढ़ी परेशानियां
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Published : Apr 14, 2020, 8:58 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन बढ़ने से किसानों की परेशानियां बढ़ने के आसार हैं. ज्यादातर किसानों की फसलें या तो खेत में खड़ी हैं या फिर खेतों में ही काट कर रखी गई हैं. भोपाल के पास अब किसान इतने परेशान हो चुके हैं कि सब्जी नहीं बिकने पर गायों को खिलाने पर मजबूर हो गए हैं.

किसानों की बढ़ी परेशानियां

भोपाल से सटे रोलूखेड़ी गांव के किसान बैंगन, टमाटर, लौकी और गोभी की खेती करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते इनकी सब्जियां नहीं बिक पा रही हैं, मजबूरन किसानों को अपनी सब्जियां या तो फेंकनी पड़ रही है या तो जानवरों को खिला रहे हैं. किसान असलम खान का कहना है कि, सब्जियों को बेचने के लिए सरकार ने एक केंद्र बनाया है. लेकिन यहां सिर्फ उन्हीं को सब्जी बेचने की इजाजत है जिनके पास नगर निगम की अनुमति और लोडिंग ऑटो है.

बाइक पर सब्जी खरीदने वालों को प्रशासन और पुलिस यहां से बाहर का रास्ता दिखा रही है. ऐसे में अनुमति वाले लोग कुछ ही किसानों से सब्जी खरीद कर वापस चले जाते हैं. बड़ी मात्रा में सब्जियां बच जाती हैं. जिन्हें फेंकना पड़ता है. हर दिन किसानों का करीब 15 से 20 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है. ऐसे में उन्हें घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन बढ़ने से किसानों की परेशानियां बढ़ने के आसार हैं. ज्यादातर किसानों की फसलें या तो खेत में खड़ी हैं या फिर खेतों में ही काट कर रखी गई हैं. भोपाल के पास अब किसान इतने परेशान हो चुके हैं कि सब्जी नहीं बिकने पर गायों को खिलाने पर मजबूर हो गए हैं.

किसानों की बढ़ी परेशानियां

भोपाल से सटे रोलूखेड़ी गांव के किसान बैंगन, टमाटर, लौकी और गोभी की खेती करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते इनकी सब्जियां नहीं बिक पा रही हैं, मजबूरन किसानों को अपनी सब्जियां या तो फेंकनी पड़ रही है या तो जानवरों को खिला रहे हैं. किसान असलम खान का कहना है कि, सब्जियों को बेचने के लिए सरकार ने एक केंद्र बनाया है. लेकिन यहां सिर्फ उन्हीं को सब्जी बेचने की इजाजत है जिनके पास नगर निगम की अनुमति और लोडिंग ऑटो है.

बाइक पर सब्जी खरीदने वालों को प्रशासन और पुलिस यहां से बाहर का रास्ता दिखा रही है. ऐसे में अनुमति वाले लोग कुछ ही किसानों से सब्जी खरीद कर वापस चले जाते हैं. बड़ी मात्रा में सब्जियां बच जाती हैं. जिन्हें फेंकना पड़ता है. हर दिन किसानों का करीब 15 से 20 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है. ऐसे में उन्हें घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

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