भोपाल। दिल्ली में किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर शनिवार को राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने निकले किसान नेताओं को राजधानी भोपाल में नजरबंद किया गया. किसान नेता शिवकुमार कक्का को उनके 6 नंबर स्थित आवास पर नजरबंद किया गया. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की नेता व नर्मदा आंदोलन चलाने वाली नेता मेधा पाटकर को गांधी भवन में नजरबंद कर रखा गया, इस बीच पुलिस प्रशासन ने कक्काजी और मेघा पाटकर को राजभवन जाकर ज्ञापन देने की अनुमति दी. किसान नेता कक्काजी ने तो ज्ञापन सौंपा, लेकिन मेघा पाटकर ने राजभवन को ज्ञापन नहीं सौंपा.
अब राष्ट्रपति को सौंपेंगे ज्ञापन
मेधा पाटकर ने कहा कि राजभवन ने अतिथि का अपमान किया है. कोविड का बहाना बनाकर गेट पर ज्ञापन देने को कहा गया, पाटकर ने कहा कि अब सीधे राष्ट्रपति के हाथों में ज्ञापन दिया जाएगा. देश में पूरी तरह से आपातकाल लागू हो गया है.
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पुलिस कार्रवाई की निंदा
वहीं किसान नेता शिवकुमार (कक्का जी) ने घर में नजरबंद किए जाने की पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है, उन्होंने कहा कि एमपी सरकार को सबक सिखाया जाएगा, वे जेल जाने से नहीं डरते हैं, क्या ज्ञापन देना अपराध है. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में किसानों को अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखने से भी रोका जा रहा है. किसान संगठनों का संयुक्त कार्यक्रम था, उन्हें सिर्फ ज्ञापन देना था, लेकिन पुलिस ने किसान नेताओं को रोक लिया. किसान नेता,मेघा पाटकर के साथ ही डॉ सुनीलम, बादल सरोज सहित अन्य कार्यकर्ताओं को गांधी भवन में रोका गया है.