भोपाल। 21वीं सदी में देश की आधी आबादी ने हर वो मुकाम हासिल कर लिया है, जिसकी वो कहदार हैं. महिलाएं आज घर की चारदीवारी से निकलकर हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही हैं. कुछ कर गुजरने का जब्जा मन में लिए बेटियां हर क्षेत्र में अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं. आज की महिला अपने आत्मसम्मान की लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम है.
महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर न सिर्फ अपने सपनों को पूरा कर रही हैं, बल्कि समाज की सोच को भी बदल दिया है. आज बेटियां अपने मां-बाप के लिए बोझ नहीं, बल्की अपने हौसले, जज्बे और आत्मविश्वास के दम पर उनका सहारा बन रही हैं.
बदलते जमाने के साथ आज बेटियों ने उस सोच को भी बदल दिया है, जिसमें उन्हें कमतर आंका जाता था. आज से ETV भारत अपनी खास पेशकश 'मिसाल' में ऐसी ही तमाम महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों को लेकर आ रहा है, जिनमें हम उनके शून्य से शिखर तक के सफर की पूरी दास्तां पेश करेंगे.