भोपाल। मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश से बांध भले ही लबालब हो गए हों, लेकिन बावजूद इसके बिजली संकट गहरा सकता है. इसकी वजह है इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के मध्य प्रदेश ने 232 करोड़ नहीं चुकाए हैं. इसके बाद एक्सचेंज ने बिजली कंपनियों पर बिजली की खरीद और बिक्री पर आधी रात से रोक लगा दी है. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी बिजली का बकाया बिल जमा नहीं करने वालों को इसके लिए चेताया था. साथ ही समय पर अपना बिल भरने की सलाह दी थी.
13 राज्यों पर 5085 करोड़ बकाया: तेलंगाना, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु, मणिपुर, मिजोरम और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में हड़कंप मच गया है. अब सभी राज्य आईईई के संपर्क में हैं और बिजली संकट को दूर करने की वार्ता चल रही है. माना जा रहा है कि, आइईई राज्यों को किश्तों में बकाया बिल के भुगतान की सहूलियत दे सकता है.
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उद्योगों समेत जनता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें: यदि बिजली सप्लाई ठप कर दी गई तो एमपी की जनता के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है. साथ ही उद्योगों और व्यापार पर भी संकट आ सकता है. इसके अलावा सार्वजनिक सेवाएं ठप होने से हालात बिगड़ जाएंगे. 8 अगस्त 2022 को लाया गया बिजली संशोधन विधेयक शुक्रवार से लागू कर दिया. रोक लगने के कारण मध्य प्रदेश पावर एक्सचेंज के जरिए लगभग 1500 से 1700 मेगावाट बिजली बेच रहा था, वो अब नहीं बेच पायेगा.
अधिकारी बोले नहीं होगा बिजली संकट, एक-दो दिन में रोक हट जाएगी: मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बिजली का कोई संकट नहीं है, मध्यप्रदेश के पास पहले से ही पर्याप्त बिजली है, लेकिन आई.ई .एक्स से बात चल रही है और यह रोक एक-दो दिन में हट जाएगी.