भोपाल। लंबे समय से अटकलों के बाद आखिरकार राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रोफेसर सुनील कुमार को फिर से राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त कर दिया है. कुलपति के रुप में प्रो. सुनील कुमार का कार्यकाल, कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्ष की कालावधि के लिए होगा. सुनील कुमार अभी भी विवि के कुलपति हैं और उनका मौजूदा कार्यकाल 21 जून को समाप्त हो रहा था.
दूसरी बार बने कुलपति
कुलपति के तौर पर 55 उमीदवार के नामों में से 4 नाम राज्यभवन भेज गए थे. आरजीपीवी कुलपति बनने के लिए उम्मीदवार के पास सिर्फ इंजीनियरिंग की डिग्री होना अनिवार्य है, इसलिए फॉर्मेसी, मैथमेटिक्स, कैमिस्ट्री और फिजिक्स की डिग्री लेने वाले प्रोफेसर कुलपति के लिये आवेदन नहीं कर सके.
ऐसे हुआ कुलपति का चुनाव
सर्च कमेटी ने उनकी स्क्रूटनी कर करीब एक दर्जन उम्मीदवारों के ऑनलाइन साक्षात्कार किए. सर्च कमेटी में रानी दुर्गावति विवि के कुलपति कपिल देव मिश्र, आईआईटी रुड़की से एके चतुर्वेदी और लखनऊ प्रौद्योगिकी विवि के विनय पाठक को रखा गया. इसके बाद दो दिन पहले राज्यपाल ने पांच उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए थे. इसके बाद इन्हें कुलपति बनाया गया है. विवि के भविष्य को कैसे आगे ले जा सकते है इस सवाल के जवाब में उन्होंने सभी उम्मीदवारों से बेहतर जवाब प्रस्तुत किया था कि वे सभी विवि को एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से जोड देंगे और परीक्षाएं ऑटोमेशन में होगी.
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तकीनीकी शिक्षा में कई पदों पर रह चुके हैं सुनील कुमार गुप्ता
मैकेनिकल विषय के प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार मप्र सरकार में तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव रहे हैं. इन्होंने आईआईटी दिल्ली से एमटेक और पीएचडी की है. असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पहली नियुक्ति तकनीकी शिक्षा विभाग के रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी. इसके बाद वे मप्र फीस विनियामक समिति में सचिव व ओएसडी भी रहे है. वर्तमान में वे ही आरजीपीवी के कुलपति का कार्यभार संभाल रहे हैं. साल 2017 में इन्हें चार साल के लिए कुलपति बनाया गया था. अब इन्हें दोबारा विवि के कुलपति की कमान राजभवन द्वारा सौंपी गई है.