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मध्य प्रदेश में घरेलू बिजली जल्द मारेगी करंट, बिजली की दर 9.97 % बढ़ाने की तैयारी

मध्य प्रदेश की जनता को घरेलू बिजली का करंट लगने वाला है. बिजली कंपनी ने घरेलू बिजली की दर में 9.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तैयारी कर ली है. (Domestic Electricity rates to be raised in MP )

electricity consumption in Madhya Pradesh
मप्र में बढ़ेंगे बिजली के दाम
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Published : Jan 19, 2022, 7:36 AM IST

भोपाल। कमरतोड़ महंगाई के बीच मध्य प्रदेश के लोगों पर एक नया बोझ आने वाला है. राज्य में एक बार फिर बिजली महंगी होने जा रही है. घरेलू बिजली दर में 9.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. इस बार वित्तीय वर्ष 2022 -23 के लिए बिजली कंपनी ने 3,915 करोड़ का घाटा दिखाकर मौजूदा दर में 8.71 प्रतिशत दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दे दिया है. वहीं घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 9.97 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है. यदि नियामक आयोग ने बिजली कंपनी के प्रस्ताव को मान लिया, तो घरेलू बिजली की औसत दर अन्य चार्ज शामिल होने के बाद करीब 9 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी. जिससे उपभोक्ताओं को एक बार बिजली का करंट लगेगा. बढ़ी हुई दरों से सबसे अधिक प्रभाव उन घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो प्रतिमाह 100 यूनिट से अधिक खपत कर रहे हैं.

इस तरह चुकाने होंगे अतिरिक्त पैसे

उपभोक्ताओं को हर माह अतिरिक्त रुपयों की चपत लगेगी. यदि उपभोक्ता 50 यूनिट तक बिजली खर्च करता है तो उसे नियत प्रभार 64 रुपए और न्यूनतम ऊर्जा प्रभार 70 रुपए लगेगा. बिजली बिल घरेलू उपभोक्ताओं को चार मद में जोड़ कर आता है इसमें नियत प्रभार खपत के अनुसार, ऊर्जा प्रभार, बिजली ड्यूटी और ईंधन प्रभार जुड़ा होता है. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नवीनतम जारी खुदरा टैरिफ रेगुलेशन 2021 में विद्युत अधिनियम 2003 के न्यूनतम ऊर्जा प्रभाव को खत्म कर दिया है.

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वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को होगा नुकसान

बिजली का उपयोग ना किया हो या कम किया हो, उस स्थिति में भी अब उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 109 रुपये नियत प्रभार और 70 रुपए न्यूनतम ऊर्जा प्रभार के चुकाने होंगे. सबसे ज्यादा नुकसान वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, उद्योगों, बीमारू या बंद उद्योग को उठाना पड़ेगा. वहीं बंद घरों और खपत नहीं होने के बावजूद आ रहे बिलों को लेकर लोगों ने जनसुनवाई में शिकायतें की थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बिलों पर लगने वाला न्यूनतम ऊर्जा प्रभार को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. लेकिन पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2022-23 के लिए जो टैरिफ पिटिशन सौंपी है उसमें इसे प्रस्तावित किया है, जिससे उपभोक्ताओं पर यह बोझ पड़ेगा.

टैरिफ बढ़ाने के खिलाफ आपत्ति दर्ज

राज्य की बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं से बिजली बिल में नियत प्रभार तो वसूलती ही हैं, लेकिन बिजली की निर्धारित न्यूनतम खपत न होने या उससे कम होने पर एक निर्धारित यूनिट बराबर न्यूनतम ऊर्जा प्रभार की भी वसूली करती है. टैरिफ रेगुलेशन 2021 में इसे खत्म कर दिया गया है. इसी सम्बन्ध में मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष आपत्ति कर्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है.

(Domestic electricity will be costly in MP) (Domestic Electricity rates to be raised in MP )

भोपाल। कमरतोड़ महंगाई के बीच मध्य प्रदेश के लोगों पर एक नया बोझ आने वाला है. राज्य में एक बार फिर बिजली महंगी होने जा रही है. घरेलू बिजली दर में 9.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. इस बार वित्तीय वर्ष 2022 -23 के लिए बिजली कंपनी ने 3,915 करोड़ का घाटा दिखाकर मौजूदा दर में 8.71 प्रतिशत दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दे दिया है. वहीं घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 9.97 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है. यदि नियामक आयोग ने बिजली कंपनी के प्रस्ताव को मान लिया, तो घरेलू बिजली की औसत दर अन्य चार्ज शामिल होने के बाद करीब 9 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी. जिससे उपभोक्ताओं को एक बार बिजली का करंट लगेगा. बढ़ी हुई दरों से सबसे अधिक प्रभाव उन घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो प्रतिमाह 100 यूनिट से अधिक खपत कर रहे हैं.

इस तरह चुकाने होंगे अतिरिक्त पैसे

उपभोक्ताओं को हर माह अतिरिक्त रुपयों की चपत लगेगी. यदि उपभोक्ता 50 यूनिट तक बिजली खर्च करता है तो उसे नियत प्रभार 64 रुपए और न्यूनतम ऊर्जा प्रभार 70 रुपए लगेगा. बिजली बिल घरेलू उपभोक्ताओं को चार मद में जोड़ कर आता है इसमें नियत प्रभार खपत के अनुसार, ऊर्जा प्रभार, बिजली ड्यूटी और ईंधन प्रभार जुड़ा होता है. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नवीनतम जारी खुदरा टैरिफ रेगुलेशन 2021 में विद्युत अधिनियम 2003 के न्यूनतम ऊर्जा प्रभाव को खत्म कर दिया है.

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वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को होगा नुकसान

बिजली का उपयोग ना किया हो या कम किया हो, उस स्थिति में भी अब उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 109 रुपये नियत प्रभार और 70 रुपए न्यूनतम ऊर्जा प्रभार के चुकाने होंगे. सबसे ज्यादा नुकसान वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, उद्योगों, बीमारू या बंद उद्योग को उठाना पड़ेगा. वहीं बंद घरों और खपत नहीं होने के बावजूद आ रहे बिलों को लेकर लोगों ने जनसुनवाई में शिकायतें की थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बिलों पर लगने वाला न्यूनतम ऊर्जा प्रभार को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. लेकिन पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2022-23 के लिए जो टैरिफ पिटिशन सौंपी है उसमें इसे प्रस्तावित किया है, जिससे उपभोक्ताओं पर यह बोझ पड़ेगा.

टैरिफ बढ़ाने के खिलाफ आपत्ति दर्ज

राज्य की बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं से बिजली बिल में नियत प्रभार तो वसूलती ही हैं, लेकिन बिजली की निर्धारित न्यूनतम खपत न होने या उससे कम होने पर एक निर्धारित यूनिट बराबर न्यूनतम ऊर्जा प्रभार की भी वसूली करती है. टैरिफ रेगुलेशन 2021 में इसे खत्म कर दिया गया है. इसी सम्बन्ध में मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष आपत्ति कर्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है.

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