भोपाल। बड़े शहरों में शादियों के बाद तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. भोपाल के महिला थाने में रोज पति पत्नि एक दूसरे की शिकायतें लेकर आ रहे हैं. खास बात यह है कि इनमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है. इसमें वो जोड़े शामिल हैं जिनकी शादी को साल भर भी नहीं हुआ है. दरअसल इसके पीछे की वजह आपसी तालमेल का न होना है, और खासतौर से इम्मैच्यूरिटी है. कोई भी संबंध को निभाने के लिए सबसे बड़ी चीज जो होती है वो मैच्यूरिटी है. अगर इसकी कमी है तो रिलेशन चलाना मुश्किल हो जाता है. वहीं कई कपल्स में ईगो को लेकर भी लड़ाई होती हैं जो तलाक की वजह बन जाता है. (Divorce Cases Increased in MP)
![Divorce Cases Increased in MP](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bho-marriage-divorce_05082022193340_0508f_1659708220_480.jpg)
एक साल में तलाक के कितने केस आए सामने: भोपाल के महिला थाने में पिछले तीन महीने में पति-पत्नी के बीच आपसी विवादों के 200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें से ज्यादातर मामले नवविवाहित जोड़ों के हैं. कई मामलों में तो पत्नियों का ज्यादा पढ़ा-लिखा होना और ज्यादा कमाना भी आपसी विवाद का कारण बन रहा है. वहीं, एक दूसरे पर शक करने और अवैध संबंधों के मामलों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. इस सब की वजह से छह महीने भी युवाओं की शादी नहीं चल पा रही है.
शारीरिक प्रताड़ना का आरोप: आंकड़ों के विश्लेषण में यह सामने आया कि अलगाव की अर्जी (separation petition) देने वाले 60 फीसदी मामले दहेज प्रताडना से जुड़े हैं. मैट्रीमोनियल साइट्स से शादी के बाद धोखा मिलने के मामलों में भी इजाफा हुआ है. ऐसे मामले 20 फीसदी से ज्यादा हैं. केस स्टडी के अनुसार भोपाल में ज्यादातर नवविवाहिताओं ने थाने में शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है, और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की शिकायत भी दर्ज कराई है. एक नवविवाहिता ने अपनी शिकायत में लिखा कि पति रोज शराब पीकर आता है, और उसके साथ जोर जबरदस्ती करता है.
पिछले एक साल में संबंध टूटने के मामले:
दहेज- 52 प्रतिशत
अवैध संबंध- 18 प्रतिशत
आनलाईन, मेट्रोमोनियल शादी में धोखा- 25 प्रतिशत
जोड़ों में आपसी तालमेल न होना- 8 प्रतिशत
तलाक के मामले दोगुने हुए: संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इस सप्ताह जारी "प्रोग्रेस ऑफ द वर्ल्ड वुमन 2019-2020 फैमिली इन ए चेंजिंग वर्ल्ड" शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिलाओं के अविवाहित रहने के मामले बेहद कम हैं. 45 से 49 वर्ष की उम्र वर्ग वाली ऐसी महिलाओं की तादाद एक फीसदी से भी कम है, जिन्होंने कभी शादी नहीं की. लेकिन बीते दो दशकों के दौरान तलाक के मामले दोगुने बढ़ गए हैं. समाज सेवी यासमीन खान का कहना है कि इसकी कई सारी वजह है. एकल परिवारों में पति पत्नी दोनों के नौकरीपेशा होने की वजह से एक-दूसरे के लिए समय की कमी, बढ़ती इनटॉलरेंस, ईगो का टकराव और कई मामलों में पोस्ट मैरिटल संबंध इसकी प्रमुख वजह है. कई मामलों में पति पत्नी के बीच बढ़ते मतभेदों में दूर रहने वाले परिजन और करीबी लोग भी आग में घी डालने का काम करते हैं. (Bhopal Divorce Cases Reported More)
बढ़ता तनाव बनता है मतभेद की वजह: मनोविशेषज्ञ रूमा भट्टाचार्य का कहना है कि पति के कमाऊ होने की वजह से पत्नियां भी बड़े फैसले में अपनी भागीदारी चाहती हैं. लेकिन पुरुष अपनी मानसिकता के चलते इस बात को स्वीकारता नहीं है, वे मानते हैं कि फैसले लेने का अधिकार सिर्फ उन्ही का है. साथ ही जीवन में बढ़ता तनाव भी पति पत्नी के बीच मतभेद बढ़ा रहा है. (MP Newlywed Couples Separated Fastly)