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ETV भारत की खास रिपोर्ट, गौकाष्ट से किया जाएगा कोरोना से मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार

कोरोना वायरस का खतरा तेजी से मध्य प्रदेश में बढ़ता जा रहा है, मध्य प्रदेश के बड़े शहर इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं, इस बीच भोपाल में श्मशान घाट की समिति ने एक बड़ा निर्णय लिया गया. जिसके तहत कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार गौकाष्ट से किया जाएगा.

अब राख होगा कोरोना !
अब राख होगा कोरोना !
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Published : Apr 8, 2020, 1:49 PM IST

भोपाल। कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है, मध्य प्रदेश में इस वायरस से संक्रमित 23 लोग अपनी जांन गंवा चुके हैं, बेबसी का आलम ऐसा है कि लोग अपनों के अंतिम संस्कार में तक नहीं पहुंच पा रहे. क्योंकि कोरोना का संक्रमण स्पर्श करने से सबसे ज्यादा फैल रहा है.

अब राख होगा कोरोना !

राजधानी भोपाल में एक नया सुझाव सामने आया, जिसके तहत कोरोना के संक्रमण से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार गोकाष्ट से करने की बात कही गई है, भोपाल में विश्राम घाट समिति के पदाधिकारियों ने तो निर्णय तक ले लिया है, कोरोना से शांत हुए व्यक्तियों का दाह संस्कार को गोकाष्ठ से होगा.

गोबर से बनी लकड़ी
गोबर से बनी लकड़ी

कहा जा रहा है कि चीन के लोगों ने भी कोरोना वायरस से मृत व्यक्तियों के दाह संस्कार के लिए यही पद्धति अपनाई. जिसमें तर्क दिया गया कि वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि गोकाष्ट से किए गए अंतिम संस्कार से सारे वायरस खत्म हो जाएगे. जिसके चलते यह पद्धति अपनाई जाए.

भदभदा शमशान घाट भोपाल
भदभदा शमशान घाट भोपाल

वैज्ञानिकों के अनुसार गाय के गोबर से निकलने वाली गैस वातावरण को दूषित होने से बचाती है. जबकि इसकी लकड़ी भी सस्ती होती, इसलिए यह पद्धति अपनाई जाए. श्मशान ग्रह के के पदाधिकारियों का कहना है कि भोपाल के सभी विश्राम घाटों पर कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधि विधान से ही होगा.

भोपाल। कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है, मध्य प्रदेश में इस वायरस से संक्रमित 23 लोग अपनी जांन गंवा चुके हैं, बेबसी का आलम ऐसा है कि लोग अपनों के अंतिम संस्कार में तक नहीं पहुंच पा रहे. क्योंकि कोरोना का संक्रमण स्पर्श करने से सबसे ज्यादा फैल रहा है.

अब राख होगा कोरोना !

राजधानी भोपाल में एक नया सुझाव सामने आया, जिसके तहत कोरोना के संक्रमण से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार गोकाष्ट से करने की बात कही गई है, भोपाल में विश्राम घाट समिति के पदाधिकारियों ने तो निर्णय तक ले लिया है, कोरोना से शांत हुए व्यक्तियों का दाह संस्कार को गोकाष्ठ से होगा.

गोबर से बनी लकड़ी
गोबर से बनी लकड़ी

कहा जा रहा है कि चीन के लोगों ने भी कोरोना वायरस से मृत व्यक्तियों के दाह संस्कार के लिए यही पद्धति अपनाई. जिसमें तर्क दिया गया कि वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि गोकाष्ट से किए गए अंतिम संस्कार से सारे वायरस खत्म हो जाएगे. जिसके चलते यह पद्धति अपनाई जाए.

भदभदा शमशान घाट भोपाल
भदभदा शमशान घाट भोपाल

वैज्ञानिकों के अनुसार गाय के गोबर से निकलने वाली गैस वातावरण को दूषित होने से बचाती है. जबकि इसकी लकड़ी भी सस्ती होती, इसलिए यह पद्धति अपनाई जाए. श्मशान ग्रह के के पदाधिकारियों का कहना है कि भोपाल के सभी विश्राम घाटों पर कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधि विधान से ही होगा.

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