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दबंगों का खौफ! दलित पुलिस आरक्षक को घोड़ी से उतारा, डीजे वाले को भगाया, अगले दिन पुलिस सुरक्षा में निकली बारात

दबंगों से पुलिस को भी डर लगता है! आप यह जानकर चौंक जरूर रहे होंगे लेकिन यह सच है. घटना छतरपुर के (dalit police constable groom mare stopped) कुण्डल्या गांव की है. यहां एक पुलिस आरक्षक की शादी थी. उसकी बारात निकलनी थी, लेकिन दबंगों ने दुल्हे के परिजनों को धमकाते हुए बारात वापस भेज दी.

छतरपुर में दबंगों ने लौटाई दलित पुलिस आरक्षक की बारात
dalit police constable groom mare stopped
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Published : Feb 11, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 4:39 PM IST

छतरपुर। दबंगों से पुलिस को भी डर लगता है! आप यह जानकर चौंक जरूर रहे होंगे लेकिन यह सच है. घटना छतरपुर के (dalit police constable groom mare stopped) कुण्डल्या गांव की है. यहां एक पुलिस आरक्षक की शादी थी. उसकी बारात निकलनी थी, लेकिन दबंगों ने दुल्हे के परिजनों को धमकाते हुए कहा कि दलित होने के वजह से दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर गांव में से नहीं निकालना. दबंगों के डर से परिवार ने भी ऐसा ही किया, हालांकि अगले दिन पुलिसवाले की बारात की निकासी पुलिस की सुरक्षा में ही हो सकी.

छतरपुर में दबंगों ने लौटाई दलित पुलिस आरक्षक की बारात

टीकमगढ़ कोतवाली में पदस्थ है पुलिसवाला
दलित नौजवान दयाचंद अहिरवार खुद पुलिस आरक्षक है और वर्तमान में टीकमगढ़ कोतवाली में तैनात है. युवक की 9 फरवरी को शादी थी. लेकिन बारात निकलने से पहले रिवाज के मुताबिक पुलिस आरक्षक को घोड़ी पर बैठाकर गांव से निकासी की जानी थी. लेकिन जैसे ही आरक्षक दूल्हा घोड़ी पर बैठकर गांव की तरफ निकला तो गांव के दबंग लोग बौखला गए और बीच रास्ते में ही बारात को रोककर वापस भेज दिया.

आरक्षक ने अपने अधिकारियों को दी सूचना

आरक्षक दूल्हे को यह रीतिरिवाज और दबंगों का यह रवैया पसंद नहीं आया. उसने अपने विभाग के अधिकारियों को इस बारे में शिकायत की. जिसके बाद अगले दिन पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने गांव में डेरा डाला और पुलिस सुरक्षा में आरक्षक की बारात की निकासी हो सकी. प्रशासन के अधिकारी युवक की शादी में भी शामिल हुए और दूल्हा एवं दुल्हन को पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई दी.

छतरपुर। दबंगों से पुलिस को भी डर लगता है! आप यह जानकर चौंक जरूर रहे होंगे लेकिन यह सच है. घटना छतरपुर के (dalit police constable groom mare stopped) कुण्डल्या गांव की है. यहां एक पुलिस आरक्षक की शादी थी. उसकी बारात निकलनी थी, लेकिन दबंगों ने दुल्हे के परिजनों को धमकाते हुए कहा कि दलित होने के वजह से दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर गांव में से नहीं निकालना. दबंगों के डर से परिवार ने भी ऐसा ही किया, हालांकि अगले दिन पुलिसवाले की बारात की निकासी पुलिस की सुरक्षा में ही हो सकी.

छतरपुर में दबंगों ने लौटाई दलित पुलिस आरक्षक की बारात

टीकमगढ़ कोतवाली में पदस्थ है पुलिसवाला
दलित नौजवान दयाचंद अहिरवार खुद पुलिस आरक्षक है और वर्तमान में टीकमगढ़ कोतवाली में तैनात है. युवक की 9 फरवरी को शादी थी. लेकिन बारात निकलने से पहले रिवाज के मुताबिक पुलिस आरक्षक को घोड़ी पर बैठाकर गांव से निकासी की जानी थी. लेकिन जैसे ही आरक्षक दूल्हा घोड़ी पर बैठकर गांव की तरफ निकला तो गांव के दबंग लोग बौखला गए और बीच रास्ते में ही बारात को रोककर वापस भेज दिया.

आरक्षक ने अपने अधिकारियों को दी सूचना

आरक्षक दूल्हे को यह रीतिरिवाज और दबंगों का यह रवैया पसंद नहीं आया. उसने अपने विभाग के अधिकारियों को इस बारे में शिकायत की. जिसके बाद अगले दिन पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने गांव में डेरा डाला और पुलिस सुरक्षा में आरक्षक की बारात की निकासी हो सकी. प्रशासन के अधिकारी युवक की शादी में भी शामिल हुए और दूल्हा एवं दुल्हन को पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई दी.

Last Updated : Feb 11, 2022, 4:39 PM IST
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