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क्या आपने देखी है इतनी छोटी गाय, खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान!

भारत में गायों की कई तरह की नस्लें हैं, उनमें से एक है पुंगनूर नस्ल. पुंगनूर गाय दुनिया से विलुप्त हो रही है. आंध्र प्रदेश में पुंगनूर की गायों की ऊंचाई मात्र 1 से 2 फीट तक होती है. यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की नस्ल है. (punganur cow breed in Andhra Pradesh)

punganur cow breed in Andhra Pradesh
आंध्र प्रदेश में पुंगनूर गाय की नस्ल
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Published : Mar 22, 2022, 6:34 PM IST

हैदराबाद। दुनिया में मवेशियों की सबसे छोटी नस्लों में, पुंगनूर नस्ल की 500 से भी कम गायें हैं, वहीं भारत में गायों की 50 देसी नस्लें हैं. हर एक नस्ल की अपनी एक अलग पहचान और खासियत हैं. इसी में से एक नस्ल पुंगनूर है, जो अब देश में विलुप्त होती जा रही है. अब देश में इंसानों की तरह ही पुंगनूर गाय ने आईवीएफ के जरिए एक बछड़े को जन्म दिया है. (Cow of Punganur breed)

पुंगनूर नस्ल की गाय

छोटे कद के लिए मशहूर है पूंगनूर गाय
पुंगनूर नस्ल की गाय अपने छोटे कद के लिए मशहूर है. इस नस्ल का संरक्षण कृष्णम राजू कर रहे हैं, जो आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी के लिंगमपट्टी गांव में रहते हैं. कृष्णम राजू की चार एकड़ में पुंगनूर गौशाला है, जिसमें कई पूंगनूर नस्ल की गाय मौजूद हैं. इस गौशाला में 300 से अधिक गोवंश हैं, जिसकी शुरूआत कृष्णम राजू ने करीब 15 साल पहले की थी.

Cow of Punganur breed speciality
भारत से विलुप्त हो रही पुंगनूर नस्ल

12 इंच ऊंचा गाय का बछड़ा.. देख कर रह जाएंगे हैरान!

क्या है पुंगनूर की खासियत
गोशाला शुरू करने के बारे में डॉ कृष्णम राजू बताते हैं, शुरू से ही उन्हें गायों से लगाव था, फिर उन्हें पुंगनूर के बारे में पता चला. राजू शुरू में एक गाय लेकर आए थे, जिसका गुंटूर के सरकारी फार्म पर कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) कराया था. इसके बाद से ही इनकी संख्या उनके पास बढ़ने लगी. राजू ने आगे बताया कि, पुंगनूर एक प्राचीन नस्ल है, इस नस्ल को एक ऋषि-मुनि भी पालते थे. इस गाय की यह खासियत है कि इस छोटी गाय को ज्यादा खिलाना भी नहीं होता और इससे दूध उत्पादन भी अच्छा होता है. हालाकि, धीरे-धीरे विदेशी नस्लों के आने के बाद से हमारी देश की पुरानी नस्ले विलुप्त होने लगी हैं, इन्हीं में से एक पुंगनूर नस्ल भी है. (Punganur breed getting extinct from India)

punganur cow breed in Andhra Pradesh
पुंगनूर नस्ल की गाय

मात्र इतनी होती है पुंगनूर की हाइट
डॉ कृष्णम राजू ने वेचुर गाय और पुंगनूर गाय के नस्ल के बारे में अंतर भी बताया. उन्होंने कहा कि, केरल में वेचुर गाय होती है, जो दुनिया की छोटी गायों की नस्ल में शामिल है. वेचुर से पुंगनूर का अंतर समझाते हुए कृष्णम बताते हैं, वेचुर की हाइट 3 से 4 फीट तक होती है, लेकिन पुंगनुर की ऊंचाई इससे भी कम होती है. अपने जगह के बारे में बताते हुए कृष्णम ने कहा कि, आंध्र प्रदेश में पुंगनूर की गायों की ऊंचाई 1 से 2 फीट तक है. पुंगनुरू मुख्य रूप से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर की नस्ल है.

पुंगनूर के दूध में क्या है खास
गाय की पुंगनूर नस्ल का नाम दक्कन पठार के दक्षिण-पूर्वी सिरे पर स्थित चित्तूर के पुंगनूर के नाम पर रखा गया है. पुंगनूर नस्ल के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है, और यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. गाय के दूध में सामान्य रूप से वसा की मात्रा 3 से 3.5 प्रतिशत होती है, जबकि पुंगनूर गाय के दूध में 8 प्रतिशत वसा (fat) होता है. गाय की औसत दूध उपज 3 से 5 लीटर प्रति दिन होती है, और यह एक दिन में लगभग पांच किलो चारा खाती हैं. पुंगनूर गाय की सबसे खास बात यह है कि, यह नस्ल देश में सबसे कम संख्या वाली गोवंश नस्लों में तीसरे नंबर पर है.

Cow of Punganur breed
पुंगनूर नस्ल की गाय की विशेषता

इन किसानों के लिए वरदान बन गईं देसी गायें, भरपूर दूध देती हैं, जैविक खेती के लिए भी बहुत उपयोगी

कितनी होती है गाय की कीमत
कृष्णम के अनुसार, उनकी गोशाला दुनिया की सबसे बड़ी पुंगनूर नस्ल की गौशाला है. उनका कहना है कि, गोशाला में अभी 300 से ज्यादा गाय हैं, यह दुनिया की सबसे छोटी हाइट की सबसे बड़ी पुंगनूर गौशाला है. पुंगानूर के छोटे कद की वजह से इसे लोग काफी पसंद करते हैं. कृष्णम राजू बताते हैं कि, ये पूरे देश में किसी भी राज्य में सर्वाइव कर सकती है. दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों के लोग भी इस गाय को ले जाते हैं. गायों की कीमत के बारे में बताते हुए कृष्णम ने कहा कि, इसका एक जोड़ा एक लाख से 25 लाख तक में बिकता है. उन्होंने यह भी कहा कि, जितनी छोटी गाय होगी, उतना ही ज्यादा इसका दाम होगा. (Cow of Punganur breed speciality)

हैदराबाद। दुनिया में मवेशियों की सबसे छोटी नस्लों में, पुंगनूर नस्ल की 500 से भी कम गायें हैं, वहीं भारत में गायों की 50 देसी नस्लें हैं. हर एक नस्ल की अपनी एक अलग पहचान और खासियत हैं. इसी में से एक नस्ल पुंगनूर है, जो अब देश में विलुप्त होती जा रही है. अब देश में इंसानों की तरह ही पुंगनूर गाय ने आईवीएफ के जरिए एक बछड़े को जन्म दिया है. (Cow of Punganur breed)

पुंगनूर नस्ल की गाय

छोटे कद के लिए मशहूर है पूंगनूर गाय
पुंगनूर नस्ल की गाय अपने छोटे कद के लिए मशहूर है. इस नस्ल का संरक्षण कृष्णम राजू कर रहे हैं, जो आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी के लिंगमपट्टी गांव में रहते हैं. कृष्णम राजू की चार एकड़ में पुंगनूर गौशाला है, जिसमें कई पूंगनूर नस्ल की गाय मौजूद हैं. इस गौशाला में 300 से अधिक गोवंश हैं, जिसकी शुरूआत कृष्णम राजू ने करीब 15 साल पहले की थी.

Cow of Punganur breed speciality
भारत से विलुप्त हो रही पुंगनूर नस्ल

12 इंच ऊंचा गाय का बछड़ा.. देख कर रह जाएंगे हैरान!

क्या है पुंगनूर की खासियत
गोशाला शुरू करने के बारे में डॉ कृष्णम राजू बताते हैं, शुरू से ही उन्हें गायों से लगाव था, फिर उन्हें पुंगनूर के बारे में पता चला. राजू शुरू में एक गाय लेकर आए थे, जिसका गुंटूर के सरकारी फार्म पर कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) कराया था. इसके बाद से ही इनकी संख्या उनके पास बढ़ने लगी. राजू ने आगे बताया कि, पुंगनूर एक प्राचीन नस्ल है, इस नस्ल को एक ऋषि-मुनि भी पालते थे. इस गाय की यह खासियत है कि इस छोटी गाय को ज्यादा खिलाना भी नहीं होता और इससे दूध उत्पादन भी अच्छा होता है. हालाकि, धीरे-धीरे विदेशी नस्लों के आने के बाद से हमारी देश की पुरानी नस्ले विलुप्त होने लगी हैं, इन्हीं में से एक पुंगनूर नस्ल भी है. (Punganur breed getting extinct from India)

punganur cow breed in Andhra Pradesh
पुंगनूर नस्ल की गाय

मात्र इतनी होती है पुंगनूर की हाइट
डॉ कृष्णम राजू ने वेचुर गाय और पुंगनूर गाय के नस्ल के बारे में अंतर भी बताया. उन्होंने कहा कि, केरल में वेचुर गाय होती है, जो दुनिया की छोटी गायों की नस्ल में शामिल है. वेचुर से पुंगनूर का अंतर समझाते हुए कृष्णम बताते हैं, वेचुर की हाइट 3 से 4 फीट तक होती है, लेकिन पुंगनुर की ऊंचाई इससे भी कम होती है. अपने जगह के बारे में बताते हुए कृष्णम ने कहा कि, आंध्र प्रदेश में पुंगनूर की गायों की ऊंचाई 1 से 2 फीट तक है. पुंगनुरू मुख्य रूप से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर की नस्ल है.

पुंगनूर के दूध में क्या है खास
गाय की पुंगनूर नस्ल का नाम दक्कन पठार के दक्षिण-पूर्वी सिरे पर स्थित चित्तूर के पुंगनूर के नाम पर रखा गया है. पुंगनूर नस्ल के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है, और यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. गाय के दूध में सामान्य रूप से वसा की मात्रा 3 से 3.5 प्रतिशत होती है, जबकि पुंगनूर गाय के दूध में 8 प्रतिशत वसा (fat) होता है. गाय की औसत दूध उपज 3 से 5 लीटर प्रति दिन होती है, और यह एक दिन में लगभग पांच किलो चारा खाती हैं. पुंगनूर गाय की सबसे खास बात यह है कि, यह नस्ल देश में सबसे कम संख्या वाली गोवंश नस्लों में तीसरे नंबर पर है.

Cow of Punganur breed
पुंगनूर नस्ल की गाय की विशेषता

इन किसानों के लिए वरदान बन गईं देसी गायें, भरपूर दूध देती हैं, जैविक खेती के लिए भी बहुत उपयोगी

कितनी होती है गाय की कीमत
कृष्णम के अनुसार, उनकी गोशाला दुनिया की सबसे बड़ी पुंगनूर नस्ल की गौशाला है. उनका कहना है कि, गोशाला में अभी 300 से ज्यादा गाय हैं, यह दुनिया की सबसे छोटी हाइट की सबसे बड़ी पुंगनूर गौशाला है. पुंगानूर के छोटे कद की वजह से इसे लोग काफी पसंद करते हैं. कृष्णम राजू बताते हैं कि, ये पूरे देश में किसी भी राज्य में सर्वाइव कर सकती है. दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों के लोग भी इस गाय को ले जाते हैं. गायों की कीमत के बारे में बताते हुए कृष्णम ने कहा कि, इसका एक जोड़ा एक लाख से 25 लाख तक में बिकता है. उन्होंने यह भी कहा कि, जितनी छोटी गाय होगी, उतना ही ज्यादा इसका दाम होगा. (Cow of Punganur breed speciality)

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