भोपाल। देशभर में जब महिला अपराधों के खिलाफ लोगों में आक्रोश है, ऐसे में नरसिंहपुर पुलिस की असंवेदनशीलता से परेशान दंपति महिला आयोग के चौखट पर शिकायत लेकर पहुंचा. जहां उन्होंने बताया कि पुलिस जबरन उनके बेटी की हत्या को आत्महत्या बता कर एफआईआर नहीं लिख रही है.
मामला नरसिंहपुर के करेली का है, जहां 26 वर्षीय युवती के परिजनों ने उसकी हत्या का आरोप गांव के ही रहने वाले युवकों पर लगाया है. लेकिन उनकी एफआईआर पुलिस नहीं लिख रही है, जिससे वे परेशान हैं. बता दें कुछ समय पहले भी एक मामला नरसिंहपुर में आया था, जहां महिला के बलात्कार की एफआईआर नहीं लिखी गयी थी, जिससे परेशान होकर महिला ने आत्महत्या की थी.
6 माह से नहीं लिखी गई एफआईआर
परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी जबलपुर में नौकरी किया करती थी, जिसके लिए वह रोजाना अप-डाउन करती थी. परिजनों ने बताया कि कुछ महीनों बाद ही उसकी शादी थी, पर उसकी हत्या कर दी गई. परिजनों का कहना है कि करेली के ही 2 युवकों ने उसकी हत्या की है और मामले को दबाने के लिए इसे आत्महत्या बना दिया गया.
31 मार्च को हमारी बेटी के साथ यह हादसा हुआ और आज 6 महीने से वे परेशान हो रहे हैं लेकिन पुलिस एफआईआर तक नहीं लिख रही है. महिला आयोग में शिकायत लेकर पहुंचे दंपति ने बताया कि उन्हें उनकी बेटी के फोटो के लिए भी 30 हजार चुकाने पड़े. अब वह चाहते हैं कि उनकी बेटी को जल्द से जल्द न्याय मिले.
महिला आयोग ने क्या कहा
मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते मामलों को लेकर शोभा ओझा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वर्तमान सरकार महिला अत्याचारों के प्रति बहुत ही असंवेदनशील है और न ही महिला आयोग को ठीक से कार्य करने दिया जा रहा है, जिसके कारण करीब साढ़े 11 हजार मामले अब भी महिला आयोग में लंबित पड़े हैं. साथ ही प्रदेश की पुलिस भी महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में एफआईआर नहीं लिखती है.