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कोरोना महामारी में भी सरकार की प्राथमिकता रही किसानों और गरीबों की मदद

मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के चलते भी सरकार की प्राथमिकता किसानों और गरीबों की मदद करना ही रहा है, किसानों ने सभी जरूरतमंद लोगों के खातों में लॉकडाउन की घोषणा के बाद पैसे जमा करवाए हैं.

Government's priority is to help the farmers and the poor
किसानों और गरीबों की मदद करना सरकार की प्राथमिकता
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Published : May 2, 2020, 5:15 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ माह में 6526 करोड़ रुपए की राशि जरूरतमंदों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुंचाई है. राज्य सरकार ने 15 लाख किसानों को फसल बीमा के 2990 करोड़ रुपये उनके खातों में ट्रांसफर किए हैं. किसानों की फसल को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है. खरीदी शुरू होते ही शुरू के 15 दिन में 5 लाख 65 हजार किसानों से 28 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है. इसके लिए किसानों को अब तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए भुगतान भी कर दिया गया है.

मजदूरों की मदद

लॉकडाउन में सरकार ने संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खाते में शुरु में ही एक-एक हजार रुपए और उसके बाद में फिर से एक-एक हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता ऑनलाइन भेजी है. इस प्रकार, निर्माण कार्यों से जुड़े संनिर्माण कर्मकार मंडल ने इन सभी मजदूरों के खाते में 177 करोड़ 30 लाख रूपए की राशि ट्रांसफर कर दी गई है.

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सहायता

कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्य के असंगठित क्षेत्र के मजदूर जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में काम करने के समय लॉकडाउन की घोषणा के बाद वहां पर फंस गए हैं. ऐसे सभी 20 हजार श्रमिकों के खाते में एक हजार रुपए के मान से कुल दो करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. प्रदेश में अन्य 22 राज्यों के फंसे 7 हजार प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक हजार रुपए के मान से सहायता राशि पहुंचाई गई है.

एडवांस पेंशन

प्रदेश सरकार द्वारा महामारी की विपत्ति में बेसहारा, बुजुर्गों आदि को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 562 करोड़ रुपए की राशि 46 लाख हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है. इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन आदि का अगले दो माह तक का भुगतान किया गया है.

स्कूलों में लॉकडाउन की व्यवस्था

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार बच्चों और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के 117 करोड़ और योजना में कार्यरत 2 लाख 10 हजार रसोइयों के खाते में 42 करोड़ 3 लाख 8 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. इसी तरह, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में 52 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में 430 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है.

गौ-वंश के लिए व्यवस्था

राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गौ-वंश के लिए 599 गौ-शालाओं में गेहूं, चना, भूसा की आपूर्ति के लिए 29 करोड़ 85 लाख रूपए दिए गए हैं. सरकार की इस पहल से प्रदेश के 66 हजार गौ-वंश को गौ-शालाओं के माध्यम से पर्याप्त भूसा उपलब्ध हो सकेगा.

जिलों को दिया बजट

लॉकडाउन की अवधि में जिलों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध कराई गई है. प्रत्येक जिले की स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2-2 करोड़ रुपए की राशि इस काम के लिए दी गई है. ये राशि राहत शिविरों और भोजन व्यवस्था आदि के लिए दी गई है. इसके अतिरिक्त, लॉकडाउन में आम आदमी को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले को एक-एक करोड़ रुपए के हिसाब से कुल 156 करोड़ रूपए दिए गए हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन की व्यवस्था

कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों और असहायों के लिए भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के लोगों के बैंक खातों में भी दो माह की अग्रिम सहायता राशि समय पर पहुंचा दी गई है. राज्य सरकार हर गरीब व्यक्ति की मदद कर रही है.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ माह में 6526 करोड़ रुपए की राशि जरूरतमंदों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुंचाई है. राज्य सरकार ने 15 लाख किसानों को फसल बीमा के 2990 करोड़ रुपये उनके खातों में ट्रांसफर किए हैं. किसानों की फसल को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है. खरीदी शुरू होते ही शुरू के 15 दिन में 5 लाख 65 हजार किसानों से 28 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है. इसके लिए किसानों को अब तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए भुगतान भी कर दिया गया है.

मजदूरों की मदद

लॉकडाउन में सरकार ने संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खाते में शुरु में ही एक-एक हजार रुपए और उसके बाद में फिर से एक-एक हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता ऑनलाइन भेजी है. इस प्रकार, निर्माण कार्यों से जुड़े संनिर्माण कर्मकार मंडल ने इन सभी मजदूरों के खाते में 177 करोड़ 30 लाख रूपए की राशि ट्रांसफर कर दी गई है.

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सहायता

कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्य के असंगठित क्षेत्र के मजदूर जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में काम करने के समय लॉकडाउन की घोषणा के बाद वहां पर फंस गए हैं. ऐसे सभी 20 हजार श्रमिकों के खाते में एक हजार रुपए के मान से कुल दो करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. प्रदेश में अन्य 22 राज्यों के फंसे 7 हजार प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक हजार रुपए के मान से सहायता राशि पहुंचाई गई है.

एडवांस पेंशन

प्रदेश सरकार द्वारा महामारी की विपत्ति में बेसहारा, बुजुर्गों आदि को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 562 करोड़ रुपए की राशि 46 लाख हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है. इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन आदि का अगले दो माह तक का भुगतान किया गया है.

स्कूलों में लॉकडाउन की व्यवस्था

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार बच्चों और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के 117 करोड़ और योजना में कार्यरत 2 लाख 10 हजार रसोइयों के खाते में 42 करोड़ 3 लाख 8 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. इसी तरह, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में 52 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में 430 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है.

गौ-वंश के लिए व्यवस्था

राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गौ-वंश के लिए 599 गौ-शालाओं में गेहूं, चना, भूसा की आपूर्ति के लिए 29 करोड़ 85 लाख रूपए दिए गए हैं. सरकार की इस पहल से प्रदेश के 66 हजार गौ-वंश को गौ-शालाओं के माध्यम से पर्याप्त भूसा उपलब्ध हो सकेगा.

जिलों को दिया बजट

लॉकडाउन की अवधि में जिलों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध कराई गई है. प्रत्येक जिले की स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2-2 करोड़ रुपए की राशि इस काम के लिए दी गई है. ये राशि राहत शिविरों और भोजन व्यवस्था आदि के लिए दी गई है. इसके अतिरिक्त, लॉकडाउन में आम आदमी को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले को एक-एक करोड़ रुपए के हिसाब से कुल 156 करोड़ रूपए दिए गए हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन की व्यवस्था

कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों और असहायों के लिए भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के लोगों के बैंक खातों में भी दो माह की अग्रिम सहायता राशि समय पर पहुंचा दी गई है. राज्य सरकार हर गरीब व्यक्ति की मदद कर रही है.

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