भोपाल। सरकार और बीमा कंपनियों के बीच सामंजस्य स्थापित ना होने के कारण हेल्थ पॉलिसी लेने वाले मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों के लिए स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है. मेडिक्लेम पॉलिसी होने के बावजूद भी निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे लोगों से नगद पैसा वसूला जा रहा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मांग की है कि, हेल्थ बीमा धारक कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस हो. सरकार को तत्काल बीमा कंपनियों और निजी अस्पतालों से बातचीत कर इस समस्या को दूर करना चाहिए.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ अमीनुल खान सूरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से अनुरोध किया है कि, 40 दिन लॉकडाउन के बीतने के बाद भी बीमा कंपनियों, हॉस्पिटलों और सरकार के बीच में आज तक सामंजस्य स्थापित क्यों नहीं हुआ. इसके कारण मेडिक्लेम होते हुए भी हॉस्पिटल नगद राशि में भुगतान ले रहे हैं, जो इस आपदा के समय अमानवीय है. प्राइवेट हॉस्पिटल को सीएम तत्काल आदेशित करें कि, कोरोना संबंधित उपचार के लिए आए हुए मरीज का इलाज कैशलेस हो. चाहे बीमा कंपनी का अस्पताल से टाइअप हो या नहीं. कंपनियों को भी सरकार आदेशित करें. मुख्यमंत्री ये फैसला बहुत पहले ही लेना चाहिए था, पर अब सीएम तत्काल लें, क्योंकि लोगों को बहुत परेशानी आ रही है.