भोपाल, छिंदवाडा। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (panchayat election in madhya pradesh) को लेकर आए सुप्रीम निर्देश के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में सरकार को घेरते हुए पंचायत चुनाव को रद्द किए (congress demands canceled panchayat election) जाने की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर बीजेपी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को ठीक से नहीं रखा. सरकार की लापरवाही से ओबीसी आरक्षण को खत्म किया गया है. नाथ ने कहा कि कांग्रेस इसका विरोध करती है और पंचायत चुनाव को रद्द करने की मांग करती है. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने भी ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है.
BJP पर लगाया OBC आरक्षण खत्म कराने का आरोप
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सही से पक्ष न रखने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी की ही वजह से पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस की मांग रद्द किए जाएं पंचायत चुनाव
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से पंचायत चुनाव निरस्त करने की मांग की है. कांग्रेस ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत और नगर पालिका, नगर निगम चुनाव के नहीं हो सकते. कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जाफर ने कहा है कि प्रदेश सरकार तत्काल पंचायत चुनाव निरस्त करे और ओबीसी को 27% आरक्षण देना सुनिश्चित करे. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराए तो हम हाई कोर्ट में दायर याचिका पर 21 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में 2021 में चुनाव में रोटेशन के आधार के साथ-साथ संवैधानिक दायरे में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने की मांग करेंगे. जाफर ने यह भी कहा कि
- प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव पूरी तरीके से निरस्त करे.
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग का गठन करे.
- ओबीसी आबादी की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का आकलन करे और ओबीसी को पंचायत एवं नगर पालिका, नगर निगम के चुनाव में 27% आरक्षण देना सुनिश्चित करे.
बीजेपी ने बताया कांग्रेस की साजिश
कांग्रेस के आरोपों से इतर राज्य सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को कांग्रेस की साजिश बताया है. भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से ओबीसी विरोधी रही है. सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने कांग्रेस के एजेंडे के तहत पैरवी करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों में दिए गए 27% आरक्षण के निर्णय का विरोध किया था. उन्होंने ने ही कोर्ट में अध्यादेश 2021 की धारा 9-ए को लागू किए जाने का विरोध किया था. भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर ओबीसी को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस यह दिखाती है कि वह ओबीसी को आरक्षण दिए जाने की पक्षधर है, वहीं दूसरी ओर ओबीसी को लाभ पहुंचाने की सरकार की कोशिशों का विरोध करती है.
पंचायत चुनाव पर यह सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को कानून के मुताबिक चुनाव कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चेताया भी है कि कानून का पालन नहीं किया गया, तो भविष्य में चुनाव रद्द भी किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्यन्न करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी सीटों पर होने वाली चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.