भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में आज एंबुलेंस सेवाओं शुरू की गई. इस दौरान सीएम ने एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली में 108 संजीवनी एंबुलेंस एवं जननी एक्सप्रेस का लोकार्पण किया. अब एमपी में मरीजों को 264 नई एंबुलेंस की सुविधाएं मिलने जा रही हैं, इनके अलावा अब प्रदेश में एक मई से कुल 606 एंबुलेंस दौड़ेंगी. (cm shivraj inaugurates mp 108 sanjeevani ambulance)
18 मिनट में पहुंचेगी एंबुलेंस: विभाग का दावा है कि अब एंबुलेंस आपके घर 18 मिनिट में पहुंच जाएगी, जिसके पीछे इसकी वजह बताई गई कि तीन लाख किमी. चल चुकी एंबुलेंस वाली गाड़ी को नहीं चलाया जाएगा. इसके अलावा यदि तय समय में एंबुलेंस मरीज तक नहीं पहुंचती है तो आर्थिक दंड का प्रावधान भी कंपनी ने रखा है.
मिलने जा रही हैं नई सुविधाएं: प्रदेश में 108 एंबुलेंस, जननी एक्सप्रेस और 104 कॉल सेंटर का संचालन जिगित्जा हेल्थ केयर लिमि. की तरफ से किया जा रहा था, कंपनी का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के अब एक मई से तीनों सेवाओं का संचालन जय अंबे कंपनी को दिया गया है. अब नई कंपनी के आने के बाद इन सेवाओं में कई नई सुविधाएं भी जुड़ जाएंगी.
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ये मिलेंगी सुविधाएं:
- अभी पदेश में 108 एंबुलेंस की संख्या 606 हैं, जो दो चरणों में बढ़कर 1002 हो जाएंगी. इसी तरह से प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने और छोड़ने के लिए चल रहे जननी एक्सप्रेस वाहन भी 820 से बढ़कर 150 हो जाएंगे.
- मोबाइल एप के जरिए भी एंबुलेंस व जननी एक्सेप्रस बुलाई जा सकेंगी और इनकी लोकेशन देखी जा सकेगी.
- ग्रामीण क्षेत्र में 25 और शहरी क्षेत्र में 18 मिनट में एंबुलेंस पहुंचेगी, जो अभी 20 और 30 मिनट में पहुंचती है.
- डायल 100 की तर्ज पर फोन करने वाली की एंड्राइड मोबाइल लोकेशन के आधार पर एंबुलेंस पहुंच जाएगी, अभी पता बताने में ही दो से तीन मिनट चले जाते हैं.
- एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस दोनों तरह के वाहनों में भीतर ज्यादा जगह है, जिससे मरीजों को ज्यादा सुविधा होगी.
एंबुलेंस सेवाओं के रजिस्ट्रेशन पर कांग्रेस ने उठाए सवाल: एंबुलेंस सेवाओं को लेकर अब कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि आज मामाजी ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर एम्बुलेंस सेवाओं का शुभारंभ किया, आश्चर्य कि बात यह कि इन सभी एम्बुलेंस पर छत्तीसगढ़ का नंबर रजिस्टर्ड है. नरेंद्र सलूजा ने कहा कि यदि यह एंबुलेंस गाड़ियां मध्यप्रदेश में रजिस्टर्ड होती तो राज्य को राजस्व मिलता लेकिन किसी एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में रजिस्टर्ड एंबुलेंस को यहां शामिल किया गया है.