भोपाल। शहर के जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया और उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिए. इस दौरान शिवराज ने सबसे पहले मंच पर आकर घुटने के बल बैठकर गुरु को प्रणाम किया, इस दौरान उन्होंने गुरुओं का महत्व भी बताया. शिवराज ने कहा कि पहले के समय में मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में पीछे था, लेकिन अब आगे बढ़ रहा है. इस साथ ही शिवराज ने शिक्षकों द्वारा बच्चों से कराए जाने वाले काम को लेकर भी शिक्षकों को जागरूक किया. MP Teachers Training
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नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम #Bhopal #ShivrajKaGurukul https://t.co/SGfW4S3diw
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) September 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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शिक्षक बच्चों को सिखाएं सभी गुर: सीएम चौहान ने कहा कि आज के समय में बच्चा अगर पानी का गिलास लेकर आता है तो उस पर भी बवाल हो जाता है. पहले हमारे समय हम तो झाड़ू लगाते थे, दरी बिछाते थे और सारे काम करते थे. छात्रों को परिश्रम करना भी सिखाए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनसे काम ही कराएं. किताबी शिक्षा के साथ अलग-अलग कृषि, बागवानी आदि की शिक्षा भी दी जाए, जो नाई शिक्षा नीति में है. शिक्षा में नैतिक शिक्षा भी हो." Teachers Training Summit
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गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवै नमः।।
आप सब मेरे भांजे भांजियों के गुरु हैं।
गुरुओं का आदर और सम्मान हो, समाज में इज्जत और मान रहे तभी वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभाव पूर्वक कर सकते हैं। https://t.co/D8Fq6E3zTN pic.twitter.com/bitsgBTFEk
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गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवै नमः।।
आप सब मेरे भांजे भांजियों के गुरु हैं।
गुरुओं का आदर और सम्मान हो, समाज में इज्जत और मान रहे तभी वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभाव पूर्वक कर सकते हैं। https://t.co/D8Fq6E3zTN pic.twitter.com/bitsgBTFEkगुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
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गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवै नमः।।
आप सब मेरे भांजे भांजियों के गुरु हैं।
गुरुओं का आदर और सम्मान हो, समाज में इज्जत और मान रहे तभी वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभाव पूर्वक कर सकते हैं। https://t.co/D8Fq6E3zTN pic.twitter.com/bitsgBTFEk
शिक्षकों को नसीहत:
- जब हम ही देरी से स्कूल जायेंगे ओर बच्चों को बोले कि टाइम पर आओ तो कैसे काम चलेगा. इसलिए समय से स्कूल पहुंचे.
- यदि शिक्षक खुद गंदे रहेंगे और बच्चों को बोलेंगे कि साफ रहें तो अच्छा नहीं रहेगा. इसलिए स्वच्छ्ता का धयान रखें.
- झूठ नहीं बोले, जब आप झूठ बोलोगे और फिर बच्चों से कैसे कहोगे की सच बोलो. इसलिए हमेशा सत बोलें.
- जमाने के साथ खुद को अपडेट रखे.
- पालकों से संवाद करें.
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मनुष्य को जो संपूर्ण बनाए, वह शिक्षा है। शिक्षा ही है जो मनुष्य को मनुष्य बनाती है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हमारे प्रधानमंत्री श्रीमान @narendramodi जी के नेतृत्व में जो नई शिक्षा नीति बनी है, उसके तीन उद्देश्य हैं।
1. ज्ञान देना
2. कौशल देना
3. नागरिकता के संस्कार देना pic.twitter.com/Ns1aNUWDtk
">मनुष्य को जो संपूर्ण बनाए, वह शिक्षा है। शिक्षा ही है जो मनुष्य को मनुष्य बनाती है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 4, 2022
हमारे प्रधानमंत्री श्रीमान @narendramodi जी के नेतृत्व में जो नई शिक्षा नीति बनी है, उसके तीन उद्देश्य हैं।
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हमारे प्रधानमंत्री श्रीमान @narendramodi जी के नेतृत्व में जो नई शिक्षा नीति बनी है, उसके तीन उद्देश्य हैं।
1. ज्ञान देना
2. कौशल देना
3. नागरिकता के संस्कार देना pic.twitter.com/Ns1aNUWDtk
बेहतर शिक्षा देना हमारा संकल्प: प्रदेश के मुखिया शिवराज ने कहा कि "सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम बेहतर शिक्षा दें यही हमारा संकल्प है. पहले 2 प्रतीशत बजट का शिक्षा में खर्च होता था, अब 12 प्रतिशत खर्च होता है. अंग्रेजी भाषा को लेकर हमे मानसिक गुलाम बना दिया, अंग्रेजी को लेकर बच्चो के मन मैं डर बना दिया है. बाहर जाओ तो उसे अगर अंग्रेजी नहीं आती तो वो डर जाता है, मैं तो नही डरता. आप अपनी मात्र भाषा में ही बोले."
सभी शिक्षक मेरे भांजे भांजियों के गुरु: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "आप सब मेरे भांजे भांजियों के गुरु हैं. मैं वचन देता हूं कि आपके मान सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. गुरुओं का आदर और सम्मान हो, समाज में इज्जत और मान रहे तभी वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभाव पूर्वक कर सकते हैं. एक समय था जब शिक्षा को चौपट कर दिया गया, कई वर्ग बना दिए गए. ना जाने अब शिक्षकों के कितने वर्ग हो गए हैं, अब हम व्यवस्था में सुधार करें इस मुकाम पर पहुंचे हैं."
सीएम बोले बेटियां देवियां है: कार्यक्रम के दौरान शिवराज ने कहा, "मुझे तकलीफ होती है जब दुराचार की घटना होती है, बेटियों के साथ टीवी पर दिखाया जाता है. इन घटनाओं में से 82% घटनाएं जो होती हैं जिसमें परिचित ही इस घटना को अंजाम देता है. कहते हुए मेरी आत्मा दुखी होती है कि पिता भी कई बार पुत्री के साथ ऐसे काम करता है, यह राक्षसी प्रवृत्ति उत्पन्न हो रही है. इसको कैसे रोका जाए, इसको समाज के माध्यम से ही रोका जा सकता है, इसलिए बेटियों का में पूजन करता हूं और उनके पैर धोता हूं, कि बेटियां देवियां है."
शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की उपलब्धियां:
- NAS -2021 में मध्यप्रदेश बड़ी छलांग लगाकर देश में 5 वें स्थान पर पहुंचा.
- पिछले पांच सालों में प्रायमरी स्कूल में ड्राप आउट रेट 4.92 से घटकर 1.35 हुआ.
- मध्यप्रदेश आज देश के उन अग्रणी राज्यों में से एक है, जहां के स्कूलों में STEAM शिक्षा पद्धति लागू कर दी गई.
- कोरोना काल में हमारा घर -हमारा विद्यालय जैसी योजनाएं हमने चलाई.
- स्कूल शिक्षा बजट बढ़कर 12% से अधिक हो गया.
- प्राथमिक शालाओं, माध्यमिक शालाओं, हाई स्कूल्स एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल् की संख्या अब दोगुनी हो गई.
- सरकारी स्कूलों में नि:शुक्ल साइकिल, नि:शुक्ल पुस्तकें एवं नि:शुल्क गणवेश का वितरण.
- छात्रवृति एवं मध्यान्ह भोजन भी दिया जा रहा है.
- शिक्षकों की भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दे रहे हैं.
- निष्ठा प्लेटफॉर्म पर अब तक 3 लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है.
- प्रदेश की लगभग 20 हजार आंगनवाडियां शाला परिसर में स्थित हैं.
- प्रदेश में 9,200 सर्वसुविधा संपन्न सी.एम. राईज स्कूल खोले जा रहे हैं.
- पहले चरण में 370 विद्यालय स्वीकृत कर इसी सत्र से प्रारंभ कर दिए गए है.
- स्कूली विद्यार्थियों को साइकिल वितरण में ई - रूपी का उपयोग हो रहा है
- उमंग हेल्पलाईन के टेली काउंसिलिंग की व्यवस्था सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है.
- गोंडी, बेगानी, भीली, कोरकू आदि स्थानीय बोलियों में प्राथमिक स्तर पर अध्यापन हेतु प्राईमर विकसित किए गए.