भोपाल। बैरागढ़ रेलवे स्टेशन से बीते मंगलवार को 14 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था. साथ आए दो परिवारों ने बच्चों को इन मदरसों में पढ़ाने के लिए लाने की बात कही थी. इस मामले के बाद राजधानी के विभिन्न मदरसों में बड़ी संख्या में बिहार से बच्चों के लाए जाने की बात सामने आ रही है. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश के बाल अधिकार संरक्षण आयोग और बाल कल्याण समिति भोपाल ने शुक्रवार को शहर के दो मदरसों का निरीक्षण किया. बाणगंगा स्थित मदरसा मोहम्मद रूहूल कुरआन और मदरसा अरबिया दारूल फलाह का निरीक्षण करने पर यहां कई सारी कमियां पाईं गईं. (Child Rights Protection Commission inspected madrasas in Bhopal)
मदरसा में गंदगी का अंबार: निरीक्षण के दौरान बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान को पता चला कि इन मदरसों के पास बच्चों के दस्तावेज तक नहीं थे. यहां 20 से ज्यादा बच्चे टीन के शेड में एक छोटे से कमरे में रहते थे. आयोग के सदस्य पुलिस के साथ जब इन मदरसों का निरीक्षण करने पहुंची तो देखा की इन बच्चों को दिए जाने वाला खाना भी खराब पाया गया. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यहां जो बच्चे मिले हैं उनके आधार कार्ड में ज्यादातर बच्चों की डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी ही लिखी है, जिससे सभी के आधार कार्ड नकली होना भी सामने आया है. बच्चे जिस कक्ष में पढ़ते हैं वहीं वे सो भी जाते हैं. जब मदरसों के संचालको से दस्तावेजों की बात की गई तो इनके पास एक भी ऐसा दस्तावेज नहीं मिला, जिसमें उन्होंने मदरसा बोर्ड या महिला एवं बाल विकास विभाग में बच्चों के यहां होने की सूचना दी हो. मदरसा संचालकों ने टीम को बताया कि सभी बच्चे बिहार के हैं. ऐसे में आयोग को उन्होंने फोन नंबर भी दिए और आयोग ने संबंधित बिहार आयोग से भी बात की. समस्त पहलुओं पर संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं.(Bihar student brought Bhopal to study in madrasas)
बिहार से लाए गए बच्चों को कुरान की दी जा रही तालीम: आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि बिहार के मधुबनी और पुर्णिया से बड़ी संख्या में बच्चे भोपाल के मदरसों में आ रहे हैं. यहां पर उन्हें कुरान की तालीम दी जा रही है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि जिन मदरसों में बच्चों को लाया गया है उन मदरसों को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है. इसको लेकर बाल आयोग की टीम ने इन मदरसों का निरीक्षण किया. आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पिछले साल भी पुलिस ने 30 बच्चों का किया था रेस्क्यू: बृजेश चौहान ने बिहार बाल आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा तिवारी से भी इन बच्चों के बारे में फोन पर बात की. जिस पर बिहार बाल आयोग की अध्यक्ष ने जानकारी नहीं होने की बात कही. ऐसे में मध्य प्रदेश बाल आयोग ने बिहार बाल आयोग को भी इस मामले में जांच के लिए पत्र लिखा है. बता दें पिछले साल भी भोपाल में 30 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था. इन बच्चों को काम के सिलसिले में भोपाल और इंदौर में लाया जा रहा था. इसमें से 23 बच्चों को बैरागढ़ (संत हिरदाराम) स्टेशन पर रेस्क्यू कर ट्रेन से उतारा गया, जबकि 7 बच्चे हबीबगंज स्टेशन पर अगरतला एक्सप्रेस में आरएपीएफ को मिले थे. इन बच्चों को पुलिस ने बाल कल्याण समिति और पुलिस ने चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से अपने कब्जे में लिया था.