भोपाल। मध्यप्रदेश में चीते लाए जाने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. 17 सितंबर की सुबह करीब 9 बजे चीतों को कूनो पार्क स्थित हेलीपैड पर उतारा जाएगा. चीतों को लाने के लिए मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह संबंधित अधिकारियों के साथ नामीबिया रवाना हुए. जाने से पहले वन मंत्री विजय शाह से ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता बृजेन्द्र पटेरिया से खास बातचीत की.
सवाल: मध्यप्रदेश की धरती पर जल्द ही चीते आने वाले हैं, इसको लेकर क्या पूरा प्रोग्राम तय किया गया है?
जवाब: चीतों का मध्यप्रदेश आना देश के लिए ऐतिहासिक है. हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश में चीते लाने की स्वीकृति दी है. यह कोई सामान्य बात नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की घटना है, जिसमें इंटरकांटिनेंटल वन्यजीवों को शिफ्ट किया जा रहा है. अभी हम चीते ला रहे हैं, भविष्य में मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी कहलाएगा. पालपुर कूनो को हम भविष्य में चीतों के ब्रीडिंग सेंटर के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे.
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सवाल: चीतों को कूनो तक लाने की क्या पूरी प्रकिया रहेगी?
जवाब: चीते अभी जोहांसबर्ग में क्वारंटाइन हैं, इन्हें मैं खुद देखकर आया हूं. चीतों को 16 सितंबर को स्पेशल हवाई जहाज से पहले जयपुर लाया जाएगा, इसके बाद उन्हें वायु सेना के स्पेशल हैलीकॉपटर से कूनो में बनाए गए हैलीपैड पर उतारा जाएगा. कूनो में बनाए गए बाड़े में 8 चीतों को अलग-अलग क्वारंटाइन किया जाएगा. प्रधानमंत्री जिन चीतों को छोडेंगे, उसमें दो चीते सगे भाई हैं. यह दोनों जोहांसबर्ग और उसके पहले नामीबिया में एक साथ रहते थे. इन दोनों को एक ही बाड़े में एक साथ रखा जाएगा. उन्हें प्रधानमंत्री एक साथ छोड़ेंगे. इसके अलावा एक फीमेल चीता को भी पीएम छोड़ेंगे. यह क्षण हम सभी के लिए ऐतिहासिक होगा, इन चीतों के कूनो में रहने से वाइल्डलाइफ को भी बढ़ावा मिलेगा.
सवाल: चीतों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?
जवाब: कूनों में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं. यहां दूसरे देशों का प्रतिनिधि मंडल भी पहुंच रहा है, इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जहां तक चीतों की सुरक्षा का सवाल हैं, इनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बाड़े के आसपास तारों में करंट रहेगा.