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Chaitra Navratri 2022: 1563 साल बाद दुर्लभ संयोग में शुरू होगा हिंदू नव वर्ष, अप्रैल में ग्रहों का होगा महा परिवर्तन

चैत्र नवरात्रि 2022 यानी की इस साल से राशियों पर दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस साल के अप्रैल में ग्रहों का महापरिवर्तन हो रहा है. 1563 साल बाद ये दुर्लभ संयोग में हिंदू नव वर्ष शुरू हो रहा है. किन राशियों में क्या क्या होगा परिवर्तन जानें. (hindu new year navratri) (Chaitra Navratri 2022 start from 2)

hindu new year 2022
हिन्दू नव वर्ष नवरात्रि 2022
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Published : Mar 27, 2022, 11:05 PM IST

भोपाल। हिंदू कालगणना के अनुसार हिंदू वर्ष का चैत्र महीना बहुत ही खास होता है क्योंकि यह माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है. चैत्र माह से हिंदू नववर्ष आरंभ हो जाता है. 2 अप्रैल शनिवार से हिंदू पंचांग का विक्रम संवत् 2079 शुरू हो रहा है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है. शनिवार को ही चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे, जो 10 अप्रैल, रविवार तक रहेंगे. इस बार रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में नववर्ष की शुरुआत होना शुभ संकेत है. साथ ही नवरात्र में तिथि की घट-बढ़ नहीं होने से देवी पर्व पूरे 9 दिन का रहेगा. इस तरह अखंड नवरात्र सुख-समृद्धि देने वाली रहेगी.

22 मार्च 459 को बना था अति दुर्लभ संयोग: इस साल नववर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे, वहीं शनि खुद की ही राशि मकर में होगा. नववर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है. इस योग के प्रभाव से ये साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए बहुत शुभ रहेगा. वहीं, अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा. ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है. इससे पहले 22 मार्च 459 को ये ग्रह स्थिति बनी थी. ये नववर्ष रेवती नक्षत्र में शुरू होगा. इसके स्वामी बुध हैं. बुध के कारण कारोबार में फायदा होता है, इसलिए इस नक्षत्र में खरीद-बिक्री करना शुभ माना जाता है. व्यापार का कारक बुध भी इस नक्षत्र में रहेगा. इससे बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा. (1563 years rare coincidence happened)

यह साल रहेगा बदलाव का साल: इस बार सरल, सत्कीर्ति और वेशि नाम के राजयोगों में नववर्ष की शुरुआत हो रही है, जिससे नवरात्र में खरीदारी, लेन-देन, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा. इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखेगा. इस कारण कई लोगों के लिए ये साल सफलता और आर्थिक मजबूती देने वाला रहेगा. इस साल लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनेंगी और उन पर काम भी होगा. कई लोगों के लिए बड़े बदलाव वाला साल रहेगा.

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शनि राजा और गुरु मंत्री: काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी बताते हैं कि इस संवत्सर में ग्रहों के खगोलीय मंत्री परिषद के 10 विभागों में राजा और मंत्री सहित 5 विभाग पाप ग्रहों के पास तथा 5 शुभ ग्रहों के पास रहेगा. इस वर्ष राजा-शनि, मन्त्री-गुरु, सस्येश-सूर्य, दुर्गेश-बुध, धनेश-शनि, रसेश-मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश-बुध, मेघेश-बुध होंगे. (Navratri Will Start In 3 Raja Yogas )

शिक्षा का बढ़ेगा स्तर: नवसंवत्सर 2079 में राजा शनि देव और मंत्री देव गुरु बृहस्पति रहेंगे. ग्रहों में न्यायाधीश शनिदेव कर्म फल से न्याय प्रदान करेंगे, वहीं देव गुरु बृहस्पति मंत्री के रूप में सकारात्मकता बढ़ाएंगे. जब शनि वर्ष के राजा होते हैं तो देश में उत्पात और अव्यवस्था तो बढ़ती है, लेकिन मंत्री गुरु होने से विद्वानों की अच्छी सलाह से मुसीबतें कम हो जाती हैं. इस दौरान धार्मिक कार्य बढ़ेंगे. शिक्षा का स्तर और बढ़ेगा.

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9 ग्रहों का राशि परिवर्तन
यदा-कदा ही ऐसा होता है कि जब सभी बड़े ग्रह किसी एक माह में एक साथ अपनी राशियों को छोड़ दूसरी राशि में प्रवेश कर रहे हों. अप्रैल में ऐसा ही अनोखा संयोग हो रहा है जब नौ के नौ ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं. अप्रैल में सबसे पहले मंगल 7 तारीख को मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. इसके अगले दिन बुध मेष राशि में आ जाएगा. फिर 11 अप्रैल को राहु-केतु राशि बदलकर मेष और तुला में आ जाएंगे. 13 को गुरु कुंभ राशि में और 14 को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में आएगा. इसके बाद महीने के आखिरी में 27 को शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में और 28 को शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करेगा. चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलता ही है. इस तरह नए साल के शुरू होने के महीने भर में ही सारे 9 ग्रह राशि परिवर्तन कर लेंगे. (hindu new year navratri) (Chaitra Navratri 2022 start from 2)

भोपाल। हिंदू कालगणना के अनुसार हिंदू वर्ष का चैत्र महीना बहुत ही खास होता है क्योंकि यह माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है. चैत्र माह से हिंदू नववर्ष आरंभ हो जाता है. 2 अप्रैल शनिवार से हिंदू पंचांग का विक्रम संवत् 2079 शुरू हो रहा है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है. शनिवार को ही चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे, जो 10 अप्रैल, रविवार तक रहेंगे. इस बार रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में नववर्ष की शुरुआत होना शुभ संकेत है. साथ ही नवरात्र में तिथि की घट-बढ़ नहीं होने से देवी पर्व पूरे 9 दिन का रहेगा. इस तरह अखंड नवरात्र सुख-समृद्धि देने वाली रहेगी.

22 मार्च 459 को बना था अति दुर्लभ संयोग: इस साल नववर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे, वहीं शनि खुद की ही राशि मकर में होगा. नववर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है. इस योग के प्रभाव से ये साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए बहुत शुभ रहेगा. वहीं, अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा. ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है. इससे पहले 22 मार्च 459 को ये ग्रह स्थिति बनी थी. ये नववर्ष रेवती नक्षत्र में शुरू होगा. इसके स्वामी बुध हैं. बुध के कारण कारोबार में फायदा होता है, इसलिए इस नक्षत्र में खरीद-बिक्री करना शुभ माना जाता है. व्यापार का कारक बुध भी इस नक्षत्र में रहेगा. इससे बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा. (1563 years rare coincidence happened)

यह साल रहेगा बदलाव का साल: इस बार सरल, सत्कीर्ति और वेशि नाम के राजयोगों में नववर्ष की शुरुआत हो रही है, जिससे नवरात्र में खरीदारी, लेन-देन, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा. इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखेगा. इस कारण कई लोगों के लिए ये साल सफलता और आर्थिक मजबूती देने वाला रहेगा. इस साल लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनेंगी और उन पर काम भी होगा. कई लोगों के लिए बड़े बदलाव वाला साल रहेगा.

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शनि राजा और गुरु मंत्री: काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी बताते हैं कि इस संवत्सर में ग्रहों के खगोलीय मंत्री परिषद के 10 विभागों में राजा और मंत्री सहित 5 विभाग पाप ग्रहों के पास तथा 5 शुभ ग्रहों के पास रहेगा. इस वर्ष राजा-शनि, मन्त्री-गुरु, सस्येश-सूर्य, दुर्गेश-बुध, धनेश-शनि, रसेश-मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश-बुध, मेघेश-बुध होंगे. (Navratri Will Start In 3 Raja Yogas )

शिक्षा का बढ़ेगा स्तर: नवसंवत्सर 2079 में राजा शनि देव और मंत्री देव गुरु बृहस्पति रहेंगे. ग्रहों में न्यायाधीश शनिदेव कर्म फल से न्याय प्रदान करेंगे, वहीं देव गुरु बृहस्पति मंत्री के रूप में सकारात्मकता बढ़ाएंगे. जब शनि वर्ष के राजा होते हैं तो देश में उत्पात और अव्यवस्था तो बढ़ती है, लेकिन मंत्री गुरु होने से विद्वानों की अच्छी सलाह से मुसीबतें कम हो जाती हैं. इस दौरान धार्मिक कार्य बढ़ेंगे. शिक्षा का स्तर और बढ़ेगा.

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यदा-कदा ही ऐसा होता है कि जब सभी बड़े ग्रह किसी एक माह में एक साथ अपनी राशियों को छोड़ दूसरी राशि में प्रवेश कर रहे हों. अप्रैल में ऐसा ही अनोखा संयोग हो रहा है जब नौ के नौ ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं. अप्रैल में सबसे पहले मंगल 7 तारीख को मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. इसके अगले दिन बुध मेष राशि में आ जाएगा. फिर 11 अप्रैल को राहु-केतु राशि बदलकर मेष और तुला में आ जाएंगे. 13 को गुरु कुंभ राशि में और 14 को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में आएगा. इसके बाद महीने के आखिरी में 27 को शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में और 28 को शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करेगा. चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलता ही है. इस तरह नए साल के शुरू होने के महीने भर में ही सारे 9 ग्रह राशि परिवर्तन कर लेंगे. (hindu new year navratri) (Chaitra Navratri 2022 start from 2)

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