भोपाल। 10वीं और 12वीं के सीबीएसई (CBSE) स्टूडेंट्स के सामने अब सबसे बड़ी समस्या मार्कशीट की आने लगी है. एग्जाम रिजल्ट घोषित तो हो गए, लेकिन अभी तक CBSE दिल्ली ने स्कूलों में मार्कशीट नहीं भेजी है. जिस वजह से 12वीं के बच्चों को कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. वहीं 10वीं के वह छात्र जो स्कूल स्कूल बदलना चाहते हैं उन्हें टीसी के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है. बच्चों के अभिभावक और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी मानते हैं कि मार्कशीट नहीं मिलने की वजह से स्कूल छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बच्चों के भविष्य का सवाल, पेरेंट्स परेशान
अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अब अभिभावक काफी परेशान हो रहे हैं. रश्मि शुक्ला नामक महिला ने बताया कि उनकी बेटी ने दसवीं क्लास का एग्जाम दिया था, सीबीएसई पैटर्न से दिए गए एग्जाम में वह पास भी हो गई थी, अब यह उसको भोपाल की जगह दूसरे शहर में पढ़ाई के लिए भेजना चाहती हैं, लेकिन स्कूल से मार्कशीट नहीं मिल पा रही. जिस वजह से वह अपनी बच्ची को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं भेज पा रही हैं.
यह समस्या किसी एक अभिभावक की नहीं है. मध्यप्रदेश में सीबीएसई स्कूल से जुड़े हर माता-पिता की यही दास्तां है. दरअसल सीबीएसई ने बच्चों का रिजल्ट घोषित कर दिया, लेकिन रिजल्ट घोषित होने के 2 माह बाद भी स्कूलों में मार्कशीट नहीं पहुंचाई है. जिस वजह से दसवीं और बारहवीं के बच्चे परेशान हो रहे हैं.
कॉलेज में एडमिशन के लिए भी छात्र परेशान
ऐसे ही एक सोनिया चौहान की महिला भी अपने बच्चे के भविष्य को लेकर काफी परेशान हैं. दरअसल सोनिया का बेटा ट्वेल्थ में है और सीबीएसई से पास हुआ है. वह अब इंजीनियरिंग करना चाहता है, लेकिन मार्कशीट नहीं होने की वजह से कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पा रही है. दूसरी तरफ कॉलेज में एडमिशन की लास्ट डेट भी निकल चुकी है और इनके पास लेट फीस के साथ ही अंतिम मौका है.
1 लाख 20 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर
मध्यप्रदेश में 1350 सीबीएसई के स्कूल हैं. जिनमें 10वीं और 12वीं में इस साल कुल 1,20,000 से अधिक छात्र-छात्राएं पास हुए. ऐसे में इन सभी छात्र-छात्राओं की मार्कशीट स्कूलों में नहीं पहुंची है. जिस वजह से 10वीं वाले वह छात्र खासा परेशान हैं, जिन्हें स्कूल बदलना है. 12वीं के सभी बच्चे भी परेशान हैं, क्योंकि उन्हें कॉलेजों में एडमिशन लेना है.
इधर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष चटर्जी का कहना है कि वह भी इस समस्या से बार-बार जूझ रहे हैं. रोज अभिभावकों के फोन आते हैं और उनका एक ही सवाल होता है कि बच्चों की मार्कशीट कब आएगी. ऐसे में उन्होंने भी सीबीएसई दिल्ली से गुजारिश की है कि जल्द से जल्द मार्कशीट बच्चों को मिल जाए.
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किसी को नहीं पता कब मिलेगी मार्कशीट
सीबीएसई का हेड क्वार्टर दिल्ली में होने के चलते मध्यप्रदेश में इसको लेकर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. सीबीएसई से जुड़े भोपाल के अधिकारी कहते हैं कि जब तक दिल्ली से मार्कशीट नहीं आएंगी, तब तक वह मार्कशीट देने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में इन बच्चों को अभी कितना इंतजार करना पड़ेगा, यह सवाल का जवाब किसी को भी नहीं पता. लेकिन मार्कशीट नहीं मिलने से बच्चों के सामने भविष्य को लेकर खतरा मंडरा रहा है. जबकि एमपी बोर्ड ने अपनी 10वीं और 12वीं के बच्चों की मार्कशीट स्कूलों में पहुंचा दी है.