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Bumper yield Garlic एमपी में 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा लहसुन, बर्बाद हो रहे किसानों ने नदी, नालों में बहाई फसल - Video of throwing garlic viral

प्याज और लहसुन की सबसे बड़ी मंडी मंदसौर में लहसुन के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं. जो लहसुन 150 रुपए प्रति किलो बिकता था, अब वह 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा है. दाम न के बराबर मिलने से दुखी किसान लहसुन की उपज को सड़कों और नालों में फेंक रहे हैं. मध्य प्रदेश में लहसुन को नदी में फेंके जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. किसानों की इस समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शिवराज सरकार से किसानों को लहसुन के उचित दाम दिलाने की मांग कर चुके हैं. Garlic Cultivation in MP, Bumper yield Garlic MP, Farmers unhappy very low price, Farmers Throw Garlic Rivers

Farmers Throw Garlic Rivers
नदी व नालों में लहसुन फेंक रहे हैं किसान
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Published : Aug 20, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 5:43 PM IST

भोपाल। लहसुन की बंपर पैदावार किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. मालवा और निमाड़ के कई जिलों में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है. मंडी में लहसुन के भाव जमीन पर आ गए हैं. हालत यह है कि मंडी में लहसुन के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. किसानों को अपनी पैदावार कौड़ी के भाव बेचनी पड़ रही है. भाव न के बराबर मिलने से नाराज किसान अब लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. खंडवा, खरगौन, मंदसौर और नीमच में लहसुन की पैदावार ज्यादा होती है. यहां के किसान अब लहसुन को नदी और नालों में बहा रहे हैं. कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

एक रुपए में दो किलो बिक रहा लहसुन : मंदसौर मंडी में व्यापारी शैलेंद्र बॉम्ब का कहना है की मंडी में अभी 200 रुपए प्रति क्विंटल लहसुन बिक रहा है. यानी 2 रुपए किलो, लेकिन मंडी के बाहर और खस्ताहाल हैं. किसानों का लहसुन 50 पैसे किलो प्रति किलो लिया जा रहा है. जिसके कारण किसान उसे नालों मे फेंक रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि किसानों को लग रहा था कि इस बार भी लहसुन के दाम आसमान छू लेंगे. लोगों ने गेहूं और अन्य फसलें न बोकर लहसुन की बोनी की. भोपाल, इंदौर के साथ ही और इलाकों में किसान लहसुन लगाने लगे. जिसके कारण भाव नहीं मिल रहे हैं.

व्यापारियों ने बताई ये वजह : कुछ व्यापारी बताते हैं कि असल कारण यह है कि किसानों ने अपना माल डंप कर लिया था और 6 महीने में यह माल खराब हो गया. जिससे मंडी में उन्हें 50 पैसे किलो बेचना पड़ रहा है. क्योंकि लहसुन खराब हो चुका है. लहसुन एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारी शैलेंद्र बताते हैं कि अभी चाइना सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और भारत का माल इतनी मात्रा में एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा. फिलहाल एक्सपोर्ट क्वालिटी के लहसुन का भाव ₹120 किलो यानी 12,000 रुपए क्विंटल बिक रहा है. भोपाल मे अच्छा लहसुन 15 से 20 रुपए किलो बिक रहा है.

लहसुन फेंके जाने के वीडियो वायरल : मध्य प्रदेश में लहसुन फेंके जाने का वीडियो वायरल होने पर शिवराज सरकार के राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह का बड़ा बयान आया हैं. उनका कहना हैं कि ''कई बार ऐसी स्थिति बनती है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसानों के साथ राजनीति करते हैं और सरकार को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. पिछले दिनों ऐसा ही कुछ भोपाल में देखने को मिला था, कुछ लोग दलगत राजनीति करने लगे थे. इसलिए जो वास्तविक किसानों की समस्या है, उस पर सरकार ध्यान दे रही है. हम भंडारण और स्टोरेज की क्षमता बढ़ा रहे हैं. मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां सरकार ने किसानों की आय दोगनी करने का प्रयास किया है''.

MP Garlic Politics लहसुन पर सियासत, तिलमिलाए मंत्री भारत सिंह ने कहा किसानों को बरगला सरकार को बदनाम कर रहे लोग

बेहद निराश हैं किसान : मध्य प्रदेश के कई जिलों में लहसुन की ज्यादा पैदावार किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है. लहसुन के रेट इतने कम हैं कि किसान बेहद निराश हो गए हैं. मंदसौर में किसान लहसुन के कट्टे पार्वती नदी में फेंक रहे हैं. लहसुन के रेट सही मिलने से किसानों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. इधर 14 अगस्त को उज्जैन जिले के भारतीय किसान संघ के करीब 100 से अधिक किसानों ने लहसुन थोक भाव में एक रुपए किलो बिकने और लागत मूल्य भी नहीं निकलने का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया.

कमलनाथ ने की सरकार से मांग : सरकार की इस अव्यवस्था से नाराज किसान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि मैं प्रदेश सरकार से आग्रह करता हूं कि अन्नदाता की पीड़ा को समझें. किसान को लहसुन का उचित मूल्य मिले, इसकी तुरंत व्यवस्था की जाए. याद रखें कि मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन यहां तो उन्हें अपना लहसुन माटी मोल बेचना पड़ रहा है.

भोपाल। लहसुन की बंपर पैदावार किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. मालवा और निमाड़ के कई जिलों में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है. मंडी में लहसुन के भाव जमीन पर आ गए हैं. हालत यह है कि मंडी में लहसुन के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. किसानों को अपनी पैदावार कौड़ी के भाव बेचनी पड़ रही है. भाव न के बराबर मिलने से नाराज किसान अब लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. खंडवा, खरगौन, मंदसौर और नीमच में लहसुन की पैदावार ज्यादा होती है. यहां के किसान अब लहसुन को नदी और नालों में बहा रहे हैं. कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

एक रुपए में दो किलो बिक रहा लहसुन : मंदसौर मंडी में व्यापारी शैलेंद्र बॉम्ब का कहना है की मंडी में अभी 200 रुपए प्रति क्विंटल लहसुन बिक रहा है. यानी 2 रुपए किलो, लेकिन मंडी के बाहर और खस्ताहाल हैं. किसानों का लहसुन 50 पैसे किलो प्रति किलो लिया जा रहा है. जिसके कारण किसान उसे नालों मे फेंक रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि किसानों को लग रहा था कि इस बार भी लहसुन के दाम आसमान छू लेंगे. लोगों ने गेहूं और अन्य फसलें न बोकर लहसुन की बोनी की. भोपाल, इंदौर के साथ ही और इलाकों में किसान लहसुन लगाने लगे. जिसके कारण भाव नहीं मिल रहे हैं.

व्यापारियों ने बताई ये वजह : कुछ व्यापारी बताते हैं कि असल कारण यह है कि किसानों ने अपना माल डंप कर लिया था और 6 महीने में यह माल खराब हो गया. जिससे मंडी में उन्हें 50 पैसे किलो बेचना पड़ रहा है. क्योंकि लहसुन खराब हो चुका है. लहसुन एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारी शैलेंद्र बताते हैं कि अभी चाइना सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और भारत का माल इतनी मात्रा में एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा. फिलहाल एक्सपोर्ट क्वालिटी के लहसुन का भाव ₹120 किलो यानी 12,000 रुपए क्विंटल बिक रहा है. भोपाल मे अच्छा लहसुन 15 से 20 रुपए किलो बिक रहा है.

लहसुन फेंके जाने के वीडियो वायरल : मध्य प्रदेश में लहसुन फेंके जाने का वीडियो वायरल होने पर शिवराज सरकार के राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह का बड़ा बयान आया हैं. उनका कहना हैं कि ''कई बार ऐसी स्थिति बनती है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसानों के साथ राजनीति करते हैं और सरकार को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. पिछले दिनों ऐसा ही कुछ भोपाल में देखने को मिला था, कुछ लोग दलगत राजनीति करने लगे थे. इसलिए जो वास्तविक किसानों की समस्या है, उस पर सरकार ध्यान दे रही है. हम भंडारण और स्टोरेज की क्षमता बढ़ा रहे हैं. मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां सरकार ने किसानों की आय दोगनी करने का प्रयास किया है''.

MP Garlic Politics लहसुन पर सियासत, तिलमिलाए मंत्री भारत सिंह ने कहा किसानों को बरगला सरकार को बदनाम कर रहे लोग

बेहद निराश हैं किसान : मध्य प्रदेश के कई जिलों में लहसुन की ज्यादा पैदावार किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है. लहसुन के रेट इतने कम हैं कि किसान बेहद निराश हो गए हैं. मंदसौर में किसान लहसुन के कट्टे पार्वती नदी में फेंक रहे हैं. लहसुन के रेट सही मिलने से किसानों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. इधर 14 अगस्त को उज्जैन जिले के भारतीय किसान संघ के करीब 100 से अधिक किसानों ने लहसुन थोक भाव में एक रुपए किलो बिकने और लागत मूल्य भी नहीं निकलने का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया.

कमलनाथ ने की सरकार से मांग : सरकार की इस अव्यवस्था से नाराज किसान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि मैं प्रदेश सरकार से आग्रह करता हूं कि अन्नदाता की पीड़ा को समझें. किसान को लहसुन का उचित मूल्य मिले, इसकी तुरंत व्यवस्था की जाए. याद रखें कि मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन यहां तो उन्हें अपना लहसुन माटी मोल बेचना पड़ रहा है.

Last Updated : Aug 20, 2022, 5:43 PM IST
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