भोपाल। कमलनाथ सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों को 160 रूपए क्विंटल बोनस न दे पाने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने गेहूं उत्पादक किसानों को बोनस नहीं दिए जाने का मामला जोर-शोर से उठाया. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया था कि अगर प्रदेश सरकार किसानों को बोनस या कोई भी प्रोत्साहन राशि देगी तो मध्यप्रदेश का गेहूं उपार्जन का कोटा कम कर दिया जाएगा.
कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत मुख्य बजट में 16 सौ करोड़ का प्रावधान किया था. लेकिन केंद्र सरकार इसमें आड़े आ रही है. फिर भी हमारी सरकार किसानों की सरकार है और हमने तय किया है कि कोई ना कोई रास्ता निकाल कर किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलवाया जाएगा. केंद्र ने सात लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन करने का वादा किया था. लेकिन ये वादा अब तक पूरा नहीं हुआ. जिससे प्रदेश सरकार को 14 सौ करोड़ का बोझ पड़ा हुआ है.
बीजेपी का आरोप
गेहूं उत्पादक किसानों को मिलने वाले बोनस के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा प्रदेश का किसान परेशान और सरकार नीद से जाग नहीं रही. उलटा केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है.
बीजेपी कमलनाथ सरकार को हर दिन किसानों को मुद्दे पर निशाना बना रही है. तो कांग्रेस खुद को किसानों का हितैषी बताते हुए बीजेपी पर पलटवार कर रही हैं. यानि विधानसभा में इन दिनों सियासी अखाड़ा किसानों के मुद्दे पर सजा हुआ है. जहां सड़क से लेकर सदन तक सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरें को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.