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बीजेपी ने किसानों को बोनस नहीं देने का सरकार पर लगाया आरोप, कांग्रेस का जवाब-आड़े आ रही मोदी सरकार

मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहा. कमलनाथ सरकार और विपक्ष में बैठी बीजेपी के बीच तीखी तकरार देखने को मिली. बीजेपी कमलनाथ सरकार को हर दिन किसानों के मुद्दे पर निशाना बना रही है. तो कांग्रेस खुद को किसानों का हितैषी बताते हुए बीजेपी पर पलटवार कर रही हैं.

shivraj and kamal nath
शिवराज और कमलनाथ
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Published : Dec 20, 2019, 3:27 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 7:15 AM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों को 160 रूपए क्विंटल बोनस न दे पाने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने गेहूं उत्पादक किसानों को बोनस नहीं दिए जाने का मामला जोर-शोर से उठाया. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया था कि अगर प्रदेश सरकार किसानों को बोनस या कोई भी प्रोत्साहन राशि देगी तो मध्यप्रदेश का गेहूं उपार्जन का कोटा कम कर दिया जाएगा.

विधानसभा में किसानों को मुद्दे पर तकरार

कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत मुख्य बजट में 16 सौ करोड़ का प्रावधान किया था. लेकिन केंद्र सरकार इसमें आड़े आ रही है. फिर भी हमारी सरकार किसानों की सरकार है और हमने तय किया है कि कोई ना कोई रास्ता निकाल कर किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलवाया जाएगा. केंद्र ने सात लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन करने का वादा किया था. लेकिन ये वादा अब तक पूरा नहीं हुआ. जिससे प्रदेश सरकार को 14 सौ करोड़ का बोझ पड़ा हुआ है.

बीजेपी का आरोप
गेहूं उत्पादक किसानों को मिलने वाले बोनस के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा प्रदेश का किसान परेशान और सरकार नीद से जाग नहीं रही. उलटा केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है.

बीजेपी कमलनाथ सरकार को हर दिन किसानों को मुद्दे पर निशाना बना रही है. तो कांग्रेस खुद को किसानों का हितैषी बताते हुए बीजेपी पर पलटवार कर रही हैं. यानि विधानसभा में इन दिनों सियासी अखाड़ा किसानों के मुद्दे पर सजा हुआ है. जहां सड़क से लेकर सदन तक सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरें को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों को 160 रूपए क्विंटल बोनस न दे पाने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने गेहूं उत्पादक किसानों को बोनस नहीं दिए जाने का मामला जोर-शोर से उठाया. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया था कि अगर प्रदेश सरकार किसानों को बोनस या कोई भी प्रोत्साहन राशि देगी तो मध्यप्रदेश का गेहूं उपार्जन का कोटा कम कर दिया जाएगा.

विधानसभा में किसानों को मुद्दे पर तकरार

कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत मुख्य बजट में 16 सौ करोड़ का प्रावधान किया था. लेकिन केंद्र सरकार इसमें आड़े आ रही है. फिर भी हमारी सरकार किसानों की सरकार है और हमने तय किया है कि कोई ना कोई रास्ता निकाल कर किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलवाया जाएगा. केंद्र ने सात लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन करने का वादा किया था. लेकिन ये वादा अब तक पूरा नहीं हुआ. जिससे प्रदेश सरकार को 14 सौ करोड़ का बोझ पड़ा हुआ है.

बीजेपी का आरोप
गेहूं उत्पादक किसानों को मिलने वाले बोनस के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा प्रदेश का किसान परेशान और सरकार नीद से जाग नहीं रही. उलटा केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है.

बीजेपी कमलनाथ सरकार को हर दिन किसानों को मुद्दे पर निशाना बना रही है. तो कांग्रेस खुद को किसानों का हितैषी बताते हुए बीजेपी पर पलटवार कर रही हैं. यानि विधानसभा में इन दिनों सियासी अखाड़ा किसानों के मुद्दे पर सजा हुआ है. जहां सड़क से लेकर सदन तक सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरें को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.

Intro:भोपाल। कमलनाथ सरकार की गेहूं उत्पादक किसानों को 160 रूपए क्विंटल बोनस देने की घोषणा में केंद्र सरकार आड़े आ रही है। मप्र् विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने गेहूं उत्पादक किसानों को बोनस नहीं दिए जाने का मामला जोर-शोर से उठाया। लेकिन जब इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार से मुलाकात और पत्राचार का ब्यौरा दिया। तो हकीकत सामने आई कि केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया था कि अगर प्रदेश सरकार किसानों को बोनस या कोई भी प्रोत्साहन राशि देगी. तो मप्र का गेहूं उपार्जन का कोटा कम कर दिया जाएगा। इस मामले में कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि हमारी सरकार ने कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत मुख्य बजट में 16 सौ करोड़ का प्रावधान किया था। लेकिन केंद्र सरकार इसमें आड़े आ रही है। फिर भी हमारी सरकार किसानों की सरकार है और हमने तय किया है कि कोई ना कोई रास्ता निकाल कर किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलवाया जाएगा।


Body:कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि हमारी सरकार ने कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत मुख्य बजट में सोलह सौ करोड़ का प्रावधान गेहूं उत्पादक किसानों को 160 रूपए बोनस देने के लिए किया था। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी आई। जिसमें कहा गया कि अगर आप किसी प्रकार का बोनस या प्रोत्साहन के नाम पर राशि वितरित करते हैं।तो हम गेहूं उपार्जन की मात्रा कम कर देंगे।वैसे भी केंद्र सरकार ने पहले जो वादा किया था। उस वादे को तोड़ते हुए 7 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन नहीं किया।जिसके कारण प्रदेश सरकार पर लगभग 14 सौ करोड़ का बोझ पड़ा हुआ है। यह सारी स्थिति मुख्यमंत्री सदन में साफ कर चुके हैं।


Conclusion:कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि जहां तक बोनस का सवाल है। तो हमारी सरकार किसानों की सरकार है। हमारे किसान साथियों के लिए हम कोई ऐसा रास्ता निकालेंगे।जिसके माध्यम से हम उनकी फसलों का उचित दाम दिला सके।
Last Updated : Dec 21, 2019, 7:15 AM IST
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