भोपाल। आर्थिक तंगी से झेल रही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार फिर से एक हजार करोड़ का ऋण लेने जा रही है. सरकार बाजार से यह ऋण लेगी. सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार ठीक तरह से वित्तीय प्रबंधन नहीं कर पार रही, यही वजह है कि सरकार को बार-बार लोन लेना पड़ रहा है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है. कमलनाथ सरकार इस रोकने में पूरी तरह से फैल है. उन्होंने जब-जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है. इसी तरह का माहौल बन जाता है. प्रदेश में बंटाधार रिटर्न्स होता है. यह सरकार सिर्फ पैसा उधार लेकर बेफिजूल के खर्चे कर रही है.
मध्य प्रदेश सरकार पर 31 मार्च तक 1 लाख 82 हजार 920 करोड़ रुपए का कर्जा है. इसमें से सरकार ने एक लाख 5 हजार 660 करोड़ रुपए का लोन बाजार से उठाया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार 7 हजार 501 करोड़ रुपए का उधार ले चुकी है. 29 अगस्त को सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए का लोन लिया था. इसके पहले 2 अगस्त को 1 हजार करोड़, 5 जुलाई को 1 हजार करोड़, 7 जून को 1 हजार करोड़, 30 मई को एक हजार करोड़ और 30 अप्रेल को 5 सौ करोड़ रुपए का सरकार ने बाजार से लोन लिया है.