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कमलनाथ सरकार के खिलाफ बीजेपी ने बजाया झुनझुना, दीवाली बोनस को लेकर किया प्रदर्शन

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए दीवाली के बाद बोनस देने की बात कही है, जिसका सद्भावना अधिकार मंच और बीजेपी ने झुनझुना बजाकर विरोध किया है. ये प्रदर्शन भोपाल में सात नंबर चौराहे पर किया गया.

प्रदर्शन
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Published : Oct 24, 2019, 3:23 AM IST

भोपाल। दीवाली के त्योहार पर सरकारी कर्मचारियों को बोनस ना दिए जाने का विरोध शुरू हो गया है. कमलनाथ सरकार के खिलाफ सद्भावना अधिकार मंच ने शाम सात नंबर चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों को दीवाली से पहले बोनस देना चाहिए ताकि सभी कर्मचारियों की दीपावली अच्छे से मन सके. बीजेपी ने कमलनाथ सरकार की दमनकारी नितियों और हर वर्ग के साथ कि जा रही वादा खिलाफी के विरोध में झुनझुना बजाकर ये अनूठा प्रदर्शन किया है.

सरकार के खिलाफ बजा झुनझुना


इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता और सद्भावना अधिकार मंच के संयोजक दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कमलनाथ सरकार कर्मचारियों को उन्हीं का वेतन 4 दिन पूर्व देकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन इस सरकार को कर्मचारियों को बोनस देना चाहिए था. प्रदेश के किसानों का कर्जमाफ कर मुआवजे की राशि उनके खाते में डालकर, बेरोजगार युवाओं के खाते में प्रतिमाह 4 हजार रुपये डालकर, कन्याओं के खाते में 51 हजार रुपये डालकर एवं प्रदेश की जनता को दिये गये वचनों को निभाकर उनकी दिवाली को सार्थक करना चाहिए था लेकिन इस सरकार की दमनकारी नितियों के वजह से प्रदेश की साढे़ सात करोड़ जनता त्राहि-त्राहि कर रही है.

बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार जिन वचनों को देकर अस्तित्व में आयी थी, आज प्रत्येक वचन को भंग करने का काम कर रही है. किसान, नौजवान, कर्मचारी, महिला सहित हर वर्ग अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है. प्रदेश की सरकार ने सभी वर्गों को वचन के नाम पर झुनझुना पकड़ाने का जो कुत्सित प्रयास किया है, सदभावना अधिकार मंच इसकी कड़ी निंदा करता है. सरकार को चाहिए अपने हर वचन को वास्तविकता के धरातल पर लाने का प्रयास करे ताकि जनता को राहत मिल सके.

भोपाल। दीवाली के त्योहार पर सरकारी कर्मचारियों को बोनस ना दिए जाने का विरोध शुरू हो गया है. कमलनाथ सरकार के खिलाफ सद्भावना अधिकार मंच ने शाम सात नंबर चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों को दीवाली से पहले बोनस देना चाहिए ताकि सभी कर्मचारियों की दीपावली अच्छे से मन सके. बीजेपी ने कमलनाथ सरकार की दमनकारी नितियों और हर वर्ग के साथ कि जा रही वादा खिलाफी के विरोध में झुनझुना बजाकर ये अनूठा प्रदर्शन किया है.

सरकार के खिलाफ बजा झुनझुना


इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता और सद्भावना अधिकार मंच के संयोजक दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कमलनाथ सरकार कर्मचारियों को उन्हीं का वेतन 4 दिन पूर्व देकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन इस सरकार को कर्मचारियों को बोनस देना चाहिए था. प्रदेश के किसानों का कर्जमाफ कर मुआवजे की राशि उनके खाते में डालकर, बेरोजगार युवाओं के खाते में प्रतिमाह 4 हजार रुपये डालकर, कन्याओं के खाते में 51 हजार रुपये डालकर एवं प्रदेश की जनता को दिये गये वचनों को निभाकर उनकी दिवाली को सार्थक करना चाहिए था लेकिन इस सरकार की दमनकारी नितियों के वजह से प्रदेश की साढे़ सात करोड़ जनता त्राहि-त्राहि कर रही है.

बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार जिन वचनों को देकर अस्तित्व में आयी थी, आज प्रत्येक वचन को भंग करने का काम कर रही है. किसान, नौजवान, कर्मचारी, महिला सहित हर वर्ग अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है. प्रदेश की सरकार ने सभी वर्गों को वचन के नाम पर झुनझुना पकड़ाने का जो कुत्सित प्रयास किया है, सदभावना अधिकार मंच इसकी कड़ी निंदा करता है. सरकार को चाहिए अपने हर वचन को वास्तविकता के धरातल पर लाने का प्रयास करे ताकि जनता को राहत मिल सके.

Intro:कमलनाथ सरकार के विरोध में हुआ अनूठा प्रदर्शन , झुनझुना बजाकर जताया विरोध

भोपाल। दीपावली के त्यौहार पर सरकारी कर्मचारियों को बोनस ना दिए जाने का विरोध शुरू हो गया है . कमलनाथ सरकार के खिलाफ सद्भावना अधिकार मंच ने देर शाम 7 नंबर चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों को दीपावली से पहले बोनस देना चाहिए ताकि सभी कर्मचारियों की दीपावली अच्छे से मन सके . कमलनाथ सरकार की दमनकारी नितियों एवं हर वर्ग के साथ कि जा रही बादा खिलाफी के विरोध में झुनझुना बजाकर यह अनूठा प्रदर्शन किया गया.
         


         Body:इस अवसर पर बीजेपी प्रवक्ता और सद्भावना अधिकार मंच के संयोजक दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कमलनाथ सरकार कर्मचारियों को उन्ही का वेतन 4 दिन पूर्व देकर अपनी पिठ थपथपा रही है अपितू इस सरकार को कर्मचारियों को बोनस देना चाहिए था. प्रदेश के किसानों का कर्जमाफ कर मुआवजे की राशि उनके खाते में डालकर, बेरोजगार युवाओं के खाते में प्रतिमाह 4 हजार रूपये डालकर, कन्याओं के खाते में 51 हजार रूपये डालकर एवं प्रदेश की जनता को दिये गये बचनों को निभाकर उनकी दिवाली को सार्थक करना चाहिए था. परन्तु इस सरकार दमनकारी नितियों के बजय से प्रदेश की साढे सात करोड जनता त्राहि त्राहि है .
         
Conclusion: बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार जिन बचनों को देकर अस्थित्व में आयी थी , आज प्रत्येक बचन को भंग करने का काम कर रही है. किसान, नौजवान, कर्मचारी, महिला सहित हर वर्ग अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है. प्रदेश की सरकार ने सभी वर्गाे को बचन के नाम पर झुनझुना पकडाने का जो कुत्सित प्रयास किया है सदभावना अधिकार मंच इसकी कडी निंदा करता है. सरकार को चाहिए अपने हर बचन को वास्तविकता के धरातल पर लाने का प्रयास करे ताकि जनता को राहत मिल सके .
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