भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान का केंद्र राजधानी भोपाल बनी हुई है. कल रात भी बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में जमकर जुबानी तीर चले. लापता चार विधायकों में से गायब निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा कल अचानक मीडिया के सामने आ गए, तो बीजेपी के दो विधायक संजय पाठक और विश्वास सांरग ने उनकी जान को खतरा बताया. इन सबके बीच कल सीएम कमलनाथ ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश का नेता बिकाऊ नहीं है.
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प्रदेश में मची सियासी उथल-पुथल में कल दिनभर भी ड्रामा चला. शिवराज सिंह चौहान से लेकर नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव तक बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता दिल्ली में ही मौजूद रहे, तो सीएम कमलनाथ भी लगातार मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक करते रहे. इस बीच पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर भोपाल में आकर मोर्चा संभाला. उन्होंने लगातार कमलनाथ के साथ बैठके की. दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है.
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बीजेपी विधायकों ने बताया जान को खतरा
इस सियासी ड्रामे में उस वक्त नया मोड़ आया, जब एक के बाद एक बीजेपी के दो विधायकों ने अपनी जान को खतरा बताया. बीजेपी विधायक संजय पाठक ने सीएम हाउस में की जाने वाली खबरों का खंडन करते हुए कहा कि वह बीजेपी में थे और बीजेपी में ही रहेंगे, जबकि उनकी हत्या भी करवाई जा सकती है. कुछ इसी तरह का बयान बीजेपी विधायक विश्वास सांरग ने भी दिया. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है. उनके सुरक्षा गार्ड हटा लिए गए हैं. विश्वास सांरग ने सीधे-सीधे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जान को खतरा है.
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मंत्रियों ने कहा किसी को नहीं जान का खतरा
वहीं बीजेपी विधायकों के बयानों पर जब कमलनाथ सरकार के मंत्रियों से सवाल किया गया, तो मंत्री तरुण भनोट और जीतू पटवारी ने कहा कि किसी भी विधायक को सरकार से कोई खतरा नहीं है. वे बताएं कि उन्हें कौन मारना चाहता है, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बीजेपी सरकार गिराने की साजिश रच रही है, लेकिन जब फ्लोर टेस्ट होगा तो बीजेपी के कई विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे.
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नारायण त्रिपाठी ने फिर की सीएम कमलनाथ से मुलाकात
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी को लेकर अब भी संशय बरकरार है कि बीजेपी की तरफ है या कांग्रेस की तरफ. कल दिनभर में नारायण त्रिपाठी ने तीन से चार बार सीएम कमलनाथ से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि वे किसी से डरते नहीं हैं. सीएम से अपने क्षेत्र के कामों को लेकर मिलते हैं और आगे भी मिलते रहेंगे. हालांकि त्रिपाठी अपना स्टैंड क्लीयर नहीं कर रहे कि वे आखिर हैं किस तरफ.
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अब आगे क्या....
प्रदेश में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता अब तक प्रदेश वापस नहीं लोटे हैं. कल बीजेपी के सभी नेताओं की एक बड़ी बैठक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पर चली, जिसमें शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव के बीच मंथन चलता रहा, तो इन तमाम नेताओं ने रात में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की, ऐसे में प्रदेश की राजनीति में बीजेपी का अगला कदम क्या होगा.
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बीजेपी की सियासत का केंद्र जहां दिल्ली में रहा, तो कांग्रेस का पॉवर सेंटर भोपाल स्थित सीएम हाउस में था. कल सीएम कमलनाथ के अधिकतर मंत्री मुख्यमंत्री निवास पर ही मौजूद रहे. तो कांग्रेस के फरमान के बाद पार्टी के सभी विधायक एक-एक कर भोपाल पहुंचे. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को भोपाल में मौजूद रहने का आदेश दिए हैं. इस बीच दिग्विजय सिंह और सीएम कमलनाथ के बीच भी लंबी बैठक हुई.
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यानि प्रदेश में सत्ता के लिए जारी सियासी खींचतान का खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. जब तक कांग्रेस के तीनों विधायक सामने नहीं आ जाते, तब तक मामला पूरी तरह से साफ होने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में प्रदेश में जारी शह-मात का यह सियासी खेल अभी आगे भी चलने की पूरी उम्मीद नजर आ रही है.