भोपाल। एक तरफ प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा (covid 19 and omicron threat) मानते हुए सरकार लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग सहित तमाम दूसरी गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रही है. वहीं दूसरी तरफ खुद ही बड़े-बड़े आयोजन कर भीड़ जुटा रही है. फिर चाहे वो जंबूरी मैदान का आदिवासी सम्मेलन हो या इंदौर में टंट्या भील के बलिदान दिवस पर हुआ आयोजन. खुद ही हजारों की भीड़ जुटा रही बीजेपी ने (Bjp Demand Postponed Ijtema)समुदाय विशेष के आयोजन इज्तिमा पर रोक लगाने की मांग कर बवाल खड़ा कर दिया है.
स्वास्थ्य विभाग के ACS को किया ट्वीट
इज्तिमा स्थगित करने की मांग को लेकर किए गए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेई के एक ट्वीट से हंगामा खड़ा हो गया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ हितेश वाजपेई ने यह ट्वीट स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को किया है. ट्वीट में एक आईएएस अधिकारी से इज़्तिमा स्थगित करने की मांग की है. जबकि इस तरह के फैसले खुद मुख्यमंत्री लेते हैं , लेकिन बीजेपी ने मुख्यमंत्री से मांग न कर एक आईएएस अधिकारी से इज्तिमा का आयोजन स्थगित करने की मांग की है.
जमातों से ओमिक्रॉन के आने का खतरा
बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने ट्वीट में लिखा है कि ' मेरा सुलेमान जी से अनुरोध है कि वे विदेशी जमातों से ओमीक्रोन के आगमन की आशंका के प्रकाश में भोपाल इज़्तिमा के आयोजन को स्थगित करवाने का विचार करें'
कांग्रेस ने जताई आपत्ति
हितेश वाजपेई के ट्वीट पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि इज़्तिमा एक धर्म विशेष से जुड़ा मामला है. इसका आयोजन कराना है या नहीं कराना यह सरकार को तय करना होता है भाजपा प्रवक्ता को नहीं. सलूजा ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान से इज्तिमा पर रोक लगाने की मांग सिर्फ इसलिए की है क्योंकि वह एक धर्म विशेष से आते हैं. सलूजा ने इसे बीजेपी का नया शिगूफा बताया है. उन्होंने सवाल करते पूछा है कि इज्तिमा का आयोजन स्वास्थ्य विभाग नहीं कराता. वाजपेई को मुख्यमंत्री से मांग करना चाहिए. बीजेपी जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है.
रामेश्वर शर्मा का मिला समर्थन
बीजेपी का ट्वीट उस वक्त आया जब 2 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने यह चेतावनी दी थी कि जिस तरह से हालात बन रहे हैं उसको देखते हुए कहां है जनवरी-फरवरी में तीसरी लहर के आने का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है. दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता का समर्थन करते हुए विधायक रामेश्वर शर्मा भी मैदान में कूद गए, उनका कहना है इस संभावित खतरे के हिसाब से डॉक्टर साहब (हितेश वाजपेई) की चिंता सही है.
क्या है इज्तिमा
मुस्लिम समाज का दुनिया का दूसरा बड़ा धार्मिक समागम आलमी तब्लीगी इज्तिमा होता है. भोपाल के 72 साल के इतिहास में पहला मौका था जब नवंबर 2020 में कोरोना को चलते पहली बार इसे स्थगित किया गया था. मुस्लिम समाज का ये सालाना धार्मिक आयोजन हर साल भोपाल के ईंटखेड़ी में होता है. इसमें दुनियाभर से 10 लाख के करीब मुस्लिम जायरीन अलग-अलग देशों से आने वाली जमातों के साथ आते हैं. इज्तिमा के दौरान 4 दिन तक मजहबी तकरीरें होती हैं.