भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोटिंग होना है, लेकिन इससे पहले चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. अब कमलनाथ स्टार प्रचारक के तौर पर चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद जहां कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रही है. वहीं बीजेपी फैसले को सही बताते हुए कमलनाथ पर निशाना साध रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान
चुनाव आयोग की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि 'न मैं स्टार प्रचारक हूं, न कोई कद है और न ही कोई पद है. मैं चुनाव आयोग पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. 10 तारीख के बाद बात करेंगे, क्योंकि जनता सबसे ऊंची है.' कमलनाथ ने कहा उन्होंने अपने जीवन में कई चुनाव देखे हैं, देश प्रदेश में चुनाव लड़े हैं और कई चुनाव लड़बाए भी हैं. उन्होंने कहा वो जानते हैं, कि मध्यप्रदेश में क्या परिस्थिति है, जब विरोधी दल हार रहे होते हैं, एक स्थिति वो होती है जब पिट रहे होते हैं. तब प्रशासन का उपयोग करो, पुलिस का उपयोग करो, शराब के पैसे का उपयोग करो.
कमलनाथ ने कहा उन्हें मध्य प्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास है. वो संविधान की रक्षा करेंगे. प्रदेश में बिकाऊ की सरकार नहीं आने देंगे. जनता पूरी बात समझ रही है और बीजेपी को मुंहतोड़ जवाब देगी, क्योंकि अब सवाल बीजेपी के हारने का नहीं बचा है. बल्कि किस सीट पर कितने मतों से हार रहे हैं, ये बचा है.
चुनाव प्रचार को लेकर कमलनाथ का कहना है कि वो आज और कल दोनों दिन चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं, दरअसल चुनाव आयोग ने महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी पर किए गए आइटम जैसे शब्द के प्रयोग के बाद कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटा दिया था. जिसके बाद अब कमलनाथ यदि चुनाव प्रचार करते हैं, तो उसका खर्चा प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा.
विवेक तन्खा ने कहा सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इलेक्शन कमीशन के द्वारा कमलनाथ को स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने पर सवाल खड़े किए हैं. विवेक तन्खा ने कहा कि इस मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट में जा रहे हैं और फ्रीडम आफ स्पीच और एक्सप्रेशन को लेकर मुद्दे रखेंगे. विवेक तन्खा के मुताबिक स्टार प्रचारक कौन होगा, ये पार्टी तय करती है और इलेक्शन कमिशन उसमें निर्णय नहीं ले सकता है. साथ ही इस पिटीशन में ये भी लिखा गया है, कि बीजेपी के नेता ने कौन-कौन सी बातें कहीं हैं, और उस पर इलेक्शन कमीशन ने क्या कार्रवाई की है.
विवेक तन्खा के मुताबिक इमारती देवी की शिकायत पर 48 घंटे का नोटिस दिया गया था, और उस पर कमलनाथ ने जवाब भी दिया था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया, लेकिन उसके बाद कमलनाथ को सीधे सूची से हटा दिया गया, विवेक तन्खा ने कहा है कि कमलनाथ स्टार प्रचारक ही नहीं बल्कि चुनाव को लीड भी कर रहे हैं और जो ऑर्डर दिया गया है, वो बीजेपी की बौखलाहट का प्रतीक है.
स्टार प्रचारक की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का:दिग्विजय सिंह
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स्टार प्रचारक की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का है, केंद्रीय चुनाव आयोग का नहीं है। उन्होंने अपनी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है: कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटाए जाने पर दिग्विजय सिंह, कांग्रेस pic.twitter.com/MA0lLrv8hT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 31, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ से स्टार प्रचारक दर्जा छीनने पर कहा कि स्टार प्रचारक की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का है, केंद्रीय चुनाव आयोग का नहीं है. उन्होंने अपनी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने साधा निशाना
कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि यह उनकी हताशा और निराशा का प्रतीक है, लेकिन उनका अहंकार अभी भी नहीं जा रहा. कमलनाथ के नजरों में बाकी सब गलत है. उनकी नजरों में उनके ही नेता राहुल गांधी भी गलत हैं, उन्हें कोई समझा देता है. उनकी नजरों में चुनाव आयोग गलत है, उनकी नजरों में अधिकारी कर्मचारी सब गलत है तो सही कौन है. शिवराज सिंह का कहना है कि कमलनाथ आजकल धमकाने वाली भाषा में बात करते हैं, अधिकारियों को कहते है देख लूंगा,कर्मचारियों से निपट लूंगा, क्या निपटोगे. सबसे बड़ी जनता होती है. अधिकारी और कर्मचारियों सबका आत्म सम्मान होता है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ धमकाना और चमकाना बंद करो. मध्यप्रदेश प्रेम की भाषा जनता है. कमलनाथ पर हुई कार्रवाई को लेकर शिवराज सिंह का कहना है कि चुनाव आयोग ने कार्रवाई की तो आप कह रहे हो बदले की भावना से किया. संवैधानिक संस्था पर आरोप लगाते हुए आपको लज्जा नहीं आती. वहीं उपचुनाव को लेकर शिवराज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शानदार सफलता प्राप्त कर रही है और उनका दर्द यही है कि सत्ता चली गई. कमलनाथ के पास सत्ता भी कोई जन कल्याण और विकास के लिए नहीं थी, मध्यप्रदेश को लूटने कि लिए सत्ता अपने पास रखी थी. प्रदेश को दलालों की मंडी बना दिया था कमलनाथ ने. इसलिए उन्हें आज यह दिन देखना पड़ रहा हैं,कम से कम अब तो वे समझें.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ पर बोलो हमला
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I'm surprised at Kamal Nath's behaviour. Despite EC action & former Congress President asking him to apologise for his comments, he refuses to apologise. The public will make him say sorry on 3rd November & give a befitting reply to his ego: BJP leader Jyotiraditya Scindia pic.twitter.com/ROzaZ2UWsE
— ANI (@ANI) October 31, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि मैं कमलनाथ के इस व्यवहार से हैरान हूं. चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनकी टिप्पणियों के लिए माफी मांगने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया. जनता उसे 3 नवंबर को सॉरी कहेगी और उनके अहंकार का जवाब देगी.
कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर उपचुनाव के प्रचार रुकने के ठीक 2 दिन पहले स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के चुनाव आयोग के फैसले में कहा गया है कि कमलनाथ लगातार विवादित बयान बाजी कर रहे थे और इस सिलसिले में उन्हें 22 अक्टूबर को नोटिस भी जारी किया गया था.
उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी को 'आइटम' कहकर संबोधित किया था. जिसके सिलसिले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए उनसे 2 दिन के अंदर जवाब मांगा था. चुनाव आयोग का कहना है कि उनके जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि नोटिस दिए जाने के बाद भी वह लगातार इस तरह के बयान देते रहे. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बारे में कहा कि 'शिवराज नौटंकी करते हैं वे मुंबई जाकर एक्टिंग क्यों नहीं करते'.
वहीं उन्होंने एक सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'आपके भगवान तो वह माफिया हैं, जिससे आपने मध्यप्रदेश की पहचान बनाई. यह सब शिकायतें बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग में दर्ज कराई गई थी. इस मामले में कमलनाथ को नोटिस दिया गया था और कमलनाथ ने तय समय पर जवाब दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उस जवाब को संतुष्टि कारक नहीं मानते हुए कहा है कि जिस तरह से कमलनाथ ने लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और अगर वह कहीं स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करते हैं. तो उनके कार्यक्रम का खर्चा प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा.
क्या होती है स्टार प्रचारक की भूमिका?
स्टार प्रचारकों पर सबकी नजरें होती हैं. ये ऐसे नेता और सिलेब्रिटी होते हैं, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़ती है. इनका लोगों पर खासा प्रभाव होता है. स्टार प्रचारक अपने दमदार भाषणों से अपनी पार्टी और उम्मीदवार के लिए वोट खींचने का काम करते हैं. इनकी सभाएं ऐसे इलाकों में रखी जाती हैं, जहां वोट मिलने की संभावना ज्यादा होती है. चुनाव कोई भी हो इसे जीतने के लिए पार्टी ऐसे नेताओं और सिलेब्रिटी को प्रचार के लिए उतारती है, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़े. स्टार प्रचारक को कोई भी दल अपनी स्वेच्छा से उसकी सहमति मिलने पर चुन सकता है.