भोपाल। ओबेदुल्ला खां हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. यहां टूर्नामेंट में देश भर के ख्याति प्राप्त खिलाड़ी पहुंच रहे हैं. इन्हीं खिलाडियों में से भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर और ओलंपियन देवेश चौहान भी हैं. देवेश के मुताबिक अकादमी अच्छा प्रयास कर रही है. देवेश बताते हैं कि जब वे खेला करते थे तब पाकिस्तान की टीम को सबसे बड़ी टीम के रूप में माना जाता था, लेकिन पाकिस्तान की टीम से जीतना उनके लिए आज भी सबसे यादगार है.
टीम में गोलकीपर कोच की जरुरत
देवेश इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के कोच हैं. वो कहते हैं कि, भारतीय टीम में एक बेहतर गोलकीपर कोच की आवश्यकता है. अच्छी हॉकी खेलने के लिए अलग से गोलकीपर कोच होना जरुरी है. क्योंकि कोच ही खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने का काम करते हैं. इंडिया में अगर अच्छे कोच हों तो भारतीय टीम हॉकी की परफॉर्मेंस और बेहतर हो सकती है.
सरकार के प्रयास से बढ़ा लोगों का रुझान
एशिया कप और कॉमनवेल्थ खेलों में भारत को मेडल दिला चुके के.कोथाजीत मणिपुर के रहने वाले हैं. वे कहते हैं पहले खेलने के लिए ग्राउंड कि समस्या थी. अब देश में अच्छे ग्राउंड हैं. खिलाड़ियों को ग्रास रूट से प्रयास करने की जरूरत है. हालांकि सरकार का ध्यान हॉकी की ओर होने से नए प्रयोग हो रहे हैं और खेल को बढ़ाबा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. खिलाड़ियों को भी मेहनत करने की जरूरत है. के.कोथाजीत और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के कोच देवेश की मानें तो वंदना कटारिया को पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद से हॉकी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है.