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कर्जदार MP! सरकार ने फिर लिया 2000 करोड़ का कर्ज, प्रदेश पर अब तक 2 लाख 53 हजार करोड़ का लोन

मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर 2000 करोड़ का कर्ज लिया है. इसी के साथ अब प्रदेश सरकार पर 2 लाख 53 हजार करोड़ का कर्ज हो गया है. मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

कर्जदार MP!
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Published : Oct 27, 2021, 5:43 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया घोषणाएं पर घोषणाएं करते जा रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. शिवराज सरकार ने एक बार फिर 2000 करोड़ का कर्ज लिया है. जानकारी के मुताबिक, यह कर्ज प्रदेश में चल रही सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है. इस वित्तीय वर्ष में अब तक 10 हजार करोड़ का कर्ज मप्र सरकार द्वारा लिया जा चुका है. सरकार पर अब तक 2 लाख 53 हजार करोड़ का कर्ज हो गया है. इसमें 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार का है.

सरकार की लोन लेने की कैपेसिटी बढ़ी

टैक्स कंसलटेंट और मध्य प्रदेश टेक्स लॉ बार के सचिव मनीष त्रिपाठी का कहना है कि नियमानुसार सरकार जीडीपी का 3.50% तक लोन ले सकती है. पिछले महीनों में मध्य सरकार की जीडीपी में बढ़ोतरी हुई है, जिस वजह से सरकार की लोन लेने की कैपेसिटी भी बढ़ गई है. जिसके चलते सरकार ने फिर से 2 हजार करोड़ का लोन लिया है. त्रिपाठी का मानना है कि आने वाले समय में आगे भी सरकार कुछ और लोन ले सकती है.

ठीक नहीं हो पाया आर्थिक प्रबंधन

आर्थिक जानकार राजेंद्र कोठारी का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार आर्थिक प्रबंधन ठीक नहीं कर पा रही है. लगातार पार्टी के प्रचार में बजट के विपरीत इधर-उधर खर्च हो रहा है, और लोग ताली बजा रहे हैं. मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान लगातार वित्तीय कुप्रबंधन के चलते जनता गरीब हो रही है.

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भ्रष्टाचार के लिए लोन ले रही सरकार

प्रदेश सरकार द्वारा एक बार फिर लोन लेने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने भ्रष्टाचार के लिए लोन लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि सरकार लोन तो ले रही है लेकिन जनता को कोई राहत नहीं है. पेट्रोल और डीजल लगातार महंगे होते जा रहे हैं. जनता को बिजली भी सस्ती नहीं मिल पा रही है. किसान खाद के लिए परेशान है.

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया घोषणाएं पर घोषणाएं करते जा रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. शिवराज सरकार ने एक बार फिर 2000 करोड़ का कर्ज लिया है. जानकारी के मुताबिक, यह कर्ज प्रदेश में चल रही सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है. इस वित्तीय वर्ष में अब तक 10 हजार करोड़ का कर्ज मप्र सरकार द्वारा लिया जा चुका है. सरकार पर अब तक 2 लाख 53 हजार करोड़ का कर्ज हो गया है. इसमें 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार का है.

सरकार की लोन लेने की कैपेसिटी बढ़ी

टैक्स कंसलटेंट और मध्य प्रदेश टेक्स लॉ बार के सचिव मनीष त्रिपाठी का कहना है कि नियमानुसार सरकार जीडीपी का 3.50% तक लोन ले सकती है. पिछले महीनों में मध्य सरकार की जीडीपी में बढ़ोतरी हुई है, जिस वजह से सरकार की लोन लेने की कैपेसिटी भी बढ़ गई है. जिसके चलते सरकार ने फिर से 2 हजार करोड़ का लोन लिया है. त्रिपाठी का मानना है कि आने वाले समय में आगे भी सरकार कुछ और लोन ले सकती है.

ठीक नहीं हो पाया आर्थिक प्रबंधन

आर्थिक जानकार राजेंद्र कोठारी का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार आर्थिक प्रबंधन ठीक नहीं कर पा रही है. लगातार पार्टी के प्रचार में बजट के विपरीत इधर-उधर खर्च हो रहा है, और लोग ताली बजा रहे हैं. मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान लगातार वित्तीय कुप्रबंधन के चलते जनता गरीब हो रही है.

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भ्रष्टाचार के लिए लोन ले रही सरकार

प्रदेश सरकार द्वारा एक बार फिर लोन लेने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने भ्रष्टाचार के लिए लोन लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि सरकार लोन तो ले रही है लेकिन जनता को कोई राहत नहीं है. पेट्रोल और डीजल लगातार महंगे होते जा रहे हैं. जनता को बिजली भी सस्ती नहीं मिल पा रही है. किसान खाद के लिए परेशान है.

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