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डॉक्टर बना 'कोरोना स्प्रेडर', प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी बेखबर, नहीं दे पाए मीडिया के सवालों के जवाब - Health Minister Prabhuram Choudhary

भोपाल (Bhopal News) में जेपी अस्पताल (JP Hospital) के सोनोग्राफी सेंटर में पदस्थ डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव (Sonography Doctor Found Corona Positive) होने के बाद भी गर्भवती महिलाओं की जांच करते रहे. रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर को भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में भर्ती कराया गया है. इस दौरान उन्होंने 150 से 500 गर्भवती महिलाओं की जांच की (Tested 500 Pregnant Women). जिनसे कॉन्टेक्ट कर कोविड टेस्ट कराने को भी अस्पताल प्रबंधन कह रहा है. दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री भी मामले से अंजान दिखे.

jp hospital sonography doctor found corona positive
जेपी अस्पताल
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Published : Nov 18, 2021, 5:53 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 6:42 PM IST

भोपाल (Bhopal News)। जेपी अस्पताल (JP Hospital) से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई. जहां सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव (Sonography Doctor Found Corona Positive) होने के बाद भी कई गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी करते रहे. रिपोर्ट मिलने के बाद डॉक्टर को भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में भर्ती कराया गया. वहीं उससे भी ज्यादा इस बात से हैरानी हुई कि मामले की स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health Minister Prabhuram Choudhary) को जानकारी तक नहीं थी. मीडिया ने जब उनसे मामले से संबंधित सवाल पूछे, तो वह कुछ भी ठीक से नहीं बता सके.

विभाग भी मामले में पर्दा डालने में लगा हुआ है. अस्पताल अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि जिन महिलाओं ने उनके द्वारा सोनोग्राफी कराई थी, उनको ऑब्जरवेशन में रखा जा रहा है. इस खबर के बाद अस्पताल में आई अन्य महिलाओं में दहशत का माहौल है. सोनोग्राफी सेंटर को भी बंद कर दिया गया है.

मंत्री को जानकारी नहीं

स्वास्थ्य मंत्री सवालों से बचते दिखे
अस्पताल में आ रही अन्य गर्भवती महिलाओं में दहशत का माहौल है. इनका कहना है कि अगर डॉक्टर पॉजिटिव थे और उनको शंका थी तो उन्हें अस्पताल आना ही नहीं थाय. ऐसे में इनके मन में भी अब डर का माहौल है. इधर स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से जब इस बारे में पूछा गया तो वह भी मामले को नजरअंदाज कर गए और इसमें ज्यादा जानकारी नहीं होने की बात कही.

सोनोग्राफी सेंटर बंद

150 से 500 गर्भवती की सोनोग्राफी की
कोरोना का शिकार हुए डॉक्टर का नाम राजेंद्र गुप्ता है. कोविड सिम्टम्स होने बाद भी वह सोनोग्राफी करते रहे. इस दौरान 7 दिनों में उन्होंने लगभग 150 से 500 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की (Tested 500 Pregnant Women). बताया जा रहा है कि डॉक्टर गुप्ता की वाइफ भी कोविड पॉजिटिव थीं. ऐसे में उन्होंने खुद का टेस्ट तो कराया, लेकिन लापरवाही बरतते हुए रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं किया. मंगलवार को डॉक्टर राजेंद्र गुप्ता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो बुधवार को उनको AIIMS में भर्ती कराया गया.

बदलेगा Habibganj Police Station का नाम! गृह विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, गृहमंत्री बोले- जल्द किया जाएगा विचार

मामले को दबाने की कोशिश
स्वास्थ्य विभाग अब इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. अस्पताल अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि जैसे ही डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एम्स में फिलहाल वह भर्ती हैं, वहीं जिन महिलाओं की उन्होंने सोनोग्राफी की थी, उन सभी को ऑब्जरवेशन में रखकर निगरानी की जा रही है. कई को फोन लगाकर भी जांच कराने को बोला जा रहा है. वहीं, सोनोग्राफी सेंटर पर ताला लगा दिया गया है.

भोपाल (Bhopal News)। जेपी अस्पताल (JP Hospital) से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई. जहां सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव (Sonography Doctor Found Corona Positive) होने के बाद भी कई गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी करते रहे. रिपोर्ट मिलने के बाद डॉक्टर को भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में भर्ती कराया गया. वहीं उससे भी ज्यादा इस बात से हैरानी हुई कि मामले की स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health Minister Prabhuram Choudhary) को जानकारी तक नहीं थी. मीडिया ने जब उनसे मामले से संबंधित सवाल पूछे, तो वह कुछ भी ठीक से नहीं बता सके.

विभाग भी मामले में पर्दा डालने में लगा हुआ है. अस्पताल अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि जिन महिलाओं ने उनके द्वारा सोनोग्राफी कराई थी, उनको ऑब्जरवेशन में रखा जा रहा है. इस खबर के बाद अस्पताल में आई अन्य महिलाओं में दहशत का माहौल है. सोनोग्राफी सेंटर को भी बंद कर दिया गया है.

मंत्री को जानकारी नहीं

स्वास्थ्य मंत्री सवालों से बचते दिखे
अस्पताल में आ रही अन्य गर्भवती महिलाओं में दहशत का माहौल है. इनका कहना है कि अगर डॉक्टर पॉजिटिव थे और उनको शंका थी तो उन्हें अस्पताल आना ही नहीं थाय. ऐसे में इनके मन में भी अब डर का माहौल है. इधर स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से जब इस बारे में पूछा गया तो वह भी मामले को नजरअंदाज कर गए और इसमें ज्यादा जानकारी नहीं होने की बात कही.

सोनोग्राफी सेंटर बंद

150 से 500 गर्भवती की सोनोग्राफी की
कोरोना का शिकार हुए डॉक्टर का नाम राजेंद्र गुप्ता है. कोविड सिम्टम्स होने बाद भी वह सोनोग्राफी करते रहे. इस दौरान 7 दिनों में उन्होंने लगभग 150 से 500 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की (Tested 500 Pregnant Women). बताया जा रहा है कि डॉक्टर गुप्ता की वाइफ भी कोविड पॉजिटिव थीं. ऐसे में उन्होंने खुद का टेस्ट तो कराया, लेकिन लापरवाही बरतते हुए रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं किया. मंगलवार को डॉक्टर राजेंद्र गुप्ता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो बुधवार को उनको AIIMS में भर्ती कराया गया.

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मामले को दबाने की कोशिश
स्वास्थ्य विभाग अब इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. अस्पताल अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि जैसे ही डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एम्स में फिलहाल वह भर्ती हैं, वहीं जिन महिलाओं की उन्होंने सोनोग्राफी की थी, उन सभी को ऑब्जरवेशन में रखकर निगरानी की जा रही है. कई को फोन लगाकर भी जांच कराने को बोला जा रहा है. वहीं, सोनोग्राफी सेंटर पर ताला लगा दिया गया है.

Last Updated : Nov 18, 2021, 6:42 PM IST
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