भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नेशनल हेराल्ड की जमीन को लेकर बीजेपी सरकार की निगाहें टेड़ी हो गयी हैं. एमपी नगर में नेशनल हेराल्ड की जमीन की कीमत 300 करोड़ रुपए से ज्यादा है. नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने IAS की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इस मामले की जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि इस जमीन को 30 साल की लीज पर नेशनल हेराल्ड को दी गई थी. जिसमें शर्त यह थी कि 1 एकड़ जमीन पर किसी भी व्यवसायिक गतिविधि को नहीं किया जाएगा, लेकिन उसे बेच दिया गया. (National Herald Property Sealing) (MP Government Action in National Herald Case)
कोर्ट ने संपत्ति की जब्ती का कोई स्टे नहीं दिया: शुरुआती जांच में यह पता चला है कि मामला कोर्ट में है. लेकिन कोर्ट ने संपत्ति की जब्ती पर किसी तरह का कोई स्टे नहीं दिया है. अब सरकार इस संपत्ति को जब्त करेगी. दरअसल 1981 में कांग्रेस सरकार ने एक लाख रुपये में एक एकड़ भूमि 30 साल की लीज पर आवंटित की थी. जिसे वर्ष 2007 से 2009 के बीच कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बेच दिया गया. शर्तों का उल्लंघन होने पर वर्ष 2011 में भोपाल विकास प्राधिकरण (Bhopal Development Authority) द्वारा लीज निरस्त करने की कार्रवाई करने पर नेशनल हेराल्ड का प्रबंधन न्यायालय पहुंच गया. इसके साथ ही दुकानदारों ने भी याचिका दायर कर दी थी.
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अधिकारियों पर होगी कार्रवाई: नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) का कहना है कि ''जांच में पाया गया है कि कोर्ट ने सम्पत्ति को जब्त नहीं करने कोई आदेश नहीं दिया है. लिहाजा सरकार सम्पत्ति को सील करने की कार्रवाई पर विचार कर रही है. साथ ही जिन अधिकारियों के कार्यकाल में संपत्ति को बेचा गया, उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.
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