भोपाल। प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मंगलवार को काम बंद कर हड़ताल की. नियमितीकरण सहित तमाम मांगों को लेकर उन्होंने भोपाल स्थित एनएचएम मुख्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए. इनका कहना है कि, सरकार बार-बार आश्वासन ही देती है, लेकिन जल्द ही निराकरण नहीं हुआ तो यह सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल का असर स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों पर भी देखा गया. जिलों में भले ही इनकी हड़ताल के चलते अल्टरनेट ड्यूटी कर दूसरे कर्मचारियों को तैनात किया गया था. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक और प्राथमिक केंद्रों में कई जगह अव्यवस्थाएं नजर आईं. इसके चलते मरीज और आम जनता परेशान नजर आए.
MP Contract Health Workers कल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर, NHM के बाहर करेंगे प्रदर्शन
मांगों को लेकर कामबंद हड़ताल: नियमितीकरण सहित, वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन के मूड में हैं. अपने आंदोलन से सरकार पर बार-बार दबाव बना चुके संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने राजधानी में बिगुल फूंक दिया है. मंगलवार को इन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन के मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर घेराव किया. संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भदौरिया के अनुसार सरकार बार-बार इनको नियमित करने की बात कहती है, लेकिन करती नहीं है. कोरोना में कई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की थ, बावजूद इसके कई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को समय अवधि पूरी होने पर बाहर कर दिया गया. उनकी बहाली के साथ ही यह सभी खुद के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं.
कर्मचारियों की स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी: संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि, सरकार हर बार नियमितीकरण की बात कह कर टाल देती है. लेकिन इस बार यह पीछे हटने वाले नहीं हैं. इनके अनुसार, इनकी हड़ताल में प्रदेश भर में कार्यरत 20,000 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर रहे. इन्होंने चेतावनी दी कि, अगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया, तो आगे चल कर अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित करने को यह बाध्य होंगे. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. इसके बाद भले ही स्वास्थ्य सेवाएं खराब हो, सरकार उसके लिए जिम्मेदार होगी.