भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में फैमिली कोर्ट में एक अजीब मामला पहुंचा. इस मामले में एक पिता ने जन्म के छह माह बाद से ही बेटी को नहीं देखा था. उसकी पत्नी, पिता और बेटी को मिलवाने के लिए तैयार नहीं थी. आखिरकार कोर्ट ने बेटी और पिता को छह माह तक के लिए हर हफ्ते में एक दिन मिलने की परमिशन दे दी. इसके बाद दंपति ने दोबारा एक होने का फैसला लिया. बताया जा रहा है कि पति-पत्नी छह साल से अलग रह रहे थे.
इंटरकास्ट लव मैरिज हुई थी: जानकारी के अनुसार, दंपति की शादी 2014 में हुई थी और यह एक इंटरकास्ट लव मैरिज थी. शादी के बाद दोनों में मनमुटाव होने लगा. यहां तक कि बेटी के जन्म के बाद उसका नाम रखने और रीति-रिवाज निभाने को लेकर बहस होने लगी. नतीजा बेटी के जन्म के छह माह बाद 2016 से पति-पत्नी अलग रहने लगे. दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ अनेक मामले दर्ज कराए थे. कोर्ट ने काउंसलिंग में उन्हें समझाइश दी. इसके बाद पिता ने अपनी बेटी से मिलना शुरू कर दिया. जिसके बाद उसे महसूस हुआ कि उसके अभिमान में किसी का भला नहीं है, साथ ही बेटी के बिना रहना मुश्किल लगने लगा.
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पति ने की पुरानी गलतियां नहीं दोहराने की बात: पिछले माह युवक ने पत्नी को घर खरीद कर दिया. यह घर उसके पैतृक घर से निकट है. इसके बाद पति ने पत्नी को भरोसा दिलाया कि पिछली गलतियां नहीं दोहराई जाएंगी. पिता की बातों को सुनकर छह साल की बेटी ने भी मां से पिता के साथ रहने की जिद की. बेटी की इस मनुहार से मां भी इंकार नहीं कर पाई. कोर्ट में पत्नी ने माना कि वह बीती बातों को छोड़कर, नई शुरूआत करेगी.
(Bhopal Family Court Unique Case) (Husband wife met again because of daughter)