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मेडिकल स्टाफ को बेघर करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कसी कमर

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Published : Mar 26, 2020, 8:52 AM IST

भोपाल कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि घबराए नहीं, कोरोना पॉजिटव मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की सही समय पर जांच होगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद कलेक्टर ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव बनाकर मकान खाली कराने वालों पर कार्रवाई कर रही है.

Collector appeals to live in peace
कलेक्टर ने की शांति बरतने की अपील

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित एक और पॉजिटिव केस सामने आने के बाद शहर में डर का माहौल बन गया है क्योंकि जो मरीज पॉजिटिव पाया गया है, उसके संपर्क में काफी लोग आए हैं. यही वजह है कि लोग अब अपनी भी कोरोना वायरस की जांच कराने की मांग कर रहे हैं. हालांकि भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने वीडियो के जरिए सभी को आश्वस्त किया है कि समय आने पर सभी लोगों की जांच की जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद कलेक्टर ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव बनाकर मकान खाली कराने पर रोक लगा दी है.

bhopal collector order
भोपाल कलेक्टर का आदेश

स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में चल रहा इलाज

कलेक्टर ने वीडियो के माध्यम से कहा कि राजधानी में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में किया जा रहा है. जिले में एक और मरीज के सामने आने के बाद कुछ लोगों में काफी तनाव है क्योंकि काफी लोग उस व्यक्ति के संपर्क में आए थे, लेकिन हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि जितने भी लोग पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उन सभी लोगों से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार संपर्क कर रही है. उनकी स्थिति को जानने का काम लगातार किया जा रहा है.

कलेक्टर ने की शांति बरतने की अपील

सही समय पर होगी जांच

कलेक्टर ने बताया कि अभी तक की स्थिति में जो चीजें सामने निकल कर आई हैं, उसमें अन्य किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस के सिम्टम्स नहीं दिखाई दे रहे हैं, फिलहाल अभी किसी की भी जांच नहीं होगी, जब सही समय होगा उस समय ही जांच की जाएगी क्योंकि जो प्रोटोकॉल जांच के लिए बनाए गए हैं, उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी क्योंकि जब किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के सिम्टम्स दिखाई देते हैं, तब उसकी जांच की जाती है.

खुद को करें आइसोलेट

कलेक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस विषय पर बातचीत की गई है. जिनका कहना है कि अभी तुरंत लोगों के सैंपल लेने की जरूरत नहीं है, यदि अभी सैंपल लिए भी जाते हैं तो जांच में सही तथ्य सामने नहीं आ पाएंगे. जितने भी लोग ऐसे हैं जो पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए थे, उन सभी को इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने परिवार के भी संपर्क में न आएं, इसके अलावा अपने आपको घर में ही आइसोलेट करें, इससे संक्रमण फैलने का डर खत्म हो जाता है.

स्वास्थ्य विभाग के जारी नंबर पर करें संपर्क

कलेक्टर ने लोगों से कहा कि किसी भी तरह की समस्या होने पर आप तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार 24 घंटे काम कर रही है और जरूरत पड़ने पर तत्काल स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. जिन लोगों को संदिग्ध होने का डर लग रहा है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक दिन उनसे संपर्क करेगी.

स्वास्थ्य कर्मियों के मकान खाली कराने पर सीएम ने लगाई रोक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद भोपाल कलेक्टर ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव बनाकर मकान खाली कराने पर रोक लगा दी है, कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद कुछ मकान मालिक उनके घर में किराए से रह रहे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों को मकान खाली करने के लिए कह रहे थे. जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची थी.

शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने भी आश्वस्त किया था कि किसी को भी ऐसे समय पर मकान खाली करने का दबाव नहीं बनाना चाहिए. यही वजह है कि भोपाल कलेक्टर ने भी तत्काल प्रभाव से मकान खाली करने के लिए दबाव बनाने पर रोक लगा दी है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. देर रात जारी आदेश में बताया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण जैसी महामारी की रोकथाम में लगे स्टाफ पर दबाव बनाकर मकान खाली करवाने पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लागू किया गया है.

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम और धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है, जिसमें भोपाल जिले में पदस्थ समस्त अनुविभागीय दंडाधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि ऐसे व्यक्तियों को जो मकान खाली करने के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर अनावश्यक दबाव बनाते हैं, उनके विरुद्ध विद्यमान कानून और नियमों के अंतर्गत सख्त कार्रवाई करें और की गई कार्रवाई का प्रतिदिन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए. ये आदेश तत्काल प्रभावी होगा.

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित एक और पॉजिटिव केस सामने आने के बाद शहर में डर का माहौल बन गया है क्योंकि जो मरीज पॉजिटिव पाया गया है, उसके संपर्क में काफी लोग आए हैं. यही वजह है कि लोग अब अपनी भी कोरोना वायरस की जांच कराने की मांग कर रहे हैं. हालांकि भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने वीडियो के जरिए सभी को आश्वस्त किया है कि समय आने पर सभी लोगों की जांच की जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद कलेक्टर ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव बनाकर मकान खाली कराने पर रोक लगा दी है.

bhopal collector order
भोपाल कलेक्टर का आदेश

स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में चल रहा इलाज

कलेक्टर ने वीडियो के माध्यम से कहा कि राजधानी में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में किया जा रहा है. जिले में एक और मरीज के सामने आने के बाद कुछ लोगों में काफी तनाव है क्योंकि काफी लोग उस व्यक्ति के संपर्क में आए थे, लेकिन हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि जितने भी लोग पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उन सभी लोगों से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार संपर्क कर रही है. उनकी स्थिति को जानने का काम लगातार किया जा रहा है.

कलेक्टर ने की शांति बरतने की अपील

सही समय पर होगी जांच

कलेक्टर ने बताया कि अभी तक की स्थिति में जो चीजें सामने निकल कर आई हैं, उसमें अन्य किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस के सिम्टम्स नहीं दिखाई दे रहे हैं, फिलहाल अभी किसी की भी जांच नहीं होगी, जब सही समय होगा उस समय ही जांच की जाएगी क्योंकि जो प्रोटोकॉल जांच के लिए बनाए गए हैं, उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी क्योंकि जब किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के सिम्टम्स दिखाई देते हैं, तब उसकी जांच की जाती है.

खुद को करें आइसोलेट

कलेक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस विषय पर बातचीत की गई है. जिनका कहना है कि अभी तुरंत लोगों के सैंपल लेने की जरूरत नहीं है, यदि अभी सैंपल लिए भी जाते हैं तो जांच में सही तथ्य सामने नहीं आ पाएंगे. जितने भी लोग ऐसे हैं जो पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए थे, उन सभी को इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने परिवार के भी संपर्क में न आएं, इसके अलावा अपने आपको घर में ही आइसोलेट करें, इससे संक्रमण फैलने का डर खत्म हो जाता है.

स्वास्थ्य विभाग के जारी नंबर पर करें संपर्क

कलेक्टर ने लोगों से कहा कि किसी भी तरह की समस्या होने पर आप तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार 24 घंटे काम कर रही है और जरूरत पड़ने पर तत्काल स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. जिन लोगों को संदिग्ध होने का डर लग रहा है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक दिन उनसे संपर्क करेगी.

स्वास्थ्य कर्मियों के मकान खाली कराने पर सीएम ने लगाई रोक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद भोपाल कलेक्टर ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव बनाकर मकान खाली कराने पर रोक लगा दी है, कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद कुछ मकान मालिक उनके घर में किराए से रह रहे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य कर्मियों को मकान खाली करने के लिए कह रहे थे. जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची थी.

शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने भी आश्वस्त किया था कि किसी को भी ऐसे समय पर मकान खाली करने का दबाव नहीं बनाना चाहिए. यही वजह है कि भोपाल कलेक्टर ने भी तत्काल प्रभाव से मकान खाली करने के लिए दबाव बनाने पर रोक लगा दी है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. देर रात जारी आदेश में बताया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण जैसी महामारी की रोकथाम में लगे स्टाफ पर दबाव बनाकर मकान खाली करवाने पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लागू किया गया है.

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम और धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है, जिसमें भोपाल जिले में पदस्थ समस्त अनुविभागीय दंडाधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि ऐसे व्यक्तियों को जो मकान खाली करने के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर अनावश्यक दबाव बनाते हैं, उनके विरुद्ध विद्यमान कानून और नियमों के अंतर्गत सख्त कार्रवाई करें और की गई कार्रवाई का प्रतिदिन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए. ये आदेश तत्काल प्रभावी होगा.

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