भोपाल। लहसुन का सही दाम ना मिलने से परेशान किसान लहसुन नदी नालों में फेंक रहा है. धार जिले के एक किसान सुनील पाटीदार ने अपनी समस्या को लेकर जब कृषि मंत्री कमल पटेल को फोन लगाया और अपनी परेशानी बताई. इस पर मंत्री जी ने खुद अपनी दिक्कत उसे बता दी. कहा कि लहसुन उनके विभाग में नहीं आता है. हालांकि मंत्री ने किसान को भरोसा भी दिया. सोशल मीडिया पर कृषि मंत्री और किसान की बातचीत का यह ऑडियो वायरल हो रहा है.
किसान- हेलो जय श्री राम.
कृषि मंत्री- कौन बोल रहे हैं.?
किसान- जी, मैं सुनील पाटीदार बोल रहा हूं, धार मध्य प्रदेश से.
कृषि मंत्री- हां बोलो..बोलो.
किसान- सर, ये लहसुन का रेट क्या है क्या नहीं.?
कृषि मंत्री- लहसुन का रेट मैं कहां से दे दूं यार भैया..थोड़े दिन रुको अभी. दो महीने रुको रेट चार गुना हो जाएंगे.
किसान- अरे कहां से हो जाएंगे, नई फसल लगने वाली है एक महीने बाद तो.
कृषि मंत्री- तो फिर एक महीने बाद नई लगने वाली है, तो अभी तक रेट कहां गए थे? क्यों नहीं बेचा पहले.
किसान- वही तो समझ नहीं आ रहा था. 700-800 तो फरवरी मार्च महीने से चल रहे.
कृषि मंत्री- फसल कब आई थी.?
Kamal Patel statement कृषि मंत्री कमल पटेल की अफसरों को धमकी, जो गड़बड़ करेगा उसे उल्टा लटका देंगे
किसान- फसल अब नवंबर में लगने वाली है. फरवरी में एक फसल निकल गई. मैंने आपका एक स्टेटमेंट देखा एक और नई फसल आ रही है. अभी तो नई फसल लगने वाली है.
कृषि मंत्री- नई फसल पर मेरा कोई स्टेटमेंट नहीं हैं, सुनो, मेरे पास कृषि विभाग है. इसमें लहसुन-प्याज आता ही नहीं हैं. ये उद्यानिकी विभाग में आता है. उद्यानिकी मंत्री से बात करो. मैं किसान हूं. इसलिए तुम्हारा सपोर्ट करता हूं.
किसान– थोड़ा सपोर्ट कर दो ना.
कृषि मंत्री- मैं किसान के लिए कृषि मंत्री और कृषि सचिव से बात करके आया हूं. कि इसका निर्यात खोल दो. कभी-कभी तुमको रेट डबल-ट्रिपल मिलता है.
किसान- वो तो मिलते हैं, मगर अभी दो साल से किसान परेशान हो रहा है.
कृषि मंत्री- तो ऐसी चीजें मत बो, जिसके रेट अच्छे मिलें वो उगाओ
किसान- कौन सी फसल बोएं.? प्याज की भी लागत नहीं निकल रही है. किसान की लागत नहीं निकल रही. सोयाबीन भी फसल खराब हो गई. कोई अधिकारी धार जिले में सर्वे को भी नहीं आ रहा.
कृषि मंत्री- मूंग में खूब कमाई हो रही है.
किसान- धार जिले में मूंग होती नहीं है. धार जिले में सोयाबीन, मटर, गेहूं की खेती होती है.
कृषि मंत्री- अरे, तुम्हारे यहां तो नर्मदा जी की पाइप लाइन है ना.
किसान- अभी कहां आई है नर्मदा जी की पाइप लाइन उसे आने में तो टाइम लग जाएंगे.
कृषि मंत्री- चलो ठीक है भै्या तुम्हारे लिए कुछ करते हैं.
किसान– तो कुछ तो करवाओ मंत्री जी., कुछ राहत राशि तो दिलवाओ.