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प्राइवेटाइजेशन के विरोध में बैंकों की हड़ताल, दो दिन प्रभावित रहेगा कामकाज - प्राइवेटाइजेशन के विरोध में बैंकों की हड़ताल

देशभर में निजीकरण का विरोध तेज हो गया है. रेलवे के साथ अब बैंक कर्मचारी भी हड़ताल का मन बना सके हैं.

Two day bank strike
दो दिन की बैंक हड़ताल
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Published : Mar 14, 2021, 5:49 PM IST

भोपाल। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जिससे आम जनता की परेशानियां बढ़ सकती है. बैंक कर्मचारी 15 और 16 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे. अगले चार दिन तक बैंकों के कामकाज पूरी तरह से ठप होने जा रहे हैं. क्योंकि 13 मार्च को सेकंड शनिवार है. जिसके कारण बैंकों की छुट्टी रहती है. वहीं अगले दिन 14 मार्च को रविवार का दिन रहेगा और फिर दो दिन अवकाश रहेगा.

सरकारी बैकों के साथ प्राइवेट बैंक भी शामिल

15 से 16 तक बैंक कर्मचारियों की हड़ताल रहेगी. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के कोआर्डिनेटर वीके शर्मा का कहना है कि हड़ताल में देशभर के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल होंगे और हड़ताल इतना व्यापक रहेगी कि देशभर के तमाम सरकारी बैंकों के ताले नहीं खुलेंगे. साथ ही पुराने प्राइवेट बैंक भी इस बंद शामिल रहेंगे. 15 ओर 16 को हड़ताल होने से कुल 4 दिन का बैंक मे कामकाज प्रभावित हुआ. क्योंकि 13 मार्च को सेकंड शनिवार है, जिसके कारण बैंकों की छुट्टी रही है. वहीं अगले दिन 14 मार्च को रविवार का दिन है, ऐसे में कुल 4 दिन की बैंकिंग प्रभावित होगी.

निजीकरण के विरोध में दो दिन की बैंक हड़ताल

दो दिन की हड़ताल पर गए बैंककर्मी, सरकारी बैंकों में लटके ताले

बैंक कर्मी निजीकरण का कर रहे विरोध

वीके शर्मा का कहना है कि हड़ताल से हम केंद्र सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि सरकार अपने निजीकरण के फैसले को विराम दे. सरकार निजीकरण को जाम काम कर रही है ये किसान, गरीब और आम जनता के विरोधी फैसला है. बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा तो सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों की शाखा बंद हो जाएगा. कोरोना के कारण यूनियन को रैली की इजाजत नहीं दी गई है. सभी बैंक कर्मचारियों को हड़ताल वाले दिन के लिए निर्देश दिए गए है. बैंकों में ताला डालकर बैंककर्मी बैंक के सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रदर्शन करे.

भोपाल। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जिससे आम जनता की परेशानियां बढ़ सकती है. बैंक कर्मचारी 15 और 16 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे. अगले चार दिन तक बैंकों के कामकाज पूरी तरह से ठप होने जा रहे हैं. क्योंकि 13 मार्च को सेकंड शनिवार है. जिसके कारण बैंकों की छुट्टी रहती है. वहीं अगले दिन 14 मार्च को रविवार का दिन रहेगा और फिर दो दिन अवकाश रहेगा.

सरकारी बैकों के साथ प्राइवेट बैंक भी शामिल

15 से 16 तक बैंक कर्मचारियों की हड़ताल रहेगी. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के कोआर्डिनेटर वीके शर्मा का कहना है कि हड़ताल में देशभर के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल होंगे और हड़ताल इतना व्यापक रहेगी कि देशभर के तमाम सरकारी बैंकों के ताले नहीं खुलेंगे. साथ ही पुराने प्राइवेट बैंक भी इस बंद शामिल रहेंगे. 15 ओर 16 को हड़ताल होने से कुल 4 दिन का बैंक मे कामकाज प्रभावित हुआ. क्योंकि 13 मार्च को सेकंड शनिवार है, जिसके कारण बैंकों की छुट्टी रही है. वहीं अगले दिन 14 मार्च को रविवार का दिन है, ऐसे में कुल 4 दिन की बैंकिंग प्रभावित होगी.

निजीकरण के विरोध में दो दिन की बैंक हड़ताल

दो दिन की हड़ताल पर गए बैंककर्मी, सरकारी बैंकों में लटके ताले

बैंक कर्मी निजीकरण का कर रहे विरोध

वीके शर्मा का कहना है कि हड़ताल से हम केंद्र सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि सरकार अपने निजीकरण के फैसले को विराम दे. सरकार निजीकरण को जाम काम कर रही है ये किसान, गरीब और आम जनता के विरोधी फैसला है. बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा तो सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों की शाखा बंद हो जाएगा. कोरोना के कारण यूनियन को रैली की इजाजत नहीं दी गई है. सभी बैंक कर्मचारियों को हड़ताल वाले दिन के लिए निर्देश दिए गए है. बैंकों में ताला डालकर बैंककर्मी बैंक के सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रदर्शन करे.

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