ETV Bharat / city

इस बार महंगी 'कुर्बानी' : कोरोना का साया, कारोबारी और ग्राहक दोनों मायूस, बड़े बकरे बस के बाहर

बकरीद पर बकरों की मंडिया सजी हुई हैं. लोग बकरे खरीदने बाजार में आ रहे हैं, लेकिन बकरों के दाम सुनकर वो पीछे हट जाते हैं. बकरा कारोबारी और ग्राहक दोनों मानते हैं कि कोरोना का यहां भी साया है. उनकी जेब इजाजत नहीं देती कि वो महंगा बकरा खरीद सकें

costly sacrifice
इस बार महंगी 'कुर्बानी'
author img

By

Published : Jul 20, 2021, 11:25 AM IST

भोपाल। बकरीद पर कुर्बानी का अपना महत्व है. कुर्बानी भी ज्यादातर बकरों की ही दी जाती है. बकरों की कीमत का मसला भी काफी दिलचस्प है. दुकानदार कहता है कि पिछले साल से बकरे सस्ते हैं. खरीददार नहीं मिल रहा. लेकिन जब ग्राहकों से पूछो तो वो कहते हैं, बकरे इतने महंगे हैं कि हमारे बजट से बाहर हैं.

इस बार महंगी पड़ रही है कुर्बानी

भोपाल में बकरों की कई मंडियां हैं. हर साल बकरीद आती है, लेकिन इस बार कोरोना का साया इस पर भी है. बकरा व्यापारी फिरोज का कहना है कि ये सही है कि पिछले साल से इस बार बकरा महंगा है. कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना आम लोगों के बस के बाहर होता जा रहा है. हमें पता है लोगों पर क्या बीत रही है. जब हमें ही चीज महंगी मिल रही है तो ग्राहकों को भी महंगी ही मिलेगी. फिरोज बताते हैं कि कई तरह के बकरे मंडी में हैं. ये 10 हजार से लेकर 40 हजार तक की रेंज में हैं. वैसे बाजार में लाखों रुपए के बकरे भी हैं. लेकिन अपने यहां मालवा नस्ल के ज्यादा चलते हैं. यहां लोकल माल ही ज्यादा खपता है.

bakra eid
बजट से बाहर बकरा

बजट से बाहर बकरा

व्यापारी की अपनी समस्या है तो बकरों के बढ़ते दाम से खरीददार भी परेशान है. मंडी में बकरा खरीदने आए बाबर का कहना है कि बकरा खरीदना अब मिडिल क्लास के बस की बात नहीं है. आम तौर पर हमारे जैसे लोगों का बजट 8-12 हजार होता है. लेकिन इस रेंज में बकरा मिलता ही नहीं है. बाबर कहते हैं कि जरूरी नहीं है कि हर कोई बकरे की कुर्बानी दे. धार्मिक नजरिए की बात करें तो बाबर ने बताया कि अगर आपके बजट में हो, तभी बकरा खरीदें. अगर आप के पास पैसे नहीं है तो कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना जरूरी नहीं है. बस दिल से दुआ कर लें, वो भी उतना ही कमाल करेगी.

bakra eid
बड़ा बकरा बस में नहीं

कुर्बानी पर कोरोना की मार

बकरा खरीदने आए लोग कहते हैं कि बकरा महंगा हो गया है. व्यापारी कह रहे हैं कि दाम नहीं मिल रहे हैं. हकीकत दोनों के दावों के कुछ बीच की है. बकरा व्यापारी खेमचंद खटीक बताते हैं कि धंधा कमजोर पड़ गया है. बड़े बकरों की रेंज कम हो गई है. पहले बड़े बकरे का दाम 30 से 35 हजार के बीच मिल जाता था. अब ये घटकर 20 से 25 हजार रह गई है. खेमचंद भी मानते हैं कि लोगों के पास पैसा ही नहीं है, तो वे बड़े बकरे क्यों खरीदेंगे. ज्यादातर ग्राहक सस्ते बकरे ढूंढ रहे हैं. सभी का काम चलना चाहिए.

bakra eid
कुर्बानी पर कोरोना का साया

70 हजार तो मिल रहे हैं, मेरी डिमांड 90 हजार है

वैसे भोपाल मंडी में कुछ स्पेशल बकरे भी हैं. ऐसे ही एक बड़े बकरे के मालिक हैं रहमान. वो बताते हैं कि ये बकरा खास है. लोग इसके 70 हजार रुपए देने को तैयार हैं. लेकिन मैं थोड़ा और इंतजार कर रहा हूं. मैं इसके लिए 90 हजार रुपए मांग रहा हूं. रहमान ने बताया कि ये तोता परी नस्ल का बकरा है. इसका वजन 140 किलो है. मेरी डिमांड 90 हजार की है. देखते हैं फाइनली क्या मिलता है.

bakra eid
कारोबारी और ग्राहक दोनों मायूस

King of the kings है यह बकरा, डाइट में लेता है- 2 किलो दूध, 500 ग्राम देसी घी-मक्खन

रहमान ने बताई काम की बात

रहमान एक अच्छी बात भी बताते हैं. वो कहते हैं कि जरूरी नहीं सभी लोग बड़ा और महंगा बकरा ही खरीदें. मान्यताओं के मुताबिक बकरा एक साल से बड़ा होना चाहिए और वो स्वस्थ हो. बाकी सब शौक की बात है. छोटे बकरे की कुर्बानी भी सही है. जिसके पास जितना पैसा है उसका शौक उतना बड़ा है. ज्यादा पैसा है तो लाखों का बकरा भी है, खरीद लो.

भोपाल। बकरीद पर कुर्बानी का अपना महत्व है. कुर्बानी भी ज्यादातर बकरों की ही दी जाती है. बकरों की कीमत का मसला भी काफी दिलचस्प है. दुकानदार कहता है कि पिछले साल से बकरे सस्ते हैं. खरीददार नहीं मिल रहा. लेकिन जब ग्राहकों से पूछो तो वो कहते हैं, बकरे इतने महंगे हैं कि हमारे बजट से बाहर हैं.

इस बार महंगी पड़ रही है कुर्बानी

भोपाल में बकरों की कई मंडियां हैं. हर साल बकरीद आती है, लेकिन इस बार कोरोना का साया इस पर भी है. बकरा व्यापारी फिरोज का कहना है कि ये सही है कि पिछले साल से इस बार बकरा महंगा है. कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना आम लोगों के बस के बाहर होता जा रहा है. हमें पता है लोगों पर क्या बीत रही है. जब हमें ही चीज महंगी मिल रही है तो ग्राहकों को भी महंगी ही मिलेगी. फिरोज बताते हैं कि कई तरह के बकरे मंडी में हैं. ये 10 हजार से लेकर 40 हजार तक की रेंज में हैं. वैसे बाजार में लाखों रुपए के बकरे भी हैं. लेकिन अपने यहां मालवा नस्ल के ज्यादा चलते हैं. यहां लोकल माल ही ज्यादा खपता है.

bakra eid
बजट से बाहर बकरा

बजट से बाहर बकरा

व्यापारी की अपनी समस्या है तो बकरों के बढ़ते दाम से खरीददार भी परेशान है. मंडी में बकरा खरीदने आए बाबर का कहना है कि बकरा खरीदना अब मिडिल क्लास के बस की बात नहीं है. आम तौर पर हमारे जैसे लोगों का बजट 8-12 हजार होता है. लेकिन इस रेंज में बकरा मिलता ही नहीं है. बाबर कहते हैं कि जरूरी नहीं है कि हर कोई बकरे की कुर्बानी दे. धार्मिक नजरिए की बात करें तो बाबर ने बताया कि अगर आपके बजट में हो, तभी बकरा खरीदें. अगर आप के पास पैसे नहीं है तो कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना जरूरी नहीं है. बस दिल से दुआ कर लें, वो भी उतना ही कमाल करेगी.

bakra eid
बड़ा बकरा बस में नहीं

कुर्बानी पर कोरोना की मार

बकरा खरीदने आए लोग कहते हैं कि बकरा महंगा हो गया है. व्यापारी कह रहे हैं कि दाम नहीं मिल रहे हैं. हकीकत दोनों के दावों के कुछ बीच की है. बकरा व्यापारी खेमचंद खटीक बताते हैं कि धंधा कमजोर पड़ गया है. बड़े बकरों की रेंज कम हो गई है. पहले बड़े बकरे का दाम 30 से 35 हजार के बीच मिल जाता था. अब ये घटकर 20 से 25 हजार रह गई है. खेमचंद भी मानते हैं कि लोगों के पास पैसा ही नहीं है, तो वे बड़े बकरे क्यों खरीदेंगे. ज्यादातर ग्राहक सस्ते बकरे ढूंढ रहे हैं. सभी का काम चलना चाहिए.

bakra eid
कुर्बानी पर कोरोना का साया

70 हजार तो मिल रहे हैं, मेरी डिमांड 90 हजार है

वैसे भोपाल मंडी में कुछ स्पेशल बकरे भी हैं. ऐसे ही एक बड़े बकरे के मालिक हैं रहमान. वो बताते हैं कि ये बकरा खास है. लोग इसके 70 हजार रुपए देने को तैयार हैं. लेकिन मैं थोड़ा और इंतजार कर रहा हूं. मैं इसके लिए 90 हजार रुपए मांग रहा हूं. रहमान ने बताया कि ये तोता परी नस्ल का बकरा है. इसका वजन 140 किलो है. मेरी डिमांड 90 हजार की है. देखते हैं फाइनली क्या मिलता है.

bakra eid
कारोबारी और ग्राहक दोनों मायूस

King of the kings है यह बकरा, डाइट में लेता है- 2 किलो दूध, 500 ग्राम देसी घी-मक्खन

रहमान ने बताई काम की बात

रहमान एक अच्छी बात भी बताते हैं. वो कहते हैं कि जरूरी नहीं सभी लोग बड़ा और महंगा बकरा ही खरीदें. मान्यताओं के मुताबिक बकरा एक साल से बड़ा होना चाहिए और वो स्वस्थ हो. बाकी सब शौक की बात है. छोटे बकरे की कुर्बानी भी सही है. जिसके पास जितना पैसा है उसका शौक उतना बड़ा है. ज्यादा पैसा है तो लाखों का बकरा भी है, खरीद लो.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.