भोपाल। अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के आयुर्वेदिक छात्रों ने अनिशिकालीन हड़ताल के तीसरे दिन सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया. भोपाल के आयुर्वेदिक अस्पताल के मेन गेट के बाहर बैठकर मंत्रोच्चार के बीच सरकार और आयुष विभाग के अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए आहुतियां डाली. आयुर्वेदिक छात्रों का कहना है कि मांगे नहीं मानी गईं तो यह हड़ताल लगातार जारी रहेगी.
सरकार को मिले सद्बुद्धि
प्रदेश के आयुर्वेदिक छात्रों का पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन तेजी पकड़ रहा है. अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन छात्रों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया. मेन गेट के बाहर बैठे इन छात्रों ने प्रदेश के आयुष विभाग और उससे जुड़े अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए आहुतियां भी डाली. मंत्रोच्चार के बीच सभी आयुर्वेदिक छात्रों ने प्रार्थना की कि, सरकार में बैठे लोगों को सद्बुद्धि मिले.
समर्थन में उतरे होम्योपैथिक छात्र
आयुर्वेदिक छात्रों की हड़ताल के समर्थन में अब होम्योपैथिक छात्र भी आ गए हैं. भोपाल के आयुर्वेदिक संस्थान परिसर में ही बैठे आयुर्वेदिक के छात्रों के साथ होम्योपैथिक के 400 छात्रों ने भी हड़ताल में शामिल होकर उनका समर्थन किया. होम्योपैथिक छात्रों का कहना है कि, आयुर्वेद की तरह ही होम्योपैथी के छात्र भी पिछले कई सालों से इन्हीं मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं, इसलिए अब आयुर्वेदिक छात्रों के समर्थन में उतरे हैं.
7 सरकारी और 13 प्राइवेट कॉलेज की छात्र शामिल
प्रदेश के आयुर्वेदिक छात्र अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन पर अग्रसर हो गया है. इसी कड़ी में भोपाल में आयुर्वेद कॉलेज का हब और तमाम अन्य मांगों को लेकर छात्रों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल का शंखनाद कर दिया गया है. प्रदेश भर में शुरू हुई हड़ताल में 7 सरकारी और 13 प्राइवेट कॉलेज के 7000 से अधिक छात्र शामिल हुए हैं.
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क्या है छात्रों की मांग
छात्रों का कहना है कि, पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार का कई बार इस ओर ध्यान आकर्षित कर आ चुके हैं, बावजूद इसके उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है. प्रदेश में आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थिति खराब होने और छात्रों को प्रॉपर सुविधा नहीं मिलने के चलते सभी छात्र अब हड़ताल पर हैं. छात्रों ने बताया कि, बुरहानपुर में आयुर्वेदिक कॉलेज में टीचर ही नहीं है, केवल दो से तीन पुराने टीचर काम कर रहे हैं. अधिकतर टीचरों ने ट्रांसफर लेकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि जिलों में ट्रांसफर करा लिया है, जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.